Sudden Change In Body Odor: क्या आपने हाल ही में महसूस किया है कि आपके शरीर से अचानक अलग या ज्यादा गंध आने लगी है? यह गंध कभी अंडरआर्म्स से हो सकती है, कभी पैरों से, तो कभी मुंह या जननांगों से। शरीर की गंध में बदलाव कोई मामूली बात नहीं है ।यह आपके स्वास्थ्य से जुड़ा एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है। यह बदलाव भोजन, हार्मोन, संक्रमण या किसी गंभीर रोग की ओर इशारा करता है। चाहे यह गंध खट्टी हो, मछली जैसी, तीखी, मीठी या सड़ी हुई ।इसलिए इसका पता लगाना जरूरी है कि आखिर वजह क्या है। आइए जानते हैं शरीर की गंध बदलने के सामान्य से लेकर गंभीर कारण और उनसे निपटने के आसान तरीके।
महिलाओं में पीरियड्स, गर्भावस्था या मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण शरीर की गंध में बदलाव हो सकता है। जैसे ही हार्मोन का स्तर बदलता है, शरीर में पसीना और अन्य शारीरिक चीजों की गंध में भी बदलाव आता है, जो सामान्य रूप से समय के साथ ठीक हो जाता है।
अगर किसी महिला को बैक्टीरियल वेजिनोसिस, ट्राइकोमोनियासिस या फंगल संक्रमण हो, तो इससे गहरी, मछली जैसी गंध आ सकती है। ये संक्रमण वजाइना में असंतुलन के कारण होते हैं, और इनसे होने वाली गंध को सही इलाज से आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से शरीर से गंध आ सकती है। जैसे कि गोभी, ब्रोकली, मसाले, लहसुन और प्याज खाने से पाचन क्रिया प्रभावित होती है और इसके परिणामस्वरूप यूरिन या गैस से तेज गंध आ सकती है। यह गंध सामान्य होती है और जब इन खाद्य पदार्थों को आहार से हटा लिया जाता है, तो यह समस्या भी ठीक हो जाती है।
तनाव के दौरान शरीर में पसीने की मात्रा बढ़ जाती है, जिसे हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है। अधिक पसीना शरीर से एक तेज गंध उत्पन्न कर सकता है, जिससे सामान्य स्थिति में भी बदबू आ सकती है। यह अक्सर मानसिक और शारीरिक तनाव से जुड़ा होता है।
डायबिटीज के रोगियों में अगर ब्लड शुगर का स्तर बहुत बढ़ जाता है, तो शरीर में केटोएसिडोसिस हो सकता है, जिससे साँस में फल जैसी गंध आ सकती है। इसी तरह, किडनी फेल्योर की स्थिति में पेशाब जैसी गंध आ सकती है, जो किडनी की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी का संकेत है।
पसीने और गंदगी के कारण पैरों में फंगल संक्रमण हो सकता है, जिसे एथलीट्स फुट कहा जाता है। इससे पैरों से दुर्गंध उत्पन्न होती है, खासकर यदि पैरों को ठीक से सुखाया नहीं जाता या स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जाता है।
विटामिन C की कमी से शरीर में पसीने की गंध में बदलाव आ सकता है। जब शरीर में इस विटामिन की कमी होती है, तो पसीने में सड़ी हुई गंध आ सकती है। यह समस्या सही आहार और विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने से हल हो सकती है।
कैंसर सीधे गंध का कारण नहीं होता, लेकिन कैंसर से संबंधित घावों और संक्रमणों से बदबू आ सकती है। कैंसर के इलाज के दौरान, विशेषकर घावों में संक्रमण के कारण गंध उत्पन्न हो सकती है, जो इलाज से ठीक हो सकती है।
-डेली हाइजीन: रोजाना नहाएं, साफ और सूती कपड़े पहनें।
-फुट केयर: गीले मोजे तुरंत बदलें, जूते सूखे रखें।
-माउथ केयर: दिन में दो बार ब्रश करें, जीभ भी साफ़ करें।
-सही डाइट: हरी सब्जियां, फल और पानी की मात्रा बढ़ाएं।
-संक्रमण का इलाज: गंध के साथ खुजली या जलन हो तो डॉक्टर से जांच करवाएं।
-डिओडोरेंट या एंटीपर्सपिरेंट: शरीर की गंध नियंत्रित करने में सहायक।
-डॉक्टरी सलाह: अगर समस्या लंबे समय तक बनी रहे या असामान्य हो तो चिकित्सकीय परामर्श लें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
05 Jul 2025 06:35 pm
Published on:
05 Jul 2025 01:35 pm