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बिरजाखेड़ी पंप पर एनओसी व स्वीकृति के अभाव में अटका फिल्टर प्लांट एवं स्टॉप डैम का कार्य

शहर की एक चौथाई आबादी को बगैर फिल्टर किया जा रहा जलप्रदायगर्मी में अजनाल नदी में पानी सूखने से बनती है जलसंकट की स्थिति

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बिरजाखेड़ी पंप पर एनओसी व स्वीकृति के अभाव अटका फिल्टर प्लांट एवं स्टॉप डैम का कार्य

बिरजाखेड़ी पंप पर एनओसी व स्वीकृति के अभाव अटका फिल्टर प्लांट एवं स्टॉप डैम का कार्य

हरदा. नगर पालिका परिषद की बैठक में करीब २ साल पहले शहर के लोगों को बिरजाखेड़ी पंप हाउस से शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए फिल्टर प्लांट बनाने और अजनाल नदी में स्टॉप डैम बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके बाद इन योजनाओं के क्रियांवन के लिए लाखों रुपए खर्च कर प्रायवेट कंसलटेंसी से डीपीआर तैयार कर प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल एवं नर्मदा घाटी प्राधिकरण को भेजा था। लेकिन लंबे समय बीतने के बाद भी विभागीय प्रक्रियाओं में लेटलतीफी के चलते अभी तक स्वीकृति ही नहीं मिल पाई है। ऐसे में नपा ने भी इन योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
पेयजल की शुद्धता को लेकर उठते है सवाल -
नपा द्वारा शहर की करीब एक चौथाई से अधिक आबादी को ब्रिटिशकालीन बिरजाखेड़ी पंप से सालों से बिना फिल्टर किए पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। इससे आए दिन नागरिकोंं द्वारा पेयजल की शुद्धता को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हंै। खासकर बारिश के दिनों में मटमैला एवं बदबूदार पानी मिलने शिकायतें अधिक मिलती है। इस समस्या को देखते हुए नपा की ओर बिरजाखेड़ी पंप के पास खाली पड़ी भूमि पर करीब १ करोड़ रुपए की लागत फिल्टर प्लांट बनाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन यह योजना कागजों में सिमटकर रह गई है। जिन्हें मूर्तरूप देने का अब प्रयास भी नहीं किया जा रहा है।
फिटकरी डालकर किया जाता है जलप्रदाय-
बिरजाखेड़ी पंप हाउस से जल प्रदाय के लिए वर्षों पूर्व व्यवस्था बनाई गई थी। इसके लिए अजनाल नदी में तीन कुएं बनाए थे। इनमें से पानी छनकर नदी के ऊपर बने कुएं में जमीन के अंदर से स्टोरेज होता है। इसके बाद नगर पालिका पानी साफ करने के लिए फिटकरी व ब्लीचिंग पॉवडर डालती है। इस पानी को शहर में बनाई गई टंकियों में भरकर नलों के माध्यम से घर-घर पहुंचाया जाता है। जानकारी के मुताबिक शहर के खेड़ीपुरा, मानपुरा, इमलीपुरा, कुलहरदा, रेलवे डबल फाटक क्षेत्र सहित अन्य जगहों पर यह पानी सप्लाई किया जाता है। वर्तमान में करीब 1५ हजार की आबादी को बिना फिल्टर प्लांट के ही पानी दिया जा रहा है। इससे लोगों को हर साल बारिश के दिनों में जहां मटमैला तथा गर्मी के मौसम में नदी में कम पानी होने पर दुर्गंधयुक्त पानी मिलता है। इसके बावजूद भी जिम्मेदार फिल्टर प्लांट को लेकर उदासीन बने हुए हंै।
अनजाल नदी पर ६७ लाख में बनना है स्टॉप डैम-
इसके अलावा नपा की ओर से बिरजाखेड़ी पंप हाउस के सामने स्थित अजनाल नदी में ६७ लाख रुपए की लागत से स्टॉपडैम भी बनाया जाना था। अजनाल नदी में गर्मी के दिनों में पानी सूखने से जलसंकट की स्थिति बन जाती है। इसे देखते हुए नगर पालिका ने अजनाल नदी में स्टॉपडैम बनाने की योजना तैयार की थी। साथ ही बिरजाखेड़ी के लोगों को नदी पार करने के लिए डैम के ऊपर ही रपटा और नदी किनारे पर घाट का निर्माण की योजना बनाई थी।
पिकनिट स्पॉट के रूप में मिल सकती है बेहतर जगह-
इस क्षेत्र को पिकनिट स्पॉट के रूप में संवारने की बात भी कही गई थी। स्टॉपडैम से जहां पानी स्टोर रहेगा, वहीं डैम से निकलने वाला पानी झरने के रूप में दिखेगा। नदी के तट पर घाट का निर्माण कराने और रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की जाना थी। इससे शहर के लोगों को पिकनिक के लिए बेहतर जगह मिल सके। लेकिन नगरीय प्रशासन विभाग से स्वीकृति एवं जल संसाधन विभाग से पानी की उपयोगिता को लेकर अभी तक एनओसी ही नहीं मिल पाई है।
इनका कहना है-
अजनाल नदी पर स्टॉपडैम और फिल्टर प्लांट बनाने की टीएस की स्वीकृति भोपाल सेे नहीं मिली है। इसके अलावा जल संसाधन विभाग से पानी की उपयोगियों को लेकर एनओसी प्रदान करने में देरी की जा रही है। ऐसे में आगे की प्रक्रिया नहीं हो रही है। स्वीकृति मिलने पर टेंडर लगाकर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा।
सुरेन्द्र जैन, अध्यक्ष, नपा परिषद, हरदा