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टिकट में हाईकमान ने किया पक्षपात तो जनता उसे अपने निर्णय से करे खारिज-जैन

हरदा.भाजपा में दूसरे नंबर के बड़े नेता और दो बार नपाध्यक्ष रहे सुरेंद्र जैन ने विजयदशमी पर पार्टी छोड़कर संगठन को तगड़ा झटका दिया। विकास पुरुष के नाम से ख्यात जैन ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया। चुनाव में टिकट नहीं मिलने और मंत्री कमल पटेल को सर्वे रिपोर्ट की अनदेखी कर 7 वीं बार मौका देने से वे नाराज थे।पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार चौहान के नाम के शिलालेख को दुर्भावना से नाली में फेंकने और अपनी उपेक्षा से नाराज जैन कांफ्रेंस में फूट-फूट कर रोए।

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हरदा

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Mahesh bhawre

Oct 24, 2023

 टिकट में हाईकमान ने किया पक्षपात तो जनता उसे अपने निर्णय से करे खारिज-जैन

If the high command is biased in the ticket then the public should reject it with their decision - Jain

क्षेत्र में भयमुक्त माहौल के लिए जनता से कमल पटेल के खिलाफ मतदान का आग्रह किया।अगली रणनीति और कांग्रेस में जाने के सवाल पर 4 दिन बाद निर्णय लेने की बात कही है। मालूम हो कि बुधवार को सीएम शिवराजसिंह चौहान टिमरनी व गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हरदा आने वाले हैं। इससे पहले जैन के इस निर्णय से राजनीतिक गलियारे और भाजपा में हड़कंप मच गया है।

प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जैन ने कांफ्रेस में मंत्री पटेल पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 1992 में कमल पटेल व उन्होंने क्षेत्र से गुंडागर्दी,आतंक,अपराध,गैरकानूनी कामों पर अंकुश लगाने के संकल्प के साथ राजनीति शुरू की थी। 2018 के बाद पटेल के मंत्री बनते ही खुद उनके लोग नर्मदा से अवैध खनन करने लगे। एमडी पावडर,ड्रग्स जैसे मादक पदार्थ बिकवाने लगे। जुआ,सटटा,गांजा का विक्रय उनके संरक्षण में होने लगा। जिससे नई युवा पीढ़ी नशे से बर्बाद हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि गेहूं के मैसेज छुड़वाने,मूंग के तौल में प्रति ट्रॉली किसानों से अवैध वसूली की गई। जिससे कंपनियां,3 वेयर हाउस,सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी।उन्होंने कहा कि मप्र में नकली कीटनाशक बिकवाया,जिससे अब इल्ली भी नहीं मरती। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेतृत्व ने मौका देने की बात कही थी,लेकिन बाद में सर्वे रिपोर्ट की अनदेखी कर पटेल को 7 वीं बार टिकट दिया,जबकि पटेल ने जानबूझकर हरदा जनपद पंचायत के चुनाव में अध्यक्ष पद पर परिवारवाद के कारण कांग्रेस को जिताया। यदि वे परिवार का मोह नहीं करते और पार्टी संगठन को सर्वोपरि मानते को हरदा जनपद में भाजपा का अध्यक्ष काबिज होता। मालूम हो कांग्रेस से जनपद अध्यक्ष बनी रेवा पटेल रिश्ते में मंत्री कमल पटेल की चचेरी बहन लगती हैं।

हरदा में भाजपा कमल प्रा.लि.हुई:
जैन ने कहा कि यहां भाजपा कमल प्रा.लि हो गई। कार्यकर्ताओं का मान,सम्मान नहीं बचा।पार्टी के लिए जीवन समर्पित करने वाले नंदू भैया के नाम का भाजपा कार्यालय का शिलालेख सिर्फ इसलिए नाली में फेंका क्योंकि पटेल के निष्कासन पत्र पर उन्होंने दस्तखत किए थे,इसी दुर्भावना का मृत व्यक्ति से बदला लिया।यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के निर्देश पर भी उसे नहीं लगाया,हॉल का नामकरण उनके नाम पर नहीं किया। गांव-गांव शराब,एमडी पावडर,जुआ सटटा,गांजा,अवैध खनन रोकने की कई बार मांग की,लेकिन परिवारवाद के मोह,पैसों के लालच में ध्यान नहीं दिया। छोटी हरदा में मप्र,राजस्थान,महाराष्ट्र,गुजरात से जुआ खेलने आते हैं। अब मैं नई राह चुनूंगा। दीनदयाल उपाध्याय के कहे अनुसार हाईकमान की गलती को सुधारने के लिए काम करने वाले की खुलकर मदद करूंगा।

