
ऑनलाइन की लाइन से दूर, खेत-ढाणी में 'खुला क्लास रूम'
ऑनलाइन की लाइन से दूर, खेत-ढाणी में 'खुला क्लास रूम'
- अब ऑफलाइन शिक्षा के साथ ऑफलाइन ही स्माइल क्विज भी
- प्रथम परख का आधार होगी साप्ताहिक प्रश्नोत्तरी
- कोरोना संक्रमण संकट के चलते विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़े रखने का प्रयास
हनुमानगढ़. साधन-संसाधनों के अभाव एवं तकनीकी दिक्कतों के चलते ऑनलाइन शिक्षा की लाइन से दूर बच्चों को खेत-ढाणी में पहुंच कर सबक देने का प्रयास किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण संकट के कारण पाठशालाओं में कक्षाओं के ताले खुलते नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने, नामांकन, ठहराव, ड्रॉपआउट पर नियंत्रण आदि के लिए सरकारी पाठशालाओं के शिक्षक गत करीब डेढ़ बरस से ऑनलाइन शिक्षा के साथ-साथ पढ़ेसरियों के दर-दर जाकर भी ज्ञान दे रहे हैं।
कक्षा के अनुसार सप्ताह में एक व दो बार विद्यार्थियों के घर जाकर शिक्षक गृह कार्य दे रहे हैं तथा उसकी जांच कर रहे हैं। जिले से लेकर प्रदेश भर में शिक्षक इस कार्य में जुटे हुए हैं। सरकारी पाठशालाओं में ऑनलाइन शिक्षा को लेकर चलाए जा रहे स्माइल प्रोजेक्ट के तहत यह प्रयास चल रहा है। शिक्षक अपनी कक्षा व विषय के अनुसार इस जिम्मेदारी को निभा रहे हैं। शिक्षक घर-घर गृह कार्य का लाभ विद्यार्थियों को दे रहे हैं या नहीं, इसकी निरंतर निगरानी भी शिक्षा अधिकारी कर रहे हैं। यद्यपि ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े विद्यार्थियों को तो ऑनलाइन ही पढ़ाया जा रहा है। गृह कार्य दिया जा रहा है तथा उसकी जांच की जा रही है। इसके लिए शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है कि वे ऑनलाइन दिए गए होमवर्क का प्रिंट निकालेंगे। उसे चेक करेंगे तथा फाइल में रखेंगे। प्रत्येक विद्यार्थी की अलग से फाइल बनाई जाती है।
यूं दे रहे शिक्षा
स्माइल प्रोजेक्ट के तहत स्मार्टफोन से वंचित, नेटवर्क सहित अन्य प्रकार की तकनीकी दिक्कतों आदि से परेशान विद्यार्थियों को ऑनलाइन की बजाय घर पर ऑफलाइन शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों का सप्ताह में एक बार गृह कार्य घर जाकर देना व जांचना होता है। जबकि कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों के घर शिक्षकों को इस कार्य के लिए सप्ताह में दो बार जाना है। चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन कंटेंट सारा मुख्यालय से ही आता है।
परख का आधार प्रश्नोत्तरी
ऑनलाइन व ऑफलाइन शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को साप्ताहिक स्माइल प्रश्नोत्तरी भी दी जा रही है। यह प्रश्नोत्तरी ही प्रथम परख का आधार बनेगी। ऑफलाइन शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से प्रश्नोत्तरी हल कराने के लिए शिक्षकों को उसके पीडीएफ फॉर्मेट की कॉपी निकाल कर उन्हें देनी होती है। उसे हल करने के बाद शिक्षक वह प्रश्नोत्तरी की प्रतिलिपि लेकर फाइल में लगा लेता है। बाद में यही प्रश्नोत्तरी प्रथम परख का आधार बनेगी। ऑनलाइन के लिए प्रश्नोत्तरी का व्हाट्सएप नम्बर 85955-24493 है। इस नम्बर को सेव कर जैसे ही हेलो लिखा जाता है तो 33 जिलों सूची आ जाती है। हनुमानगढ़ जिले का कोड 16 है। कोड डालने के बाद ब्लॉक की सूची आ जाती है। ब्लॉक का नाम व्हाट्सएप चैट में देते ही विद्यालय का छह अंक का एनआईसी कोड मांगा जाता है। फिर विद्यार्थी का नाम देना होता है। इसके बाद विद्यार्थी को व्यक्तिगत तौर पर प्रश्नोत्तरी के तहत सवाल भेजे जाते हैं। इसका जवाब जैसे ही विद्यार्थी देता है तो उसका सही जवाब व्हाट्सएप पर आ जाता है। यह हर शनिवार को आती है।
मिल रहा लाभ
स्माइल प्रोजेक्ट 3.0 चल रहा है। इसके तहत ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से अध्यापन कराया जा रहा है। इसका विद्यार्थियों को बहुत लाभ मिल रहा है। - हरलाल ढाका, पीओ समसा, स्माइल प्रोजेक्ट।
Published on:
06 Jul 2021 12:06 pm
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