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बेटियों के सम्मान पर आंच की जांच रिपोर्ट निदेशालय में अटकी

छात्राओं से आपत्तिजनक बातें करने के मामले में आरोपी शिक्षक पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय मेहरबानी दिखा रहा है। शिक्षा विभाग की जिला स्तर पर गठित कमेटी की जांच में आरोप सही पाए जाने के बावजूद करीब एक माह से जांच रिपोर्ट निदेशालय के पास पड़ी है।

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बेटियों के सम्मान पर आंच की जांच रिपोर्ट निदेशालय में अटकी

बेटियों के सम्मान पर आंच की जांच रिपोर्ट निदेशालय में अटकी

बेटियों के सम्मान पर आंच की जांच रिपोर्ट निदेशालय में अटकी
- छात्राओं से आपत्तिजनक बातें करने के मामले की जांच रिपोर्ट अटकी निदेशालय में
- जिला स्तर पर विभागीय जांच में माना गया था शिक्षक को दोषी
हनुमानगढ़. छात्राओं से आपत्तिजनक बातें करने के मामले में आरोपी शिक्षक पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय मेहरबानी दिखा रहा है। शिक्षा विभाग की जिला स्तर पर गठित कमेटी की जांच में आरोप सही पाए जाने के बावजूद करीब एक माह से जांच रिपोर्ट निदेशालय के पास पड़ी है। अब तक ना तो निदेशालय ने जांच के आधार पर शिक्षक के खिलाफ कोई सख्त एक्शन लिया है और ना ही दोष मुक्त किया है।
एक तरह से जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। इससे विद्यालय की छात्राएं जिन्होंने शिक्षक की शिकायत की थी तथा जांच कमेटी के समक्ष बयान दिए थे, वे चिंता में हैं। यही स्थिति बालिकाओं के अभिभावकों की है। गौरतलब है कि जिले में पिछले कुछ बरसों के दौरान राजकीय तथा निजी दोनों ही तरह के विद्यालयों में बालिकाओं से छेड़छाड़ के कई प्रकरण सामने आए हैं। इनमें विद्यालयों के शिक्षक व संस्था प्रधान ही आरोपी पाए गए हैं। दो राजकीय विद्यालयों के शिक्षकों पर इस साल एफआईआर भी हुई है।
क्या था मामला
जंक्शन स्थित एक राजकीय विद्यालय की छात्राओं से आपत्तिजनक बातें करने तथा विरोध करने पर अशोभनीय टिप्पणी करने का मामला पिछले माह के प्रारंभ में सामने आया था। छात्राओं व उनके अभिभावकों ने हिम्मत कर जिला बाल कल्याण समिति को पीड़ा बताई। बाल कल्याण समिति के हस्तक्षेप के बाद ही विद्यालय प्रबंधन ने विभागीय जांच कमेटी गठित कर जांच कराई। छात्राओं का आरोप था कि एक शिक्षक आपत्तिजनक बातें कर उनको परेशान करता है। जांच कमेटी ने यह आरोप प्रमाणित माना।
दो बार जानी स्थिति
खास बात यह कि इस मामले की जांच भी विभाग ने तब शुरू की जब सीडब्ल्यूसी ने हस्तक्षेप किया। जांच के दौरान यह शिकायत भी सीडब्ल्यूसी के पास आई थी कि छात्राओं पर दबाव बनाकर मामला निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। समिति के दबाव के चलते ही विभाग ने जांच पूर्ण कर रिपोर्ट को अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में उच्चाधिकारियों को भिजवा दिया।
उच्च स्तर से एक्शन
सीडब्ल्यूसी की टीम मामले में कार्रवाई की स्थिति जानने के लिए 23 अक्टूबर को डीईओ माध्यमिक मुख्यालय हंसराज जाजेवाल से मिली थी। तब डीईओ ने सीडब्ल्यूसी को बताया था कि जांच कर रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी गई है। अब आगे की कार्रवाई निदेशालय स्तर पर ही होगी। उसके बाद दो सप्ताह बीत चुके हैं, मामले में निदेशालय स्तर पर यथास्थिति बनी हुई है। सीडब्ल्यूसी कार्रवाई में देरी को छात्राओं की सुरक्षा के लिहाज से चिंतनीय बता चुकी है।