सोशल डेस्टेंसिंग का पालन किए बिना काम करने को मजबूर हैंडपंप सुधारक कर्मचारियों का बीमा भी नहीं कराया
खिरकिया. कोराना वायरस के संक्रमण से बचाव के पीएचई विभाग के कर्मचारियों को किसी भी प्रकार के संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए है। ऐसे में हैंडंपप सुधारकों के एक साथ मिलकर काम करने से संक्रमण फेलने का अंदेशा बना है। इसकी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अनदेखी की जा रही हैं। मप्र हैंड पंप टेक्नीशियन समिति के प्रांतीय अध्यक्ष शशिकांत नागर ने बताया कि कर्मचारियों को बिना किसी सुरक्षा संसाधन के ग्रामीण क्षेत्र में हैंडपंप सुधारना पड़ रहा है। शासन द्वारा कर्मचारियों का बीमा भी नहीं कराया गया है। यदि कोई कर्मचारी काम करते समय संक्रमित होता है, तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
५-६ कर्मचारियों को एक साथ मिलकर करना पड़ता है काम-
समिति के जिला संयोजक राजेश गुप्ता का कहना है कि पड़ोसी जिले खंडवा एवं होशंगबाद में कोरोना वायरस के संक्रमित मिलने के बाद हरदा जिले के पीएचई विभाग के कर्मचारी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। हैंडपंपों की मरम्मत करते समय कर्मचारियों द्वारा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना संभव नहीं हैं। सुधार कार्य करते समय 5-6 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को एक दूसरे के नजदीक आकर कार्य करना पड़ता है। पाइप को निकालने के लिए सभी को एक साथ मिलकर ताकत लगानी पड़ती है। ऐसे में वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर पाते है।
पीएचआई अमले को लॉकडाउन से रखा पूर्णत: मुक्त-
कार्यालय प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 24 मार्च 20 का आदेश जारी कर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम के मार्गदर्शिका जारी की गई थी। इसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। श्रेणी ए में उन जिलों के लिए निर्देश जारी किए गए थे, जहां कोरोना की पुष्टि होना पाया गया है। श्रेणी बी में उन जिलों को रखा गया, इनमें कोरोना पॉजिटिव नहीं है। इसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के समस्त कार्यालयों के अमले को लॉकडाउन से पूर्णत: मुक्त रखा गया है। पीएचई विभाग के कर्मचारी राजेश गुप्ता के बताया कि ग्रामीण पेयजल व्यवस्था को अतिआवश्यक सेवा की श्रेणी में रखा गया है। इसके लिए विभाग के कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का आदेश शासन द्वारा दिया गया है। लॉकडाउन के दौरान विभाग के कर्मचारियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा गया है। जो कि हैंडपंप सुधारते समय संभव नहीं है। गुप्ता ने कहा कि हैंडंपप सुधारने का कार्य को आउटसोर्सिंग कर्मचारियों द्वारा लिफ्ट या हाइड्रोलिक मशीन आदि तकनीक द्वारा कराया जाना चाहिए।
सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर अधिकारी ने की थी अभ्रदता-
विगत दिनों पीएचई विभाग के अमले को एक प्रशासनिक अधिकारी द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर नसीहत देते हुए अभ्रदता की गई थी। इसके बाद विभाग के कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। वे विभाग के आदेश का पालन सोशल डिस्टेंसिग के साथ कैसे करें।
इनका कहना है
इस प्रकार की समस्या से प्रमुख अभियंता एवं मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है।
शशिकांत नागर, प्रांतीय अध्यक्ष, मप्र हैंडपंप टेक्नीशियन समिति
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए पीएचई विभाग को निर्देशित किया जाएगा।
डॉ. प्रियंका गोएल, अपर कलेक्टर, हरदा