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सत्ता तो बदली मगर बेटियों की शिक्षा की दिशा में अब तक नहीं सुखद बदलाव

locationहनुमानगढ़Published: Jan 28, 2019 09:17:33 pm

Submitted by:

adrish khan

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सत्ता तो बदली मगर बेटियों की शिक्षा की दिशा में अब तक नहीं सुखद बदलाव

सत्ता तो बदली मगर बेटियों की शिक्षा की दिशा में अब तक नहीं सुखद बदलाव
– मीरा कन्या कॉलेज के सरकारीकरण का मामला
– सत्ता बदलने के बाद फैसला बदलने की उम्मीद फिलहाल अधूरी
हनुमानगढ़. सरकार तो बदल गई मगर कन्या शिक्षा को धक्का पहुंचाने वाले फरमान को लेकर कुछ नहीं बदला है। मीरा कन्या कॉलेज के सरकारीकरण को निरस्त करने का गत सरकार का फैसला जमीनी स्तर पर अभी भी कायम है। हालांकि हाइकोर्ट ने सरकार के डी-नोटिफाई संबंधी निर्णय को निरस्त कर दिया था। मगर इसके बाद कॉलेज के सरकारीकरण को लेकर कोई सकारात्मक फैसला नहीं हुआ है। दूसरी ओर जिले की बेटियां व अभिभावक इस उम्मीद में हैं कि जल्दी ही सरकारी कन्या कॉलेज की सौगात मिल जाएगी।
फिलहाल इस संबंध में सरकार ने कोई निर्णय नहीं किया है। जबकि इसको लेकर कोई ज्यादा कागजी कार्रवाई या माथापच्ची की जरूरत भी नहीं है। क्योंकि करीब छह साल पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ही संगरिया के मीरा कन्या कॉलेज का सरकारीकरण किया था, जिसे बाद में भाजपा सरकार ने निरस्त कर दिया था। ऐसे में आशा है कि जिले को पहला सरकारी कन्या कॉलेज संगरिया के मीरा कॉलेज के रूप में मिल सकता है।
बजट व स्टाफ की जरूरत
जानकारी के अनुसार दो अप्रेल 2018 को हाइकोर्ट की खंडपीठ ने एकल पीठ के निर्णय को यथावत रखा था। इसका मतलब कि सरकार की ओर से मीरा कन्या कॉलेज के सरकारीकरण को निरस्त करने के फैसले को ही निरस्त कर पुन: सरकारीकरण की स्थिति बहाल कर दी। अब सरकार को कॉलेज के सरकारीकरण के लिए अलग से नोटिफिकेशन जारी करने की जरूरत नहीं है। बस कॉलेज में प्राचार्य सहित अन्य पदों पर सरकारी व्याख्याताओं की नियुक्ति कर बजट जारी कर दे।
खिलाफ लड़ी सरकार
वर्ष 2013 में तत्कालीन सरकार ने मीरा कन्या कॉलेज का अधिग्रहण कर सरकारीकरण कर दिया। सारी सम्पत्ति भी राजकीय महाविद्यालय के नाम ट्रांसफर करवा राजकीय प्राचार्य नियुक्त कर दिया। लैब तकनीशियन का स्थानांतरण भी कॉलेज में कर दिया। मगर 13 माह बाद भाजपा सरकार ने इसे डिनोटिफाई करते हुए पुन: निजी घोषित कर दिया। इस फैसले के खिलाफ कॉलेज स्टाफ, प्रबंध समिति व छात्राओं ने लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन व अनशन किया। नतीजन सरकार ने शैक्षिक सत्र 2013-14 के आय-व्यय के पुनर्भरण का आश्वासन दिया। उधर, मीरा शिक्षा समिति सचिव संजय आर्य ने उच्च न्यायालय में सरकारीकरण के आदेश को डिनोटिफाई करने के खिलाफ अपील की। एकल पीठ में महाविद्यालय के सरकारीकरण के पक्ष में फैसला हुआ। इसके खिलाफ सरकार ने खण्डपीठ में अपील कर दी। खण्डपीठ में भी एकल पीठ का फैसला बहाल रहा। मीरा कन्या महाविद्यालय के पास कई करोड़ रुपए मूल्य का भवन, खेल मैदान व 8 बीघा कृषि भूमि है।
हम सबसे पीछे
प्रदेश में हनुमानगढ़ ही ऐसा दूसरा जिला है जहां बेटियों के लिए कॉलेज नहीं है। जिला उच्च शिक्षा के दृष्टिकोण से खासतौर से कन्या शिक्षा में हाशिए पर है।
जल्द दे राहत
मीरा कॉलेज का सरकारीकरण बहाल करने के लिए हम निरंतर लड़े। पिछली सरकार सरकारीकरण निरस्त करने के लिए लगातार चार साल कोर्ट लड़ती रही। जीत जनता की हुई। अब मौजूदा सरकार इस संबंध में जल्द निर्णय कर राहत दे। बस स्टाफ की नियुक्ति व बजट जारी करने की ही देरी है। – संजय आर्य, याचिकाकर्ता।
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