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हाथरस। बीमारियां फैलने में कोई वक्त नहीं लगता। इन बीमारियों को फैलने से रोकने में भी कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ती। बस थोड़ा सा जागरूक होने की आवश्यकता है। सरकारें कितनी भी योजनायें चला लें पर कारगर वे तभी होती हैं जब उन पर निरंतर अमल किया जाये। सरकार के स्वच्छता अभियान को पूरी शिद्दत और लगन के साथ चलाये रखने का काम हाथरस जिले में सासनी विकास खंड के गांव रामपुर के प्रधान विनोद कुमार कर रहे हैं। इसके पीछे उनकी सकारात्मक सोच यह है कि वह अपने गांव को स्वच्छ रखने के साथ ग्रामीणों को स्वस्थ रखना चाहते हैं।
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सुबह पांच बजे से करते हैं सफाई
खुले में शौच से मुक्त यानि ओडीएफ घोषित हो चुके रामपुर गांव के प्रधान विनोद कुमार स्वयं गांव में साफ-सफाई रखने पर खासा जोर देते हैं। वह सुबह करीब पांच बजे अपनी टोली के साथ निकलते हैं और गांव में झाड़ू लगाते हैं। गांव में पानी को एकत्रित नहीं होने देते, जिससे वहां मच्छर पैदा न हों। इसके प्रति जागरूकता लाने के लिए स्लोगन की पट्टिका भी लगाईं गई हैं।
विरोध का सामना भी करना पड़ा
गांव प्रधान विनोद कुमार चाहते है कि उनके गांव की तरह ही देश भर के गांव ओडीएफ यानी खुले में शौच मुक्त हो जाएं। ताकि पूरा देश स्वच्छ रहे व देश की जनता रोगमुक्त रहे। गांव को साफ - सुथरा रखने के लिए प्रधान विनोद कुमार को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि अमित कुमार जो हाथरस के तत्कालीन डीएम थे, उनसे उन्होंने प्रेरणा ली। जिसके बाद उन्होंने गांव का 2 दिन का सर्वे करके देखा कि गांव में कहां शौचालय नहीं हैं। सर्वे के बाद लोगों को अपने विश्वास में लिया। गांव के ओडीएफ कराने के लिए उन्होंने विरोध भी सहा।
25 दिन में ओडीएफ कराया गांव
विनोद कुमार की कड़ी मेहनत और गांव को ओडीएफ कराने के जुनून ने गांव को मात्र 25 दिन में ओडीएफ करवा दिया था। जिसके लिए उन्हें 2 अक्टूबर 2017 को मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने सम्मानित भी किया था। ओडीएफ घोषित होने के बाद उन्होंने गांव को साफ - सुथरा रखने की कवायद शुरू की। उन्होंने बताया कि एक कमेटी बनाकर गांव की स्वच्छता पर जोर दिया गया है। वह स्वयं तथा कमेटी के सदस्य रोज सुबह गांव में स्वच्छ वातावरण रखने के लिए साफ-सफाई में लग जाते हैं प्रधान विनोद कुमार के साथ गांव के अन्य लोग भी गांव को साफ - सुथरा स्वच्छ रखने में उनकी मदद करते हैं, ताकि उनके गांव में किसी भी प्रकार की कोई बीमारी न फैले।
शौचालय होने से बहन बेटियां सुरक्षित
रामपुर निवासी प्रमोद वर्मा का कहना है कि उनके गांव रामपुर के हर घर में शौचालय बन चुके है। गांव की सफाई के लिए टीम भी गठित की गई हैं। वहीं, गांव की महिलाओं का कहना है कि शौचालय बन जाने से बीमारियां कम फैल रही हैं और घर - घर शौचालय होने से बहन - बेटियां भी सुरक्षित है।
घर-घर से कूड़ा एकत्रित होगा
जिला पंचायती राज अधिकारी बनवारी सिंह ने बताया कि गांव प्रधान की इस पहल से स्वच्छता केमामले में यह जनपद में बहुत आगे है। जल्द ही गांव में ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थों के लिए कार्य शुरू हो जाएगा। इसके तहत ग्राम पंचायतों में प्लास्टिक, पॉलिथीन, धातुओं, कागज, कपड़े थर्माकोल को कंटेनर के माध्यम से एक जगह पर एकत्र किया जाएगा। सफाई कर्मचारी गांवों में डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्र करेंगे। ग्राम पंचायतों में घरों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों से निकलने वाले अपशिष्ट जल के लिए नालियों, सोखता गड्ढे, वेस्ट वाटर के लिए भी काम किया जाएगा। जिससे गांव में बीमारियां फैलने का खतरा नहीं रहेगा।
गांव के लोग कम बीमार हो रहे
सासनी स्थित स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. प्रदीप रावत कहते हैं कि सफाई और स्वास्थ्य का बहुत गहरा संबंध है। स्वस्थ्य रहने के लिए स्वच्छता जीवन में अपनायें। प्रधान विनोद कुमार द्वारा रामपुर गांव में चलाई जा रही स्वच्छता की मुहिम का परिणाम यह है कि वहां के लोग बहुत ही कम बीमार पड़ते हैं। अन्य गांवों को भी रामपुर का अनुकरण करना चाहिए।
Published on:
28 Jun 2019 05:27 pm
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