- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में उचित मूल्य दुकानों से राशन उठाने का मामला- पांच सौ राजकीय कर्मियों से राशि वसूलने के कसा जा रहा शिकंजा
हनुमानगढ़. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के तहत केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से राशन कार्डों पर दिया जाने वाला दो रुपए किलो का गेहूं जिले में करीब तीन हजार कर्मचारी भी ले रहे थे। जिला प्रशासन और रसद विभाग ने सख्ती बरती और अभियान चला कर राशन कार्डों की जांच की। नतीजा यह हुआ कि अभी तक जिले में करीब 2937 कर्मचारी चिन्हित हुए, जो एनएफएसए के तहत गरीबों को दिया जाने वाला सस्ता राशन उठा रहे थे। प्रशासन और रसद विभाग ने इन कर्मियों और उनके परिवारों के नाम एनएफएसए के राशन कार्डों में से हटा दिए हैं और इन्हें उठाए गए राशन की राशि राजकोष में जमा करवाने के लिए नोटिस जारी किए हैं। खास बात यह है कि जिले में 2454 कर्मियों ने करीब दो करोड़ 90 लाख 60 हजार रुपए की राशि एनएफएसए के तहत उठाए गए राशन के बदले में कोष में जमा भी करवा दी है लेकिन तमाम नोटिसों के बावजूद 483 कर्मचारी अभी भी राशि जमा करवाने में आना-कानी कर रहे हैं और राशि जमा नहीं करवाने के लिए कानूनी दांवपेच लड़ा रहे हैं। ऐसे में प्रशासन इन कर्मियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।
नोहर भादरा में सर्वाधिक कर्मचारी
- एनएफएसए के तहत राशन उठाने के मामले में सर्वाधिक कर्मचारी भादरा और नोहर तहसील में थे और सबसे कम टिब्बी तहसील में थे। भादरा में ८४७, नोहर में ६३१, हनुमानगढ़ में ६०३, संगरिया में २३१, पीलीबंगा में २७१, रावतसर में १९८ और टिब्बी में १५६ कर्मचारी राशन उठा रहे थे।
भादरा में 308 और टिब्बी में चार कर्मचारी शेष
- प्रशासन द्वारा चिन्हित करने के बाद राशि जमा करवाने में भी भादरा के कर्मचारी पीछे रहे हैं। भादरा में ३०८, नोहर में २२, रावतसर में ५, पीलीबंगा में २२, हनुमानगढ़ में ९६, संगरिया में २६ और टिब्बी में चार कर्मचारियों ने अभी राशि जमा नहीं करवाई है। प्रशासन ने इन्हें नोटिस दिए हैं। इन पर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया आरंभ करने की तैयारी चल रही है।
तहसीलवार कर्मियों से वसूली गई राशि
संगरिया २३ लाख ७६ हजार ५२८
हनुमानगढ़ ४६ लाख ५१ हजार ३३५
टिब्बी १८ लाख ६५ हजार ९९०
पीलीबंगा ३४ लाख ७८ हजार ५५३
रावतसर २९ लाख ८४६ रुपए
नोहर ६९ लाख ८० हजार ३५०
भादरा ६८ लाख ०६ हजार ७००
कुल २ करोड़ ९० लाख ६० हजार ३०२ रुपए।
सभी से राशि वसूलने का कार्य जारी
जिले में लगभग तीन हजार कर्मचारी एनएफएसए के तहत राशन ले रहे थे, इन्हें राशन कार्ड हटाए गए हैं। इनसे राशि वसूलने का कार्य चल रहा है। लगभग साढ़े चौबीसों कर्मियों ने राशि जमा करवा दी है। शेष से भ जल्द वसूलने का प्रयास किया जा रहा है।
- राकेश न्यौल, जिला रसद अधिकारी, हनुमानगढ़
पत्रिका व्यू
होना चाहिए आत्मचिंतन
उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से केन्द्र एवं राज्य सरकार जरूरतमंदों को नाममात्र दरों पर राशन मुहैया करवाती है, ताकि सभी को दो वक्त का भोजन उपलब्ध हो सके, यह राशन जरूरतमंदों के लिए है और यह उनके पहुंचाने का जिम्मा प्रशासन का है। ऐसे में प्रशासन में बैठे व्यक्ति ही जब राशन लेंगे तो कैसे चलेगी व्यवस्था। निश्चित तौर पर कर्मियों के राशन लेने का मुद्दा बहुत गंभीर है। सरकार कार्रवाई कर राशि वसूल रही है। वह सब ठीक है लेकिन कर्मचारियों को भी आत्मचिंतन करना चाहिए, सरकार उन्हें बहुत सम्मानजनक वेतन और भत्ते देती है। ऐसे में उन्हें आत्मचिंतन करना चाहिए और गरीबों को दी जाने वाली सुविधाओं और व्यवस्था तथा राशन उन तक पहुंचाने का ईमानदारी से कार्य करना चाहिए।