
chemo pain
कीमोथैरेपी एक ऐसा औषधीय उपचार है, जो कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दिया जाता है। कीमोथैरेपी का मतलब होता है - कैमिकल उक्त थैरेपी से उपचार। किसको किस प्रकार की कीमोथैरेपी दी जाए, इसका निर्णय इस बात पर निर्भर कता है कि आपको किस प्रकार का कैंसर है। कीमोथैरेपी अकेले भी दी जा सकती है या सर्जरी अथवा रेडियोथैरेपी के साथ भी। इस उपचार में पेशेंट को दर्द भी काफी सनिा पड़ता है। कीमोथैरेपी देने के तरीके भी भिन्न-भिन्न हैं। मसलन, यह ड्रिप की सहायता से नस में एक सुई के द्वारा दी जा सकती है, तो मेडिसिन के जरिए भी दी जा सकती है। इसके अलावा एक छोटे से पम्प के जरिए, जो एक विशेष लाइन द्वारा, जिसे पीआईसीसी या हिकमैन लाइन कहते हैं, कीमोथैरेपी शरीर के अंदर पहुंचाया जाता है। इसके लिए एक पम्प को कमर बांधा जाता है, जिसमें एक छोटा-सा बैग रखा होता है।
कीमोथैरेपी के फायदे...
कीमोथैरेपी के फायदे इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपको किस प्रकार का कैंसर है और वह कितना बढ़ चुका है। कीमोथैरेपी देने के पीछे छिपे मकसद को कुछ इस तरह से जान सकते हैं।
- कैंसर की सभी कोशिकाओं को नष्ट करते हुए कैंसर से मुक्ति दिलाना।
- कैंसर के वापस लौटने की गुंजाइश को कम करने के लिए कैंसर की ऐसी सभी कोशिकाओं को नष्ट करना, जो शरीर में मौजूद तो होती हैं, पर इतनी छोटी होती हैं कि उनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
- सर्जरी या रेडियोथैरेपी से पहले कैंसर के प्रभाव को कम करना।
- सम्भावित रोग के लक्षणों से राहत के लिए कैंसर के बढऩे और फैलने से रोकना।
शोधकर्ताओं ने खोजा दर्द को खत्म करने का ईलाज...
इसमें कोई दोराय नहीं कि कीमोथैरेपी के दौरान मरीज की स्थिति बहुत ही दर्दनाक हो जाती है। सिर से बाल उड़ जाते हैं। मुंह में छाले पड़ जाते हैं। खाने-पीने में दिक्कतें होने लगती है। ऐसी कई समस्याएं कीमोथैरेपी के दौरान व्यक्ति को झेलनी पड़ती हैं, जो कि बहुत ही कष्टकारी होती हैं। ऐसे में हर मरीज यही चाहता है कि उसे इस दर्द से जल्द से जल्द छुटकारा मिल जाए। अब वह दिन दूर नहीं, जब कीमोथैरेपी से होने वाले दर्द का मरीजों को अहसास भी नहीं होगा।
जी हां, वैज्ञानिकों ने कोलोरेक्टल कैंसर के कारण होने वाले कष्टदायी दर्द से निजात दिलाने में सफलता हासिल कर ली है। यह दर्द कैंसर के लिए दी जाने वाली दवा के कारण होता था। हालांकि, फिलहाल यह प्रयोग जानवरों पर किया गया था। कीमोथैरेपी के कारण कैंसर के मरीजों में दर्द होता था, जिसे न्यूरोपेथिक दर्द कहा जाता है।
बता दें कि कीमोथैरेपी से होने वाले दर्द के कारण मरीजों के हाथ और पैरों में सिहरन या संवेदनशून्यता महसूस होती थी। इसके कारण मरीजों को तकलीफ तो होती ही है, इलाज भी सीमित तरीके से होता है। अमरीका की सेंट लुई यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डेनियला सेलवेमिनी ने हालांकि बताया कि कैंसर के इलाज में हुई तरक्की के चलते देश में 14 मिलियन मरीज हैं, जिनकी हम जान बचाने में कामयाब रहे। उन्होंने आगे बताया कि इनमें से कई मरीज ऐसे हैं, जिन्हें न्यूरोपैथिक दर्द के कारण दुष्प्रभाव झेलने पड़े। प्रोफेसर ने बतााय कि जिस दवा का सफल परीक्षण किया गया है, इससे मरीजों के इलाज करने में और आसानी होगी। उन्हें ज्यादा दर्द सहन करने में आसानी होगी।
Updated on:
28 Mar 2018 07:10 pm
Published on:
28 Mar 2018 07:04 pm
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
