
इन दिनों शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की भक्ति, पूजा और उपवास के दिन यानी नवरात्र चल रहे हैं। बदलती लाइफस्टाइल ने अब व्रत-उपवास का स्वरूप भी बदल डाला है। आजकल इस व्रत के आते ही कई रेस्तरां भी व्रत का खाना उपलब्ध कराते हैं। जैसे कहीं व्रत की फ्रूट चाट, कुट्टू की पकौड़ी, साबूदाना वड़ा, तो कहीं सामक के चावल या मखाने की खीर और सिंघाड़े के आटे का हलवा आसानी से उपलब्ध हो जाता है। पर आपने कभी सोचा है कि ये तले-भुने भोजन, चाहे इन्हें घर में बनाएं या बाजार में खाएं, हमारी सेहत पर कितना असर डालते हैं?
एक बाउल आलू की सब्जी में 190 कैलोरी होती हैं, पनीर कोफ्ता के दो पीस खाएं तो उसमें 300 कैलोरी मिलेंगी। अगर आपने कुट्टू के आटे की दो पूड़ी खा लीं तो 250 कैलोरी ग्रहण कर लीं। आधी कटोरी सामक की खीर में 175 कैलोरी होती हैं। 100 ग्राम नमकीन साबूदाना 250 कैलोरी देता है। इस तरह पूरी 1165 कैलोरी हो जाती हैं। व्रत के दौरान यह ध्यान जरूर रखें कि जो आप खा रहे हैं, वह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ लो-कैलोरी वाला भी हो।
कुट्टू और सिंघाड़े के आटे की पूड़ी बनाने के बजाय रोटी बनाएं। चाहें तो उसमें कद्दूकस करके लौकी या खीरा मिला दें और बहुत कम तेल में नॉनस्टिक तवे पर परांठा सेंक लें। चाहें तो लौकी या खीरा डालकर चीला भी बनाया जा सकता है।
यदि चिकनाई या वसा से बचना चाहती हैं तो एक कड़ाही को गरम करके सूखा ही जीरा रोस्ट करें और उसमें टमाटर भून कर फोड़े हुए आलू डालें व खूब सारा पानी डाल दें। भुने हुए आलुओं में पानी के साथ दही फेंट कर डाल दें। इसमें स्वाद के लिए हरी चटनी भी मिलाई जा सकती है।
सप्ताह में दो बार ही आलू खाएं। सौ ग्राम आलू से हमें 70 कैलोरी प्राप्त होती हैं। फ्राइड आलू की चाट खाने की बजाय उन्हें भूने या रोस्ट करके चटनी या डिप के साथ लें।
व्रत में मीठे का प्रयोग ज्यादा होता है। इसलिए मेवा, लड्डू, बर्फी की जगह गुड़ वाले रामदाने के लड्डू खाएं। एक लड्डू से 30 कैलोरी मिलती हैं। मिठास के लिए प्राकृतिक मिठास वाली चीजें खाएं, जैसे- किशमिश, खजूर, अंजीर, छुहारा आदि।
फ्राइड स्नेक्स न लें। रोस्ट किए मूंगफली, मखाना और बादाम खा सकते हैं। चपाती बनाने के लिए राजगिरी का आटा ज्यादा अच्छा रहता है। खाना पकाने के लिए घी-मक्खन की जगह ऑलिव ऑयल, राइस ब्रान ऑयल का ही प्रयोग करें।
व्रत के मौके पर भाप में पकी हुई चीजें भी लेना अच्छा रहता है, जैसे इडली, मुठिया आदि। पानी खूब पियें यानी प्रतिदिन दो-तीन लीटर पानी पियें, ताकि शरीर से सारे टॉक्सिन बाहर निकल जाएं। नारियल पानी, टमाटर, कद्दू का सूप, लौकी का कोल्ड या हॉट सूप, बादाम सूप आदि।
फल व फलों की चाट बनाकर खाएं। ऐसे ही भूख लगने पर खीरा ज्यादा खाया जा सकता है। यह आंत को मॉइस्चर प्रदान करता है। खीर व अन्य स्वीट डिश व दही बनाने के लिए फुल क्रीम मिल्क की जगह टोंड मिल्क का प्रयोग अच्छा रहेगा।
Published on:
02 Oct 2016 08:54 pm
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