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Video: निजी चिकित्सकों के पास भेज रहे मरीज

- पांचों चिकित्सक हड़ताल पर- रेफरल हस्पताल में हड़ताल के चलते तीसरे दिन भी हालत खराब, घटी ओपीडी- डेंगू ने पसारे पांव

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sangria doctor on demonstration

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संगरिया. राजकीय चिकित्सालय में नियुक्त पांचों चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से तीसरे दिन बुधवार को रेफरल हस्पताल की हालत बिगड़ी रही। आम दिनों में ६०० मरीजों की ओपीडी घटकर सोमवार को २६९ और मंगलवार को महज १६० ही रह गई। बुधवार दोपहर एक बजे तक १५६ मरीज आए। प्रशासन की ओर से तहसीलदार सुरेंद्र जाखड़ ने बुधवार सुबह निरीक्षण किया। उन्होंने नर्सिंग स्टाफ को वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर निजी चिकित्सकों के पास सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से काटी पंजीकृत पर्ची देकर भेजने व निजी चिकित्सकों को नि:शुल्क परामर्श व हस्पताल में सुलभ दवाएं लिखने के लिए निर्देशित किया।

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बावजूद इसके कुछ मरीजों को राहत नहीं मिली। तहसीलदार ने बताया कि आदेशों की अवहेलना करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को तीसरे दिन हड़ताल के चलते चहल-पहल की जगह सन्नाटा पसरा रहा। मरीजों को भी खासी परेशानी हुई। हालांकि शिशु विशेषज्ञ अरविंद शर्मा, मेडिसिन के डॉ. बलवंत गुप्ता, महिला रोग डॉ. संगीता वर्मा, दंत चिकित्सक डॉ. शिव कुमार, चिकित्सा प्रभारी डॉ.नरेश गर्ग के सामूहिक हड़ताल पर चले जाने से अब मौके पर हस्पताल में आयुर्वेद चिकित्सक डॉ.हरमेंद्र भाकल, डॉ.जय श्री शर्मा तथा होम्योपैथ डॉ. पवनेश यादव व डॉ. विनोद झाझडिय़ा सहित राजस्थान बाल स्वास्थ्य मिशन तहत तैनात डॉ. राजविंद्र व डॉ.मुकेश रोगियों को देखने के लिए ड्यूटी पर मुस्तैद रहे।

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लेकिन जो एलोपैथिक दवा लेना चाहते थे वे आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक दवाओं के चिकित्सकों के पास जाने से गुरेज करते दिखे। ओपीडी काउंटर पर पूछताछ कर इधर-उधर कमरे देखकर लौटते नजर आए। उधर, जच्चा-बच्चा वार्ड में महज एक प्रसूता अपने नौनिहाल व परिजन के साथ भर्ती थी जिसकी डिलीवरी नर्सिंग स्टाफ ने बीती रात करवाई थी बाकी बैड सहित अन्य वार्डों के बैड खाली व चिकित्सकों सहित वार्ड के कमरे बंद मिले। चिकित्सकों के अभाव में बीती रात एक प्रसूता व दुर्घटना केस हनुमानगढ़ रेफर करने पड़े। जानकारी अनुसार भामाशाह से जुड़े अस्पतालाओं में मरीजों को जाकर उपचार करवाने की सलाह दी जा रही है ताकि समय पर ईलाज मिल सके।

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बढ़ रहे डेंगू मरीज -

उधर, डेंगू ने अपने पांव पसार लिए हैं। सरकारी हस्पताल में डेंगू की जांच उपलब्ध नहीं होने से रोगी निजी चिकित्सक या लेबोरेट्री पर जाने को मजबूर हैं। गुरुनानक बस्ती के टोनी ऐरी व बलदेवकृष्ण ने बताया कि मरीजों को सरकारी अस्पताल में ना तो चिकित्सक मिल रहे नही जांच सुविधा। उनके मोहल्ले सहित शहर में अनेक पीडि़त हैं। वार्ड 22 में गरिमा पुत्री किरण शर्मा, पवन अग्रवाल पुत्र बनारसी दास अग्रवाल, वार्ड 21 में पूर्वा पुत्री मनोज शर्मा डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। वहीं एक लैब की जांच में गुरतेजसिंह, विजय, लाभसिंह व राहुल डेंगू पॉजिटिव पाए गए। लोगों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम रोकथाम के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रही है वहीं मच्छरों से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। वार्डवाइज मच्छर मारने के लिए दवा छिड़काव जरुरी है।

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