दीनदयाल उपाध्याय की पॉलिटिकल डायरी के पेज 151 दि.11 दिसंबर 1961 को दोहराते हुए कहा कि कोई बुरा प्रत्याशी केवल इसलिए आपका वोट पाने का दावा नहीं कर सकता कि वह किसी अच्छे दल की ओर से खड़ा है। दल के हाईकमान ने ऐसे व्यक्ति को टिकट देेते समय पक्षपात किया होगा। अत:ऐसी गलती को सुधारना मतदाता का कर्तव्य है। उन्होंने इसे बार-बार दोहराते हुए वोटरों से हाईकमान की इस गलती को सुधारने का आग्रह किया। जिससे जनता व पार्टी के बजाय परिवार,पैसे को सर्वोपरि मानने वाले का अंहकार खत्म किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि वे क्षेत्र के युवाओं के सुरक्षित भविष्य के लिए भगवान से प्रार्थना करेंगे,जिससे चुनाव में नतीजे सत्य के पक्ष में आएं।

यह है टीस:
जैन ने टिकट की दावेदारी की। मंत्री के बेटे सुदीप पटेल ने सोशल मीडिया पर जैन के खून में गददारी होने की बात कही। इस पर पटेल चुप रहे। जिलाध्यक्ष अमरसिंह मीणा ने इसे अनुचित बताया था। तब जैन ने कहा कि धृतराष्ट्र को अपने बेटे की करतूत के अलावा सब दिखाई देता है। किसी ने सुलह की पहल नहीं की। तब जैन ने कहा कि वे पार्टी में रहकर जयचंद की तरह गददारी नहीं करेंगे,इसके बजाय वे आतंक मिटाने के लिए विभीषण बनना पसंद करेंगे। पार्टी मनाएगी तो वे क्या करेंगे,इस पर उन्होंने कहा कि मान मनौव्वल का समय बीत गया। उन्होंने 15 दिन इंतजार किया,प्रदेश तो दूर संगठन का कोई स्थानीय पदाधिकारी भी बात करने नहीं आया।

किसी को परेशानी में नहीं डालना चाहता:
जैन ने यह भी कहा कि पार्टी छोड़ने का निर्णय उन्होंने अकेले ही लिया है। पदाधिकारियों,पार्षदों या समर्थकों को इस निर्णय में अभी शामिल नहीं किया है। इसका कारण बताते हुए कहा कि ऐसा करने पर उन्हें डराया धमकाया जाने लगेगा। खिरकिया में ऐसा हो चुका है। इस कारण वे किसी अन्य को अभी धर्मसंकट में नहीं डालना चाहते हैं।

अब आगे क्या...
पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद अगला कदम क्या होगा यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे अभी 4 दिन अपने समर्थकों,शुभचिंतकों आदि से विचार मंथन करेंगे। इसका बाद अगला निर्णय लेंगे। कांग्रेस ज्वाइन करने के सवाल पर कहा कि अभी ऐसा कुछ नहीं है। कांफ्रेंस में उनके साथ खिरकिया के पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष सूरत सिंह राजपूत मौजूद रहे। नपा चुना में करीब 15 हजार वोटों से जीते जैन के इस कदम के बाद कांग्रेस में उत्साह है। संभावना जताई जा रही है कि वे जल्द ही कांग्रेस का दामन बड़े नेताओं की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ थाम सकते हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कल सीएम व परसों केेंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आगमन के दौरान इस पर बातचीत के बाद कुछ स्थिति बदलने की संंभावना है।

इनका कहना है
मंत्री बोले...
टिकट नहीं मिलने से अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। टिकट मिलने की घोषणा से पहले ही उन्होंने अपनी टिकट पक्की होने का दावा कर प्रचार,जनसंपर्क शुरू कर दिया।जब पार्टी ने मुझे टिकट दे दिया तो अपनी खीझ निकालने के लिए झूठे आरोप लगाकर ओछी मानसिकता का परिचय दे रहे हैं। झूठे आरोपों को लेकर कानूनी कार्रवाई करुंगा।
-कमल पटेल,भाजपा प्रत्याशी
जिलाध्यक्ष बोले..
इस्तीफा मिला है। प्रदेश के नेतृत्व को बताउंगा। अभी वे किसी पार्टी में नहीं गए हैं,उन्हें बातचीत कर समझाएंगे।
-अमरसिंह मीणा,जिलाध्यक्ष,भाजपा