
Rabi season: 1.05 lakh hectares. Irrigation target in Uttar Pradesh, demand to release water on 22nd
बैठक में टिमरनी संभाग की कार्यपालन यंत्री सोनम बाजपेयी ने बताया कि हरदा,टिमरनी संभाग में नहरों का मेंटेनेंस चल रहा है। हरदा संभाग में 10 टेंडर मंजूर कर हैं। जिनमें 44.85 लाख रुपए के काम हो रहे हैं। टिमरनी संभाग की हंडिया शाखा में भी 84.63 लाख रुपए के 10 काम चल रहे हैं। इसके अलावा नहरों,हेडअप,माइनर,डिस्ट्रीब्यूट्री की सफाई और क्षतिग्रस्त स्थानों पर मरम्मत चल रही है। अफसरों ने 20 से 25 अक्टूबर के बीच पानी छोड़ने का प्रस्ताव रखा। किसानों ने कहा कि कटाई 90 चुकी है। 20 को पानी छोड़ें। सीईओ ने नहरों,माइनर आदि की सफाई के शेष काम को देखते हुए 22 अक्टूबर की बात कही,जिस पर सभी सहमत हो गए। बिजली कंपीन के डीजीएम आरके अग्रवाल ने 10 घंटे बिजली देने का प्लान बताया। नयागांव का सब स्टेशन दिसंबर तक पूरा होने की बात कही। उप संचालक कृषि एमपीएस चंद्रावत ने बोवनी का प्रस्तावित एरिया बताया।
हरदा से ज्यादा टिमरनी का रकबा:
रबी सीजन के सिंचाई प्लान में हरदा का रकबा 52302 हेक्टेयर है। टिमरनी का रकबा 52663 हेेक्टेयर है,जो 361 हेक्टेयर ज्यादा है। जिले का कुल रकबा 1 लाख 4965 हेक्टेयर प्रस्तावित है। इधर कृषि विभाग ने रबी सीजन के लिए बाेवनी का रकबा 1.91 लाख हेक्टेयर प्रस्तावित किया है। इसमें 90 हजार हेक्टेयर गेहूं और 96 हजार हेक्टेयर में चने की बोवनी का अनुमान है। हालांकि यह रकबा और बढ़ने की उम्मीद है।
विभाग ने गांव वार बनाई सूची:
इस रबी सीजन में हरदा व टिमरनी विधानसभा के किन-किन गांवों के कितने रकबे को नहरों से पानी मिलेगा इसकी गांव वार सूची तैयार कर ली है। हरदा विधानसभा के 74 गांवों का 21383 हेक्टेयर रकबा शामिल है। इसी प्रकार टिमरनी विधानसभा के 64 गांवों के 21490 हेक्टेयर रकबा शामिल है। लिफ्ट सिंचाई परियोजना से 9668 हेक्टेयर रकबा शामिल है। तवा बांध के साथ साथ खिरकिया विकासखंड के तीनों तालाब भी 100 फीसदी भरे हैं। जिनसे 2775 हेक्टेयर रकबा सिंचित होगा। नहरों व तालाब से रबी सीजन में कुल 104965 हेक्टेयर रकबा सिंचित करने का लक्ष्य है। इस तरह 384 गांवों के 51667 किसानों को नहर से पानी देना प्रस्तावित है।
पलासनेर से आए एक किसान ने अफसरों के झूठ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि रेवापुर मानइर से उन्हें गेहूं के सीजन में भी नवंबर अंत तक पानी नहीं मिलता है। मूंग में तो उन्हें पानी मिलता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी नहरों की सफाई नहीं हुई। सुखरास से गहाल के बीच नहर में बड़े बड़े बोल्डर पड़े हैं।इसके अलावा माइनरों पर गेट लगाने की मांग की। एक अन्य किसान ने तवा बांध से मिलने वाले गेज के अनुसार पानी का लेवल देखने व ग्रुप में किसानों को सूचना देने के लिए चौकीदार रखने की बात कही।
नहर की जिले में लंबाई:
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तवा बांध से बांयी मुख्य नहर हरदा जिले में 86.43 किमी से 128.51 किमी टेल तक आती है।टिमरनी संभाग में हंडिया शाखा नहर प्रणाली 9 किमी से 55.5 किमी टेल तक आती है। इसके अलावा खिरकिया ब्लॉक में इमलीढाना,जामन्या,आमाखाल तालाब तीन लघु सिंचाई परियोजनाएं हैं। हरदा संभाग में 647 किमी व टिमरनी में 523 किमी जिले में 1170 किमी नहरों का नेटवर्क है।
कहां कितना पानी उपलब्ध:
तवा बांध का पूर्ण जल भराव लेवल-1166 फीट यानि 355.397 मीटर है।
उपयोगी जल भराव क्षमता-1943.965 मिलियन घन मीटर है।
11 अक्टूबर की स्थिति में-पूर्ण जल भराव क्षमता का-100.25 प्रतिशत
इमलीढाना तालाब-8.471 मिलियन घन मीटर 100 प्रतिशत
आमाखाल तालाब-4.449 मिलियन घन मीटर100 प्रतिशत
जामन्या तालाब-0.879 मिलियन घन मीटर100 प्रतिशत
नोट-तीनों तालाब से 2775 हेक्टेयर को पानी मिल सकेगा
इनका कहना है
सोमवार को जल उपयोगिता समिति की बैठक हुई। इसमें 22 अक्टूबर को तवा बांध से नहरों पानी छोड़ने की मांग पर सहमति बनी है। प्रस्ताव बनाकर भेज रहे हैं। बैठक में आए अन्य बिंदूओं पर भी काम किया जा रहा है।
-सोनम बाजपेयी,कार्यपालनयंत्री जल संसाधन विभाग टिमरनी संभाग
Published on:
17 Oct 2023 01:01 pm
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