पीएम मोदी ने किया जिस प्रोजेक्ट का शिलान्यास, वो फेल होने की कगार पर
हनुमानगढ़Published: Feb 01, 2019 11:30:13 am
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पीएम मोदी ने किया जिस प्रोजेक्ट का शिलान्यास, वो फेल होने की कगार पर
पीएम मोदी ने किया जिस प्रोजेक्ट का शिलान्यास, वो फेल होने की कगार पर
– एक वर्ष में 522 किलोमीटर पाइप लाइन में चार किलोमीटर ही डाल पाए
– कंपनी को ढाई करोड़ रुपए पैनल्टी भी लगाई
– असर कुछ नहीं
अनुराग थरेजा. हनुमानगढ़. शहर के दूसरे ड्रीम प्रोजेक्ट को नजर लग चुकी है। इस प्रोजेक्ट को लेकर भाजपा की सरकार ने हनुमानगढ़ के लिए सबसे बड़ी सौगात बताया था। अब वही प्रोजेक्ट सीवरेज की तरह शहरवासियों के लिए नासूर बनने वाला है। हालात इतने गंभीर हैं कि हनुमानगढ़ में सात वर्ष से 66 करोड़ का सीवरेज प्रोजेक्ट पहले से अटका हुआ है तो अब 281 करोड़ का नहरी पानी का प्रोजेक्ट भी ठप होने की कगार पर है। कार्य की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार निर्माण एजेंसी ने एक वर्ष में केवल पांच प्रतिशत ही कार्य किया है।
कंपनी को शहर के 45 वार्डों में 522 किलोमीटर में पेयजल पाइप लाइन डालनी है। प्रोजेक्ट के एक वर्ष के पश्चात केवल चार किलोमीटर लाइन ही डली है, शहर में चालीस हजार पेयजल कनेक्शन किए जाने है, अभी तक 348 कनेक्शन के लिए ही लाइन बिछाई गई है। यही हाल मुख्य पाइप लाइन का है। घरों को जाने वाली 522 किलोमीटर की मिसिंग पेयजल पाइप लाइन को जोडऩे के लिए 21 किलोमीटर की मुख्य पाइप लाइन बिछाई जानी है। इसमें से अभी तक केवल 800 मीटर ही पाइप लाइन बिछाई गई है। धीमी गति से चल रहे प्रोजेक्ट को लेकर आरयूआईडीपी कंपनी को ढाई करोड़ की पैनल्टी भी लगा चुकी है। असर कुछ नहीं हुआ। इसके अलावा अबोहर बाइपास पर आरडब्ल्यूआर, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सीडब्ल्यूआर की केवल खुदाई का कार्य हो पाया है। इनके निर्माण के लिए अभी तक सीमेंट तक नहीं आया है। गौरतलब है कि 2016 में नगर परिषद व आरयूआईडीपी के बीच एमओयू हुआ था। निर्माण कार्य नोयडा कंपनी की ओर से किया जा रहा है। फरवरी 2017 में निर्माण शुरू हुआ और अप्रेल में मीठे पानी की सप्लाई के लिए सर्वे का कार्य किया गया। इस कार्य को पूरा करने के लिए आरयूआईडीपी ने कंपनी को तीस माह का समय दिया था। निर्माण शुरू हुए 12 माह बीत चुके हैं और दो माह से भुगतान नहीं होने के कारण कार्य ठप पड़ा है।
इसलिए पड़ा है बंद
भुगतान नहीं होने के कारण निर्माण कार्य दो माह से बंद पड़ा है। आरयूआईडीपी नोयडा की कंपनी को 281 में से 15.29 करोड़ का भुगतान कर चुका है और कार्य धीमी गति से होने के कारण 2 करोड़ 54 लाख का जुमार्ना भी लगाया गया है। इसमें से कंपनी के भुगतान में से 2 करोड़ 13 लाख वसूले भी जा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार नोयडा की कंपनी ने पांच से सात फर्मों को कार्य सबलेट कर रखा है जो कि नियमों के विरूद्ध है।
आरोप है कि इन फर्मों को मुख्य कंपनी की ओर से भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके चलते कार्य दो माह से बंद पड़ा और दूसरी ओर फर्मों की ओर से मजदूरी नहीं देने पर मजदूर संगठनों ने बगावत शुरू कर दी है। कई माह से मजदूरी नहीं मिलने का कारण जिला कलक्टर से भी गुहार लगा चुके हैं। इनकी माने तो कई मजदूर के घरों में रोजी रोटी की दिक्कत होने के कारण कार्य छोड़ कर जा चुके हैं तो कई अभी मजदूरी मिलने की आस में बैठे हैं। अगर इन्हें मजदूरी नहीं मिलती तो नए मजदूर संगठनों को साथ लेकर शहर में इस प्रोजेक्ट का बहिष्कार करेंगे।
पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन 30 नवंबर 2016 को भाजपा सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री युनुस खान व जलसंसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप ने करना था। कार्यक्रम का आयोजन नगर परिषद के सौ वर्ष पूर्ण होने पर रखा गया था। दोनों मंत्री अचानक दिल्ली में भाजपा की बैठक बुलाने के कारण हनुमानगढ़ नहीं आ पाए थे। जबिक उद्घाटन के लिए आरयूआईडीपी अधिकारी 51 किलो लड्डू लेकर इंतजार करते रहे थे। अतिथियों की ओर से नहीं कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर उद्घाटन नहीं हो पाया। इसके पश्चात इसका विधिवत उद्घाटन नौ जुलाई 2018 को जयपुर में प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
यह होगा फायदा
281 करोड़ की लागत से 45 वार्डों में नहरी पानी की सप्लाई व चालीस हजार घरों पर पेयजल मीटर भी लगाया जाना है और तीसरे चरण के सीवरेज कार्य को भी पूरा किया जाना है। शहर में अभी तक 66 करोड़ की लागत से किए जा रहे दूसरे चरण की सीवरेज लाइन आरयूआईडीपी सात वर्षों से नहीं बिछा पाई है और अब वही हाल नए प्रोजेक्ट का है। इसको शुरू करने से पहले आरयूआईडीपी ने दावा किया था कि नहरी पानी की सप्लाई का प्रेशर इतना अधिक होगा कि बीस से पच्चीस फीट की ऊंचाई पर टंकी में पानी डालने के लिए मोटर चलाने की आवश्यकता नहीं होगी।
लगाई है पैनल्टी
आरयूआईडीपी के अधीशासी अभियंता भरत कुमार टेपन का कहना है कि नोयडा की कंपनी ने अन्य फर्मों को कार्य सबलैट कर दिया है। उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार कंपनी पर ढाई करोड़ की पैनल्टी भी लगाई जा चुकी है। कार्य धीमी गति से चलने के कारण कंपनी को नोटिस भी जारी किया चुका है।