
प्रोत्साहन के प्रयास में प्रतिभाओं से पक्षपात
प्रोत्साहन के प्रयास में प्रतिभाओं से पक्षपात
- प्रदेश के राजकीय एएनएम प्रशिक्षण केन्द्रों की प्रवेश प्रक्रिया में इस साल पास विद्यार्थी नहीं पडऩे देंगे किसी की पार
- बारहवीं के प्राप्तांक के आधार पर बनने वाली वरीयता सूची में गत वर्ष या उससे पहले पास विद्यार्थी पिछड़ जाएंगे
अदरीस खान @ हनुमानगढ़. प्रतिभाओं को प्रोत्साहन बहुत जरूरी है। मगर प्रोत्साहन का प्रयास जब पक्षपात में बदल जाए तो पीड़ा होना लाजिमी है। कुछ ऐसा ही नए शिक्षा सत्र में राजकीय एएनएम प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रवेश की चाह में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के साथ होने की स्थिति बन गई है। इस बार बिना परीक्षा कराए माशिबो, अजमेर ने दोनों हाथों से अंक लुटाते हुए बोर्ड कक्षाओं का जो परिणाम जारी किया है, वह गत शिक्षा सत्र या उससे पहले बोर्ड कक्षाएं पास करने वाले विद्यार्थियों के लिए मुसीबत बनना तय है।
एएनएम प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रवेश के लिए बारहवीं कक्षा के प्राप्तांकों के आधार वरीयता सूची बनाई जाती है। इस साल बारहवीं कक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों के समक्ष पहले के बरसों में पासआउट विद्यार्थियों का टिकना मुश्किल है। यही वजह है कि जब प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ होगी तो कट ऑफ का आंकड़ा रिकॉर्ड तोड़ ढंग से बढ़ जाएगा। पिछले कई बरस से कट ऑफ माक्र्स 80 प्रतिशत के आसपास रहते आए हैं। इस बार तो 95 फीसदी से भी अधिक जाने की संभावना है। इसका खमियाजा पहले के बरसों में बारहवीं पास करने वाले विद्यार्थियों को भुगतना होगा। इसलिए प्राप्तांक की बजाय प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रशिक्षण केन्द्रों में दाखिला दिया जाए।
कितनी कट ऑफ
अगर एएनएम प्रशिक्षण में प्रवेश के लिए जारी वरीयता सूची की बात करें तो जिले से लेकर प्रदेश भर में सामान्य, ओबीसी, एससी-एसटी सहित अन्य श्रेणी में 75 से 80 प्रतिशत के बीच कट ऑफ माक्र्स रहते हैं। इसमें दो-चार प्रतिशत की कमीबेशी होती रहती है। मगर इस दफा कट ऑफ माक्र्स 90 प्रतिशत से भी अधिक रहने की संभावना है। इसका अर्थ है कि केवल इस साल कक्षा बारहवीं पास करने वाले विद्यार्थियों का ही चयन हो सकेगा।
प्रदेश में कुल सीट
प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र संचालित है। जिला मुख्यालय स्थित प्रशिक्षण केन्द्रों में 45 सीटें हैं। जबकि संभाग मुख्यालय स्थित केन्द्रों में 60 सीटें होती हैं। प्रदेश में कुल सीटें 1590 के लगभग है।
तो जन्मतिथि से निर्णय
इस साल बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों को 90, 95, 98 प्रतिशत तक अंक दिए गए हैं। कहीं प्वाइंंट का भी अंतर नहीं है। जबकि पहले तो दो-चार प्वाइंट के अंतर से कई अभ्यर्थी प्रवेश से वंचित रह जाते थे। इससे एक दिक्कत यह रहेगी कि इस साल पास विद्यार्थियों की वरीयता सूची निकालने में जोर आएगा। एक जैसे प्राप्तांक प्रतिशत होने पर अभ्यर्थियों का चयन जन्मतिथि के हिसाब से करना पड़ सकता है।
90 फीसदी से भी ऊपर
इस बार प्रवेश प्रक्रिया के दौरान कट ऑफ माक्र्स 90 प्रतिशत से भी ऊपर जा सकते हैं। प्राप्तांक में प्वाइंट का भी अंतर नहीं होने से जन्मतिथि के आधार पर भी किसी अभ्यर्थी को वरीयता देने की स्थिति बन सकती है।
- रणवीर सिहाग, नर्सिंग अधीक्षक, एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र, हनुमानगढ़।
फैक्ट फाइल
प्रदेश में कुल सीट : 1590
प्रत्येक जिले में सीट : 45
संभाग मुख्यालय पर : 60
Published on:
06 Aug 2021 01:22 pm
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