एक किसान ने हेलोजन व कूलरों का सहारा लिया है। इससे जहां उपज के ठीक भाव मिलने की उम्मीद है वहीं बिजली बिल व मजदूरी में प्रति क्विंटल 100 रुपए तक लागत बढ़ना तय है।
हरदा. इस साल सोयाबीन, उड़द, मूंग की फसल कटाई के दौरान हुई लगातार बारिश के कारण गीली हो गई है। खेतों में भी ज्यादा नमी होने के कारण फसल सूखने में ज्यादा समय लग रहा है। इससे नुकसान की आशंका हो रही है। नुकसान से बचने के लिए फसल सुखाने एक किसान ने हेलोजन व कूलरों का सहारा लिया है। इससे जहां उपज के ठीक भाव मिलने की उम्मीद है वहीं बिजली बिल व मजदूरी में प्रति क्विंटल 100 रुपए तक लागत बढ़ना तय है। वर्तमान में मंडी में अच्छी सोयाबीन की तुलना में ऐसी उपज के भाव 800 से 1200 रुपए प्रति क्विंटल कम मिल रहे हैं।
किसान ने 100 क्विंटल उपज सुखाने 500 वॉट के 8 हेलोजन, 2 कूलर लगाए हैं। इन्हें 6 दिन चलाने पर करीब 8 हजार रुपए अतिरिक्त बिजली बिल आया। उपज पलटाने पर 200 रुपए रोज मजदूरी देना पड़ी। नया प्रयोग करने वाले ऐड़ाबेड़ा के किसान मनोज पटेल ने बताया कि इस साल समय पर सोयाबीन का सर्टिफाइड बीज नहीं मिला। सोयाबीन के साथ उड़द व मूंग बोई थी। लगातार बारिश से हुई। कटाई शुरु होते ही तेज बारिश हुई। खेत व खलिहान की उपज को तिरपाल डालकर बचाया। कटी फसल 2-3 दिन खेत खलिहान में पड़ी रही। फिर मजदूरों से इसे पलटवाया। इससे पहले ही दाने अंकुरित होने लगे। सोयाबीन के दानों में दाग लगने से वे खराब हो गए। नमी बढ़ गई। तेज धूप नहीं निकली, इस कारण कूलर व हेलोजन लगाकर सुखाया। वे बताते हैं कि 45 क्विंटल मूंग, 35 क्विंटल सोयाबीन व 20 क्विंटल उड़द इसी तरह सुखाई। दरअसल इस साल अतिवृष्टि के कारण 5 बार बाढ़ आई थी। फसल कटाई के समय भी बारिश हो रही है। इसका असर फसलों के उत्पादन, चमक, गुणवत्ता पर होगा।
किसान सुखराम पटेल ने बताया कटाई के बाद सोयाबीन मंडी ले गए। नमी के कारण भाव 2800 से 3900 के बीच बताया। उपज वापस ले आए। अब उसे सूखा रहे हैं। जिससे लागत निकल सके। व्यापारी नमी बताकर कम भाव दे रहे हैं। अच्छी सोयाबीन 5000 रुपए क्विंटल तक बिक रही है। अच्छी मूंग 6800 से 7300 के बीच बिक रही है। नमी वाली 5000 से 5500 के बीच खरीदी जा रही है। अच्छी उड़द 6200 रुपए तक बिक रही है। नमी व दाग वाली उड़द 2000 से 3500 के बीच ले रहे हैं।
किसान बोले-यह सुविधा मिले
3 साल पहले भी दीवाली तक पानी बरसा था। मौसम विभाग के अनुसार इस साल भी ऐसे आसार हैं। ऐसे मौसम में फसल की नमी कम करने कूलर व हेलोजन से फसल सुखाई। बाद में प्रति क्विंटल 1000 से 1200 रुपए ज्यादा मिले। सभी किसान ऐसा नहीं कर पाते हैं। मंडी में निजी सोयाबीन प्लांट की तरह ब्लोअर लगे। जिससे प्रति क्विंटल तय शुल्क लेकर सुविधा दी जा सके।
-रविशंकर शर्मा, रन्हाईकलां
उपज धूप में ही सुखाना चाहिए
किसानों की उपज प्राकृतिक धूप में ही सुखाना चाहिए। इससे नमी की मात्रा में कमी आएगी वहीं, दाने की चमक फीकी होने की संभावना कम रहती है। ब्लोअर या अन्य तरीके अपनाने पर दाने की चमक पर असर पड़ता है। दाने का रंग बदलने लगता है। इसका सीधा असर उपज के भाव को प्रभावित करता है। दाने की गुणवत्ता भी प्रभावित होने की आशंका रहती है।
-महेश अग्रवाल, अध्यक्ष, ग्रेन मर्चेंट,एसो.