हनुमानगढ़. शिक्षा विभाग में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान तबादलों की प्रक्रिया एक बार फिर सिरे चढ़ती नजर नहीं आ रही है। गर्मियों की छुट्टियां समाप्ति की ओर है। ऐसे में ग्रीष्मावकाश के दौरान शिक्षकों के स्थानांतरण के दावे फिलवक्त फेल होते नजर आ रहे हैं। इससे शिक्षक संगठनों में रोष दिख रहा है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष की शुरुआत में शिक्षा विभाग को छोडकऱ शेष सभी विभागों में कर्मचारियों व अधिकारियों के तबादले किए गए थे। शिक्षकों के स्थानांतरण यह कहकर नहीं किए गए कि अभी परीक्षाएं निकट हैं, इसलिए अगले साल ग्रीष्माकालीन अवकाश के दौरान ही तबादले किए जाएंगे। ऐसे में जब गर्मियों की छुट्टियां समाप्ति की ओर होने के बावजूद तबादलों को लेकर कोई हलचल नहीं होने से शिक्षकों का पारा चढ़ता नजर आ रहा है।
शिक्षक नेताओं की माने तो शिक्षक तबादलों पर शिक्षा मंत्री खुद ही असमंजस में दिखते हैं। स्थानांतरण को लेकर उनके बयान कई बार बदले हैं। ग्रीष्माकालीन अवकाश के दौरान तबादलों से इस तरह यू टर्न लेने से शिक्षकों में चिंता मिश्रित रोष है। भाजपा के चुनाव पूर्व घोषणा पत्र में भी शिक्षक तबादलों का जिक्र था। बाद में वर्तमान सरकार गठन के बाद संकल्प पत्र व 100 दिवसीय कार्ययोजना में इसे शामिल किया गया। इसके बावजूद सरकार गठन के 18 माह बाद भी शिक्षा विभाग में तबादलों का इंतजार है।
राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता बसंत कुमार ज्याणी कहते हैं कि ग्रीष्मावकाश जब आधे से ज्यादा गुजरा तो ट्रांसफर की कुछ सुगबुगाहट हुई तो तृतीय श्रेणी के अलावा अन्य शिक्षकों ने राहत की सांस ली। भागदौड़ कर विधायकों के माध्यम से डिजायर भिजवाई गई। कुछ विधायकों ने भी अपने सोशल मीडिया अकॉउंट से तबादलों के इच्छुक शिक्षकों से आवेदन भी मांगे। तब शिक्षा मंत्री ने भी माना कि हम तबादलों की पूर्व तैयारी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से अनुमति मिलते ही ग्रीष्मावकाश में तबादले करेंगे। अब 19 जून को शिक्षा मंत्री एक बार फिर शिक्षकों को तबादलों के लिए इंतजार करने का बयान दिया है। इससे शिक्षक चिंतित हैं। ग्रीष्मावकाश में ही तबादला प्रक्रिया पूरी की जाए अन्यथा आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
Published on:
23 Jun 2025 11:53 am