100 किमी की पैदल यात्रा कर शिव का जलाभिषेक करती हैं
चूंकि महाशिवरात्रि का दिन बेहद शुभ और मनोकामना को पूर्ण करने वाला माना जाता है। इसलिए मंगलामुखी सपना किन्नर जीवन से मुक्ति की कामना को लेकर पिछले छह वर्षों से तप कर रही हैं। वे महाशिवरात्रि के मौके पर सादाबाद से अपने कंधे पर कांवड़ उठाए लहरा गंगाघाट जाती हैं और वहां से गंगाजल लेकर सादाबाद के शिवालय में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करती हैं। इस दौरान वे करीब 100 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय करती हैं।
चूंकि महाशिवरात्रि का दिन बेहद शुभ और मनोकामना को पूर्ण करने वाला माना जाता है। इसलिए मंगलामुखी सपना किन्नर जीवन से मुक्ति की कामना को लेकर पिछले छह वर्षों से तप कर रही हैं। वे महाशिवरात्रि के मौके पर सादाबाद से अपने कंधे पर कांवड़ उठाए लहरा गंगाघाट जाती हैं और वहां से गंगाजल लेकर सादाबाद के शिवालय में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करती हैं। इस दौरान वे करीब 100 किलोमीटर की पैदल यात्रा तय करती हैं।
महादेव पर रखती हैं अटूट विश्वास
सपना के मुताबिक महादेव से उनका बहुत पुराना नाता है। वे महादेव में अटूट विश्वास और आस्था रखती हैं। इसलिए हर रोज उनकी पूजा करती हैं और महाशिवरात्रि के दिन पिछले छह वर्षों से उन्हें गंगाजल अर्पित कर रही हैं। उनका यकीन है कि शिव जल्द ही उन्हें इस योनि से मुक्ति देंगे।
सपना के मुताबिक महादेव से उनका बहुत पुराना नाता है। वे महादेव में अटूट विश्वास और आस्था रखती हैं। इसलिए हर रोज उनकी पूजा करती हैं और महाशिवरात्रि के दिन पिछले छह वर्षों से उन्हें गंगाजल अर्पित कर रही हैं। उनका यकीन है कि शिव जल्द ही उन्हें इस योनि से मुक्ति देंगे।