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आधुनिक खेती, व्यापार व प्राकृतिक सौंदर्य ने रहटगांव को बनाया संपन्न

सर्व सुविधायुक्त गांव से लगे है दर्जनों पर्यटन स्थल व वनग्राम

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आधुनिक खेती, व्यापार व प्राकृतिक सौंदर्य ने रहटगांव को बनाया संपन्न

आधुनिक खेती, व्यापार व प्राकृतिक सौंदर्य ने रहटगांव को बनाया संपन्न

गांव के पांव
ग्राम-रहटगांव
आबादी-9500
जनपद पंचायत टिमरनी
जिला- हरदा
(अजय राठौर) रहटगांव. सतपुड़ा की वादियों में बसा रहटगांव जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है। इसमें २० वार्ड है। गांव के बुजुर्ग बताते है कि यहां पुराने जमाने में रहट से खेतों की सिंचाई की जाती थी, इसलिए इस गांव का नाम रहटगांव पड़ा। गांव में कई दशकों से रविवार को हाट बाजार लगाया जाता है। यहां आसपास के दर्जनों वनग्रामों के आदिवासी खरीदारी करने पहुंचते है। इससे गांव में खासा व्यापार होने से दुकानदारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है। गांव के किसान आधुनिक तकनीकी से खेती कर बंपर पैदावार भी लेते है। किसानों की सुविधा के लिए गांव में ही व्यवस्थित कृषि मंडी है। गांव के अधिकतर वार्डों में पक्की सड़कें, पानी की निकासी के लिए पक्की नालियां एवं नल-जल योजना के तहत घरों में नलों से पहुंचता है।
जिले का सबसे अधिक क्षेत्रफल का थाना है यहां -
गांव में अंग्रेजों के जमाने के बने थाने का दायरा 65 किलोमीटर है। जो जिले का सबसे अधिक क्षेेत्रफल का थाना माना जाता है। इसके अंतर्गत करीब 120 गांव आते हैं। गांव में तहसील कार्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बिजली पॉवर स्टेशन सहित अन्य सुविधाएं भी मौजूद है। गांव के वनांचल क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक दर्शनीय एवं पर्यटन स्थल है। गांव से 20 किमी दूरी पर गोराखाल में प्राकृतिक झरना है। 10 किमी दूर मुर्गी घाटी क्षेत्र में पहाड़ी पर प्रसिद्ध देवी मंदिर है। गंजाल-काजल नदी के संगम पर प्रसिद्ध काजलेश्वर मंदिर है। यहां पर मेला भी लगता है। गांव में खेड़ापति माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध मंदिर है जो कि विशाल वटवृक्ष के नीचे बना हुआ है।
क्षेत्र के सौगान की मांग रहती है बड़े शहरों में-
ग्राम पंचायत रहटगांव के अंतर्गत वन विभाग कि 3 रेंज है। यहां कि उच्च किस्म की सौगान की कई शहरों में मांग है। वन विभाग ने यहां पर्यावरण केंद्र बनाया है। गांव में तीन राष्ट्रीय कृत बैंक शाखाएं है। क्षेत्र में करीब 30 करोड़ रुपए की लागत से ६०० विद्यार्थियों के लिए १० एकड़ में सर्वसुविधा युक्त प्री-मैट्रिक छात्रावास का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा 10 करोड़ की लागत से बालिका छात्रावास बन कर तैयार हो गया है। यहां तक कि गांव में आइटीआइ की सुविधा भी है।
गांव की मजबूती-
१. क्षेत्र का बड़ा हाटबाजार लगता है।
२. वनांचल में कई पर्यटन एवं दर्शनीय स्थल है।
३. आधुनिक खेती व व्यापार के कारण आर्थिक संपन्न गांव है।
गांव की कमजोरी
1. शासकीय महाविद्यालय व सुलभ शौचालय की कमी है।
२. फायर ब्रिगेड व पोस्टमार्टम केंद्र की सुविधा नहीं है । ३.सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिला है।