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अंडरपास खोलने को लेकर अड़े व्यापारी व नेता, आपसी समझाइश के बाद एक जून तक दिया अल्टीमेटम

अंडरपास खोलने को लेकर अड़े व्यापारी व नेता, आपसी समझाइश के बाद एक जून तक दिया अल्टीमेटम- व्यापारियों की मांग एक जून को अंडरपास नहीं खोला तो खुद आकर खोल देंगेहनुमानगढ़. श्रीगंगानगर फाटक पर अंडरपास खोलने को लेकर सोमवार को व्यापारी व नेता मौके पर एकत्रित हो गए।

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अंडरपास खोलने को लेकर अड़े व्यापारी व नेता, आपसी समझाइश के बाद एक जून तक दिया अल्टीमेटम
– व्यापारियों की मांग एक जून को अंडरपास नहीं खोला तो खुद आकर खोल देंगे
हनुमानगढ़. श्रीगंगानगर फाटक पर अंडरपास खोलने को लेकर सोमवार को व्यापारी व नेता मौके पर एकत्रित हो गए। वहीं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने मामला बढऩे की आशंका के चलते मौके पर पुलिस जाब्ता मंगवा रखा था। व्यापारी व नेताओं ने आरोप लगाया कि जनता के लिए अंडरपास खोला नहीं जा रहा है। सीएम व पीडब्ल्यूडी मंत्री की ओर से फीता कटवाने के इंतजार में जनता को परेशान किया जा रहा है। इससे गुस्साए माकपा नेता रघुवीर वर्मा, बहादुर सिंह चौहान, भाजपा नेता डॉ. संदीप सहारण व व्यापारी संगठनों ने तीस मई को अंडरपास अपने स्तर पर खोलने का एलान किया था। इसके तहत सुबह से ही श्रीगंगानगर फाटक पर लोग एकत्रित होना शुरू हो गए। हालांकि इससे पहले पुलिस जाब्ता वहां पहुंच गया था। पुलिस व सार्वजनिक निर्मााण विभाग के अधिकारियों के साथ हुई वार्ता के अनुसार एक जून को सुबह ग्यारह बजे तक अंडरपास खुलने का इंतजार किया जाएगा। उधर, श्रीगंगानगर फाटक पर नवनिर्मित अंडरपास का उद्घाटन एक जून को वर्चुअल सीएम अशोक गहलोत व पीडब्ल्यूडी मंत्री भजनलाल करेंगे। उद्घाटन समारोह में विधायक चौधरी विनोद कुमार, ओबीसी वित्त एवं विकास आयोग के अध्यक्ष पवन गोदारा व कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शिरकत करेंगे। विधायक चौधरी विनोद कुमार ने कहा कि बजट घोषणा वर्ष 2021-22 की पालना में 19.75 करोड रुपए की लागत से इस अंडरब्रिज का निर्माण किया गया है। इसके कार्य पूर्ण की अवधि 2 अक्टूबर 2023 तक निर्धारित की गई थी। लेकिन कार्य की महत्ता को देखते हुए इसे निर्धारित अवधि से कम समय में पूर्ण करवाया गया है। 1 जून तक इसका वर्चुअल शुभारंभ कर आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हनुमानगढ़ के कई व्यापारी संगठन, माकपा नेताओं ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप, अंडरपास खोलने की मांग की थी। व्यापारी संगठन ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया था कि जनता के टैक्स से अंडरपास तैयार किया गया है। लेकिन एक नेता की ओर से उद्घाटन के लिए समय नहीं देने पर जनता परेशान हो रही है। अत्यधिक ईंधन की खपत भी काफी माह से हो रही है। व्यापारी संगठन व माकपा नेताओं ने 29 मई को अपने स्तर पर उद्घाटन कर अंडरपास खोलने की चेतावनी दी थी। ओबीसी वित्त एवं विकास आयोग के अध्यक्ष पवन गोदारा ने कहा कि शहर के विकास के लिए में यह अंडरपास एक मील का पत्थर साबित होगा। इसके वर्चुअल उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पीडब्ल्यूडी मंत्री भजन लाल से आग्रह किया था। इनकी ओर से एक जून को समय दिया गया है।

ये बोले अधिकारी
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता अनिल अग्रवाल ने बताया कि आरयूबी के निर्माण से श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले के लोगो को राज्य की राजधानी जयपुर से जोडने वाली सडक राज्य राजमार्ग संख्या 36 से होकर समीपवर्ती राज्य हरियाणा, पंजाब व दिल्ली आने जाने तथा सालासर, खाटूश्याम , पल्लू व गोगामेड़ी इत्यादि महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों तक आने जाने के लिए सुगम व सुरक्षित रास्ता उपलब्ध होगा तथा जिला मुख्यालय हनुमानगढ पर नगरपरिषद क्षेत्र में रिको, खुन्जा व हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र का विभिन्न सरकारी कार्यालयों, बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन से सीधा जुडाव होगा एवं निर्माण से पूर्व उक्त फाटक के दिन में कई बार बन्द होने पर वाहनों को लगने वाले अतिरिक्त समय व उनके ईन्धन की बचत होगी । राज्य सरकार ने अंडरपास के लिए 25 करोड़ का बजट पारित किया था। इसमें से 18.60 करोड़ रुपए अंडरपास के निर्माण पर खर्च होंगे। शेष राशि रेलवे को यूटिलिटी चार्ज व अन्य निर्माण कार्यों पर खर्च करने के लिए आरक्षित किए गए थे। कुल 19.75 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। पीडब्ल्यूडी का दावा है कि संभाग का सबसे बड़ा अंडरपास होगा। डबल बॉक्स के अंडरपास में ट्रोले की आवाजाही भी आसानी से होगी। इसके निर्माण के दौरान साढ़े पांच मीटर बाय साढ़े पांच मीटर के 15 डबल बॉक्स रेलवे लाइन के नीचे रखे गए हैं। अंडरपास के ऊपर गंगमूल डेयरी व हाउसिंग बोर्ड आने-जाने के लिए मार्ग तैयार किया गया है। वहीं स्थानीय लोगों को आने व जाने के लिए साढ़े पांच चौड़ाई की सर्विस रोड भी रखी गई है।

ओवरब्रिज की थी योजना
पूर्व की भाजपा की सरकार ने श्रीगंगानगर फाटक पर ओवरब्रिज निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया था। लेकिन व्यापारियों की मांग के चलते कांग्रेस की सरकार ने इसे अंडरपास में तब्दील कर दिया गया था। वहीं भाजपा की माने तो ओवरब्रिज का निर्माण होने से इसका ज्यादा लाभ मिलता। भविष्य में इस अंडरपास से भारी वाहनों की आवाजाही संभव नहीं होगी। बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति होने की आशंका रहेगी। उल्लेखनीय है कि आरओबी निर्माण पर 45 करोड़ की लागत प्रस्तावित थी। इसमें 20 करोड़ रुपए रेलवे की ओर से खर्च करने का प्रस्ताव था तो 25 करोड़ रुपए राज्य सरकार की ओर से खर्च किए जाने थे। इस प्रस्ताव में बदलाव होने पर ओवरब्रिज की जगह अंडरपास निर्माण कराने का निर्णय लिया गया। इसके पश्चात राज्य सरकार ने श्रीगंगानगर फाटक पर 25 करोड़ रुपए का बजट पारित किया गया था।