scriptन पंजाब की स्वीकृति, न राजस्थान की क्षमता, इसलिए मौज में पाकिस्तान | Neither the acceptance of Punjab nor the capacity of Rajasthan, hence | Patrika News

न पंजाब की स्वीकृति, न राजस्थान की क्षमता, इसलिए मौज में पाकिस्तान

locationहनुमानगढ़Published: Apr 04, 2021 07:24:36 am

Submitted by:

Purushottam Jha

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पुरुषोत्तम झा. हनुमानगढ़. इंदिरागांधी मुख्य नहर पंजाब व राजस्थान भाग में रीलाइनिंग कार्य को लेकर इस वक्त साठ दिन की बंदी ली जा रही है। इससे भविष्य में राजस्थान क्षेत्र की नहरों का रेग्यूलेशन पहले की तुलना में बेहतर होने के आसार हैं।
 

न पंजाब की स्वीकृति, न राजस्थान की क्षमता, इसलिए मौज में पाकिस्तान

न पंजाब की स्वीकृति, न राजस्थान की क्षमता, इसलिए मौज में पाकिस्तान

न पंजाब की स्वीकृति, न राजस्थान की क्षमता, इसलिए मौज में पाकिस्तान
-दोनों राज्यों के बीच समन्वय नहीं होने के कारण पाकिस्तान पानी भेजने का नहीं थम रहा सिलसिला
-डेढ़ वर्ष पहले पंजाब व राजस्थान के सीएम की हुई वार्ता का भी अब तक नहीं निकला कोई नतीजा

