हरदा. जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अफसरों को गांव में सड़कें बनवाने के लिए ठेकेदार ढूंढे से नहीं मिल रहे हैं। कुछ सड़कों को बनवाने और मरम्मत के लिए विभाग 3 से 6 बार तक टेंडर बुला चुका है,लेकिन ठेकेदार बिल्कुल रुचि नहीं ले रहे हैं। ठेकेदारों की अरुचि का कारण अफसर खुलकर नहीं बता पा रहे हैं। इधर बारिश में कई गांवों में रोड की हालत खस्ताहाल होने से लोगों को तहसील और जिला मुख्यालय और आसपास के गांवों तक आने जाने में बेहद परेशानी हो रही है।
बरसात के दौरान जिले के तीनों विकासखंड में कई सड़कों की हालत खराब है। कई जगहों पर विभाग ने नई रोड बनाना प्रस्तावित किया है तो कहीं पर रिपेयरिंग होना है। चुनावी साल को देखते हुए विभाग खराब हो चुकी सडक बनाने और मरम्मत के लिए बार-बार टेंडर कॉल कर रहा है,लेकिन ठेकेदारों के आगे नहीं से लोग परेशान हो रहे हैं। बारिश में बच्चे स्कूल आने जाने में और बीमार तथा प्रसूताओं को अस्पताल तक सुरक्षित लाने के दौरान जान का खतरा बढ़ रहा है।
कहां क्या हाल:
टिमरनी विकासखंड में झाड़पा से रैसलपुर के बीच 3.05 किमी लंबी रोड बनना है। इसकी लागत 31.39 लाख रुपए है। विभाग इसके लिए अब तक 7 बार टेंडर निकाल चुका है। इसी ब्लॉक में रहटगांव से बोरपानी के बीच 40.90 किमी लंबी और बोरपानी से मालेगांव के बीच 4.66 किमी लंबाई की रोड बनना है। इन दोनों रोड के निर्माण पर 149.64 लाख रुपए रुपए खर्च होंगे। विभाग 6 बार टेंडर निकाल चुका है। खिरकिया विकासखंड में हरदा खंडवा मार्ग से बमनगांव को जोड़ने के लिए 4.69 किमी लंबी रोड बनना है। इसकी लागत 10.00 लाख रुपए है। इसके लिए 6 बार टेंडर जारी हुए,कोई ठेकेदार नहीं आया।
4 रोड,3-3 बार टेंडर निकाले:
टिमरनी विकासखंड में 4 सड़कों को बनाने के लिए विभाग ने अभी तक 3-3 बार टेंडर जारी किए,लेकिन एक भी ठेकेदार नहीं मिला। इन सड़कों में एनएच 59 से सिरकंबा 1.05 किमी लागत 5.17 लाख,रहटगांव झाड़बीड़ा रोड से पांढरमाटी 3.20 किमी लागत 44.08 लाख,गोदड़ी से काथड़ी लंबाई 1.02 किमी लागत 5.01 लाख और कासरनी से आमसागर लंबाई 2.30 किमी लागत 66.25 लाख रुपए शामिल है। यहां कुल 7.57 किमी लंबी रोड़ 120.51 लाख से बनना है।
चुनावी साल में नेताओं की बढ़ी चिंता:
जिले में सड़कों का जाल बिछाने और हर गांव को शहर से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाओं से मंजूरी हो मिल गई,लेकिन अब निर्माण और रिपेयरिंग के लिए ठेकेदारों का टोटा पड़ गया है। इससे नेताओं की चिंता बढ गई है। इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव भी होना है,जिससे नेताओं इसके उपाय तलाशने में लगे हैं। 18 जुलाई को सांसद ने दिशा की बैठक ली। लेकिन इसमें पर मुददे पर कोई बात नहीं हुई।
इनका कहना है
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनने वाली सड़कों के लिए विभाग ने टेंडर कॉल किए हैं। कुछ सड़कों के लिए विभाग 3 से 6 बार तक टेंडर जारी कर चुका,लेकिन अभी तक ठेकेदार नहीं मिले। विभाग हर संभव प्रयास कर रहे हैं। जिससे जल्दी से रोड बने और लोगों को सुविधा मिले।
-डीके त्रिपाठी,जीएम,पीएमजीएसवाय