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प्रकृति देव ने खेतों में पहुंचाया पानी

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/ हनुमानगढ़. जिले में मानसून पूर्व अच्छी बारिश से किसान अब खरीफ फसलों की बिजाई आसानी से कर सकेंगे। किसान आंदोलन के बावजूद भाखड़ा नहर में मांग के अनुसार निरंतर पानी नहीं चला। वहीं प्रकृति देव ने मेहरबानी करते हुए खेतों की प्यास बुझा दी। कृषि अधिकारी कहते हैं कि इस बारिश से जिले में अगेती कपास को सिंचाई लायक पानी मिल गया है।  

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प्रकृति देव ने खेतों में पहुंचाया पानी

प्रकृति देव ने खेतों में पहुंचाया पानी

प्रकृति देव ने खेतों में पहुंचाया पानी
-बरसात से खरीफ फसलों की बिजाई को मिलेगी गति

हनुमानगढ़. जिले में मानसून पूर्व अच्छी बारिश से किसान अब खरीफ फसलों की बिजाई आसानी से कर सकेंगे। किसान आंदोलन के बावजूद भाखड़ा नहर में मांग के अनुसार निरंतर पानी नहीं चला। वहीं प्रकृति देव ने मेहरबानी करते हुए खेतों की प्यास बुझा दी। कृषि अधिकारी कहते हैं कि इस बारिश से जिले में अगेती कपास को सिंचाई लायक पानी मिल गया है। जबकि पछती कपास की बिजाई में किसान जुटे हुए हैं। बरसात से किसान अब खरीफ फसलों की बिजाई सुगमता से कर सकेंगे। चालू खरीफ सीजन में जिले में दो लाख तीस हजार हैक्टेयर में कपास बिजाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें अभी तक एक लाख 34 हजार हेक्टैयर में बिजाई हो चुकी है। इसी तरह इसी तरह 90 हेक्टैयर में धान की बिजाई हुई है। पानी की उपलब्धता को देखते हुए किसान अब बिजाई के लिए खेत तैयार करने लगे हैं। ग्वार, मूंग, मोठ, मूंगफली, बाजरे की बिजाई भी आगे शुरू होगी। गत बरसों की बात करें तो हनुमानगढ़ जिले में कपास की खेती किसानों के लिए कुछ मायने में फायदे का सौदा साबित हो रही है। वर्ष 2022 में कपास के रेट 12500 रुपए प्रति क्विंटल तक रहे। वर्ष 2023 में भी 9200 रुपए प्रति क्विंटल तक इसके भाव लगे हैं। बीते एक दशक की बात करें तो तीन बरसों से इसके रेट ठीक मिल रहे हैं। इससे पहले तक कपास के इतने अच्छे रेट नहीं रहे हैं। दो-तीन बरसों से अच्छे रेट मिलने की वजह से किसानों का रुझान कपास की बिजाई की तरफ लौटने लगा है। परंतु सिंचाई पानी के अभाव में किसान कपास की बिजाई नहीं कर पा रहे थे। अब बरसात होने के बाद कपास की बिजाई में तेजी आने की संभावना है।

इतनी हुई बारिश
दो दिन पहले हनुमानगढ़ तहसील में 22, पीलीबंगा 30, संगरिया 05 , टिब्बी 02 तथा रावतसर में पांच एमएम बारिश हुई। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से मौसम भी ठंडा हो गया है। इसे खरीफ फसलों की बिजाई के लिहाज से उपयुक्त माना जा रहा है। इस माह के आखिर तक कपास की बिजाई को कृषि अधिकारी सही मानते हैं। बाद में बिजाई करने से उत्पादन प्रभावित होता है।

......वर्जन....
जिले में हाल ही में कुछ जगह अच्छी बारिश हुई है। इससे खरीफ फसलों की बिजाई हो सकेगी। बरसात से कपास की बिजाई के लिए किसानों को पानी मिल गया है। यह बारिश बिजाई के लिए लिहाज से काफी अहम है।
-जगदीश दूधवाल, कृषि पर्यवेक्षक, हनुमानगढ़