पुरुषोत्तम झा. हनुमानगढ़. इंदिरागांधी मुख्य नहर पंजाब व राजस्थान भाग में रीलाइनिंग कार्य को लेकर इस वक्त साठ दिन की बंदी ली जा रही है। इससे भविष्य में राजस्थान क्षेत्र की नहरों का रेग्यूलेशन पहले की तुलना में बेहतर होने के आसार हैं। परंतु बांधों में सर प्लस पानी की आवक होने पर इसे पाकिस्तान भेजने का सिलसिला रीलाइनिंग के कार्य के बाद भी नहीं थमने वाला है। क्योंकि हरिके बैराज का पौंड लेवल पंजाब उतना नहीं कर रहा, जितने लेवल की मांग राजस्थान कर रहा है।
इसे लेकर पंजाब व राजस्थान के सीएम की उच्च स्तरीय वार्ता भी गत दिनों हो चुकी है। लेकिन अब तक इसके नतीजे नहीं निकले नहीं हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पंजाब में राजनीतिक कारणों से हरिके बैराज का पौंड लेवल ६९० फुट से अधिक नहीं किया जा रहा है। इससे इंदिरागांधी नहर की डिजाइन के अनुसार इसमें १८५०० क्यूसेक पानी चलाना संभव नहीं हो रहा। पंजाब सरकार यदि हरिके बैराज का पौंड लेवल ६९१ फुट कर दे तो राजस्थान को नहर डिजाइन के अनुसार पानी मिलना संभव हो सकेगा। मगर राजनीतिक कारणों से पंजाब सरकार इस मामले में हाथ नहीं डाल रही। इसका खमियाजा राजस्थान को भुगतना पड़ रहा है। अगर लाभ-हानि की बात करें तो राजस्थान को इस समय दोहरा नुकसान हो रहा है। जानकारी के अनुसार बांध निर्माण के दौरान पौंग बांध में भराव क्षमता १४०० फीट निर्धारित किया गया था। इस बांध में भंडारित पानी में सर्वाधिक करीब पचास प्रतिशत हिस्सा राजस्थान का बनता है। लेकिन अब इस बांध में करीब १५ प्रतिशत सील्ट भर गई है। इसका सीधा नुकसान राजस्थान को रहा है। इसी तरह रावी व्यास के कुल पानी में ०.६ एमएफ पानी का विवाद अभी निपटा नहीं है। इसे सुलझाने को लेकर ना तो केंद्र सरकार ही गंभीर हो रही है और ना ही संबंधित राज्यों के प्रतिनिधि इसमें रुचि दिखा रहे हैं। इससे राजस्थान दोहरा नुकसान झेल रहा है।
इसलिए पाकिस्तान हो रहा सरसब्ज
मानसून सीजन के दौरान बांधों में निर्धारित क्षमता से अधिक पानी की आवक होने के बाद सरप्लस पानी को हरिके डाउन स्ट्रीम के जरिए पाकिस्तान भेजा जाता है। इसका कारण यह है कि पौंग बांध में काफी सील्ट जमा हो गई है। साथ ही पूर्ण भराव क्षमता यानी १४०० फीट तक इस बांध को पंजाब भरने भी नहीं देता। हालात ऐसे हैं कि अब इस बांध को १३८० फीट तक ही भरा जा रहा है। ऐसे में सर प्लस पानी के नाम पर लाखों क्यूसेक पानी हर वर्ष पाकिस्तान क्षेत्र में प्रवाहित किया जा रहा है। इस पानी को राजस्थान व पंजाब में भंडारित करने की व्यवस्था हो जाए तो इससे दोनों राज्यों के किसानों का भला हो सकता है। परंतु इसे लेकर आज तक दोनों राज्यों के की सरकारों ने ठोस योजना ही नहीं बनाई है।
कैसे मिले पूरा पानी
पौंग बांध को निर्धारित क्षमता के अनुसार नहीं भरने के कारण इसका सीधा असर राजस्थान के हिस्से पर पड़ रहा है। इससे इंदिरागांधी नहर में १८५०० क्यूसेक पानी चलाने का रेग्यूलेशन ही तैयार नहीं हो पाता। पूरे सीजन लगातार चार में दो समूह पानी चलाने के लिए जितने पानी की जरूरत पड़ती है, उतना पानी बांधों में भंडारित ही नहीं हो पाता। इस स्थिति में तय रेग्यूलेशन के अनुसार नहरों में पानी चलाना संभव नहीं हो पा रहा है।
वर्तमान में क्या
वर्तमान में इंदिरागांधी मुख्य नहर पंजाब भाग व राजस्थान भाग में करीब दो सौ किमी क्षेत्र में रीलाइनिंग कार्य को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है। तीस मार्च २०२१ से साठ दिन की बंदी भी घोषित कर दी गई है। इसके तहत पंजाब भाग में नहरों से पानी निकालने का काम शुरू हो गया है। निर्माण सामग्री भी नहर किनारे पहुंचने लगे हैं। जानकार बताते हैं कि नहर निर्माण के बाद पंजाब भाग में पहली बार रीलाइनिंग कार्य शुरू किए जा रहे हैं। नहरों की स्थिति सुधरने पर निश्चित तौर पर इसका लाभ दोनों प्रदेशों के किसानों को मिलेगा।
……….फैैक्ट फाइल……..
-इंदिरागांधी नहर से राजस्थान के १० जिलों की बुझती है प्यास।
-चालू वर्ष में ६० दिन की ली जा रही है नहरबंदी।
– राजस्थान क्षेत्र में इंदिरागांधी नहर की लंबाई ४४५ किमी है।
-1958 में इंदिरागांधी फीडर का निर्माण शुरू हुआ था।
-11 अक्टूबर 1961 में राजस्थान में पहली बार इंदिरागांधी नहर की नौरंगदेसर वितरिका में पानी प्रवाहित किया गया था।
-नहरी क्षेत्रों से राज्य में ४०००-५०००० करोड़ का उत्पादन हो रहा है।
……..वर्जन…….
सर प्लस पानी तो जाएगा ही पाकिस्तान
बांधों में क्षमता के अनुसार पानी का भंडारण करने के बाद सर प्लस पानी को हरिके डाउन स्ट्रीम के जरिए पाकिस्तान क्षेत्र में प्रवाहित किया जाता है। बांधों की सुरक्षा के लिहाज से यह व्यवस्था बनाई गई है। हरिके बैराज का पौंड लेवल पंजाब यदि ६९१ फुट करने को राजी हो जाता है तो राजस्थान की इंदिरागांधी नहर में डिजाइन के अनुसार १८५०० क्यूसेक पानी चलाना संभव हो सकेगा। इस बारे में दोनों राज्यों के बीच चर्चा चल रही है। साथ ही सुरक्षा कारणों से पौंग बांध को पूर्ण भराव क्षमता के अनुसार नहीं भरा जा रहा।
-विनोद मित्तल, मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग, उत्तर संभाग हनुमानगढ़
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