
First Malaria Vaccine: कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए दुनिया भर की कंपनियों ने वैक्सीन का निर्माण किया है और क्लीनिकल ट्रायल पश्चात इन्हे लोगों को लगाया भी जा रहा है। इन कंपनियों में से जर्मनी की फार्मा कंपनी बायोएनटेक (BioNTech) भी शामिल है, जिसने कोरोना संक्रमण की वैक्सीन बनाई है। कोरोना की वैक्सीन के बाद इस कंपनी ने मलेरिया की वैक्सीन पर भी काम करना शुरू कर दिया है। कंपनी ने मलेरिया की वैक्सीन के लिए भी कोरोना वैक्सीन की ही तरह mRNA तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। कंपनी ने मलेरिया की वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने का टारगेट 2022 तय किया है।
बायोएनटेक की मलेरिया उन्मूलन में तेजी लाने के लिए केईएनयूपी फाउंडेशन के नेतृत्व में 'इरेडिकेटमलेरिया' पहल का हिस्सा है। कंपनी के इन प्रयासों को विश्व स्वास्थ्य संगठन और अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र द्वारा सपोर्ट भी किया जाता है। बायोएनटेक के सीईओ और सह-संस्थापक प्रोफेसर डॉ उगुर के मुताबिक, "महामारी से यह सीखने को मिलता है कि जब सभी एक समान लक्ष्य के लिए मिलकर काम करते हैं तो विज्ञान और नवाचार लोगों के जीवन को बदल सकते हैं।"
Read More: सात सुपर फूड जो आपकी सेहत को देंगे प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व, बीमारियां भी रहेंगी कोसों दूर
क्या है mRNA तकनीक?
फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना ने वैक्सीन के लिए मैसेंजर RNA या mRNA तकनीक को शामिल किया गया है। mRNA तकनीक के द्वारा वायरस से लड़ने के लिए प्रोटीन बनाने का संदेश भेजा जाता है, जिससे हमारे इम्यून सिस्टम को जो जरूरी प्रोटीन मिल जाता है और एंटीबॉडी बन जाती है। मलेरिया की mRNA बेस्ड वैक्सीन इस बीमारी को रोकने, मोर्टेलिटी कम करने और अफ्रीका समेत इस बीमारी से जूझ रहे बाकी इलाकों को एक स्थायी समाधान देगी।
Published on:
27 Jul 2021 01:54 pm
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
