
Camel tears for Snakebite Antivenom: फोटो प्रतीकात्मक | AI Gemini Created
Camel tears for Snakebite Antivenom: रेगिस्तान का जहाज ऊंट, अब सांप के जहर को काटने के लिए भी वरदान साबित हो सकता है। ये बात मेडिकल साइंस के हिसाब से फिट पाई गई है। इसको लेकर कई सालों से रिसर्च भी चल रही है। इस बात में कितना दम है और क्यों, इसको लेकर दावा किया जा रहा है। चलिए, जानते हैं कि वास्तव में ऊंट से सांप के काटने का इलाज संभव (Camel tears for Snakebite) है क्या?
अब सबसे पहले हम ये समझ लेते हैं कि ऊंट के आंसू में खास क्या है। वैज्ञानिकों ने खोज में ये पाया है कि ऊंट के आंसू में खास प्रोटीन्स पाए जाते हैं। ये एंटीवेनम के रूप में यूज किया जा सकता है। इसको लेकर भारत के अलावा कई देशों में शोध जारी है। अमेरिका, UAE में में ऊंट के आंसुओं पर रिसर्च जारी है।
वैज्ञानिकों का मानना है, ऊंट के आंसू से सांप के जहर का एंटीडोट बनाया जा सकता है। इसको लेकर रिसर्च पेपर में भी बताया जा चुका है कि ऊंट में कैमलिड एंटीबॉडी (Camelid polyclonal antibodies) उच्च श्रेणी के हैं जो सांप के जहर को खत्म करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
अक्टूबर 2021 में छपी द टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसीन के स्नैकबाइट रिसर्च सेंटर (Liverpool School of Tropical Medicine’s (LSTM) Centre for Snakebite Research and Interventions) में इसको लेकर शोध की जा रही है। वहां के प्रोफेसर ने बताया कि सांप के काटने जैसी स्वास्थ्य संकट में ये दवाई वरदान साबित हो सकती है।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर क्यों ऊंट से ही ये उम्मीद की जा रही है। दरअसल, लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसीन के प्रोफेसर हैरीसन ने बताया कि ऊंट के साथ-साथ भेड़ व घोड़े को भी सांप का जहर (सुरक्षित मात्रा में) दिया गया। उसके बाद पाया गया कि ऊंट का शरीर भेड़ व घोड़े के तुलना अधिक सक्षम है। साथ ही इससे एंटीटोड तैयार किया जा सकता है।
फोटो पर क्लिक करके पढ़िए पूरी खबर- सांप के काटे जगह पर क्या करें, स्वास्थ्य मंत्रालय ने शेयर की 12 Snake Bites Prevention Tips
यहां पर प्रोफेसर ने ये भी बताया कि क्यों एक प्रभावी एंटीवेनम बनाने की जरुरत है। अब तक के 57 फीसद एंटीवेनम कई मापदंडो (सुरक्षा व गुणवत्ता) पर प्रभावी नहीं हैं। साथ ही साउथ अफ्रीका जैसे देश में तो 90 प्रतिशत तक एंटीवेनम अप्रभावी हैं। इसलिए दुनिया को एक कारगर एंटीवेनम की आवश्यकता है।
प्रोफेसर हैरीसन के अनुसार, अभी ऊंट से एंटीवेनम बनाने को लेकर बहुत सारे काम बाकी हैं। यहां तक कि ह्यूमन ट्रायल से लेकर काफी कुछ करना है। इसके लिए फंडिंग आदि की भी जरुरत है। अब देखना है कि आम आदमी के लिए ये कब तक आ पाती है। अगर भारत की बात करें तो अब तक इस तरह की कोई दवाई बाजार में नहीं आई है।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।
Published on:
01 Jul 2025 05:45 pm
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
