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किसानों के लिए खुशखबरी, लगा सकते हैं बागवानी : सरकार ने दोगुने क्षेत्र में बगीचा विकसित करने की दी मंजूरी

किसानों के लिए खुशखबरी। इस बार खेतों में फलों के बगीचे लगाकर सरकार से दोहरा लाभ ले सकते हैं। क्योंकि सरकार ने इस बार 30 हैक्टेयर क्षेत्र में फलों के बगीचे लगाने के लिए इस बार दोगुना क्षेत्र रखा है। इससे सामान्य किसान अपनी आमदनी में दो से चार गुना तक आय बढ़ा सकता है।

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Farm- farmer at rajsamand

खेत-किसान

इस बार बागवानी पर सरकार कुछ अधिक ही मेहरबान रही। इस कारण उद्यान विभाग को वर्ष 2027-28 के लिए जिले में 30 हैक्टेयर क्षेत्र में फलों के बगीचे स्थापित करने का लक्ष्य आवंटित किया है जो गत वर्ष की तुलना में दुगुना है। इसके लिए किसानों को तीन किश्तों अनुदान भी दिया जाएगा । इस क्षेत्र में नीम्बू, अनार, अमरूद, आंवला, आम ,बेर के बगीचें स्थापित किए जाएंगे।

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करना होगा ऑन लाइन आवेदन

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत उद्यानिकी विकास कार्यक्रम के तहत फलों के बगीचें लगाए जाएगे। योजना के तहत ०.४ हैक्टेयर से चार हैक्टेयर क्षेत्र में फलों के बगीचें लगाए जा सकते है। सभी को ऑन लाइन आवेदन करना होगा । योजना का लाभ पहले आओं पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा।

पौधे विभाग की ओर से मिलेंगे : लाभार्थी किसानों को पौधे उद्यान विभाग की ओरसे उपलब्ध कराए जाएगे। किसानों को मावली , उदयपुर स्थित विभाग की नर्सरी से करीब एक वर्ष के पौधे उपलब्ध कराएं जाएंगे। इसके अलाव पौधों के लिए जिला मुख्यालय स्थित उद्यान विभाग से भी सम्पर्क किया जा सकता है।

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तीन किश्तों में मिलेगा अनुदान

बगीचे लगाने के लिए किसानों को लागत मूल्य का 50 प्रतिशत या 30 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर जो भी कम हो ,दिया जाएगा। अनुदान तीन किश्तों में दिया जाएगा। इसके अनुसर प्रथम वर्ष अनुदान राशि का 60 प्रतिशत दिया जाएगा। इसके बाद द्वितीय वर्ष में 20 प्रतिशत रााशि दी जाएगी। यह अनुदान रोपे गए कुल पौधों के 75 फीसदी जीवित होने पर ही दिया जाएगा। अनुदान की शेष राशि तीसरे वर्ष दी जाएगी। इसके लिए 95 प्रतिशत पौधें जीवित होना जरूरी है।

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किसमें कितना अनुदान, प्रति हैक्टयर

किस्म इकाई लागत अनुदान

नीम्बू 40000 20000

बेर 28340 14170

अमरूद 38340 19170

आम 25500 12450

अनार 4800 2400

आंवला 40000 20000

इस बार जिले को 30 हैक्टेयर क्षेत्र में बगीचें लगाने का लक्ष्य आवंटित हुआ है। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर योजना का लाभ दिया जाएगा।

विनोद कुमार जैन, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग, राजसमंद


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