चिकित्सा विभाग की कार्रवाई : पश्चिम बंगाल का व्यक्ति कर रहा था इलाज
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एचएल ताबियार ने छोटी सरवन में दो क्लीनिक पर छापा मारा। हालांकि इसमें से एक बंद मिला और दूसरे के पास किसी भी प्रकार की डिग्री नहीं मिली। इलाज करने वाले व्यक्ति स्वयं ने बताया कि वह केवल 12वीं पास है। इस पर सीएमएचओ डॉ . ताबियार ने वहां पर इलाज करा रहे लोगों को सबसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भेजा और इस दौरान एकत्रित हुए लोगों को उन्होंने अवैध रूप से चल रहे क्लीनिकों में इलाज करने बजाए सरकारी अस्पताल में जाने की अपील की।
डॉ. ताबियार ने आमजन को बताया कि पश्चिम बंगाल का एक व्यक्ति बिना किसी कागजात के इलाज कर रहा है। यदि किसी भी प्रकार की अनहोनी होती है तो यह तो भाग जाएंगे, नुकसान हमारा होगा। पूछताछ पर संचालक ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल से है। उसने अपना नाम सदानंद बताया। डॉक्यूमेंट मांगने पर वह पेश नहीं कर पाया। वहीं संचालक स्वयं एक उसी कमरे में निवास कर रहा है, जहां पर क्लीनिक चला रहा है। एहतियात तौर पर क्लिनिक को सील कर दिया है। उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राहुल डिंडोर भी टीम में शामिल रहे। उन्होंने छोटी सरवन क्षेत्र में मौसमी बीमारियों को लेकर समीक्षा की। बीसीएमओ डॉ. मुकेश मईड़ा को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
इस दौरान स्वास्थ्य भवन में मिली शिकायत के आधार पर तिरूपति दवाखाना पर भी दौरा किया। लेकिन वह बंद मिला। आपसपास पूछताछ पर पाया कि प्रतिदिन अस्पताल खुलता है, लेकिन आज बंद है। इस पर बीसीएमओ को आकस्मिक निरीक्षण कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
सीएमएचओ की भीड़ पर नजर पड़ी तो गए जांच करने
दरअसल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तिरूपति अस्पताल की जांच करने और मौसमी बीमारियों को लेकर समीक्षा करने के लिए छोटी सरवन गए थे। लेकिन बस स्टैंड पर देखा कि एक जगह काफी भीड़ लग रही है। इस पर उन्होंने अपना वाहन रूकवाया और अंदर गए। यहां देखा कि अंदर बेड पर दो मरीज बैठे है और एक व्यक्ति इंजेक्शन लगा रहा है। इस पर उन्होंने पूछताछ की तो अवैध क्लीनिक पाया।