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Cervical cancer awareness : मिथक तोड़ें, स्वच्छता बढ़ाएं, कैंसर से बचें

Cervical cancer awareness : विश्व गर्भाशय ग्रीवा कैंसर जागरूकता माह हर साल जनवरी के पूरे महीने के दौरान मनाया जाने वाला एक वैश्विक स्वास्थ्य कार्यक्रम है, जो गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित किया जाता है। इस वर्ष का विषय है 'सीखें। रोकें। जांच करें।'

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Cervical cancer awareness month Genital Hygiene HPV Vaccination Key

Cervical cancer awareness : हर साल जनवरी महीने को विश्व गर्भाशय ग्रीवा कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इसका लक्ष्य समाज में जागरूकता फैलाना है और महिलाओं को इस घातक बीमारी से बचाना है। इस साल का थीम है 'सीखो. रोकें. जांच कराएं.'

कर्नाटक में राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 10 प्रतिशत महिलाएं गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से पीड़ित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में हर 7 मिनट में एक महिला इस कैंसर से मर जाती है।

ज्यादातर मामलों में यह बीमारी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के उच्च जोखिम वाले स्ट्रेन के संक्रमण के कारण होती है, जो एक यौन संचारित संक्रमण है।

इस बीमारी के इतने भयानक आंकड़ों के पीछे जनता में जागरूकता का अभाव, सामाजिक कलंक और देर से निदान मुख्य कारण हैं। इसलिए, विशेषज्ञ सामाजिक कलंक को तोड़ने और योनि स्वच्छता पर जोर दे रहे हैं।

फोर्टिस अस्पताल, बेंगलुरु की मेडिकल ऑन्कोलॉजी और हेमेटो ऑन्कोलॉजी की वरिष्ठ निदेशक डॉ. नीति रायजादा ने बताया कि कर्नाटक के लिए उपलब्ध नवीनतम ग्लोबोकैन डेटा 4,826 नए मामले दिखाता है, जो राज्य के सभी कैंसरों का 3.9 प्रतिशत है और राष्ट्रीय औसत से अधिक है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में 3,190 महिलाओं की मृत्यु हुई, जो कैंसर से संबंधित मौतों का 8.6 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक मृत्यु दर को दर्शाता है।

डॉ. रायजादा ने कहा, 'धूम्रपान से बचने, स्वस्थ वजन बनाए रखने और यौन संबंधों में सावधानी बरतने से इस जोखिम को कम किया जा सकता है। शुरुआती पहचान महत्वपूर्ण है, जिसमें 21 साल की उम्र से नियमित रूप से पैप टेस्ट शामिल हैं।'

उन्होंने कहा कि असामान्य रक्तस्राव या पेल्विक दर्द जैसे लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है।

'निरंतर कंडोम का उपयोग और अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता संक्रमण को रोकने में मदद करती है। ये उपाय सामूहिक रूप से कर्नाटक में महिलाओं के लिए एक स्वस्थ भविष्य को सुरक्षित करने का लक्ष्य रखते हैं, जो गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के प्रभाव को कम करते हैं,' उन्होंने कहा।

स्पर्श अस्पताल फॉर विमेन एंड चिल्ड्रेन, यसवंतपुर, बेंगलुरु की कंसल्टेंट प्रसूति तज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पद्मलता वीवी ने बताया कि रिपोर्टों के अनुसार भारत में हर सात मिनट में एक महिला गर्भाशय ग्रीवा कैंसर से मर जाती है।

डॉ. पद्मलता ने कहा कि गर्भाशय ग्रीवा कैंसर को एचपीवी टीकाकरण के उचित और समय पर प्रशासन से रोका जा सकता है।

'लड़कियों के लिए 10 साल की कम उम्र में ही वैक्सीन शुरू करने की अत्यधिक सिफारिश की जाती है, वायरस के संभावित संपर्क से पहले और इसे 45 वर्ष की आयु तक दिया जा सकता है,' उन्होंने कहा।

उन्होंने कहा कि पश्चिम में प्रभावी स्क्रीनिंग कार्यक्रमों और व्यापक एचपीवी टीकाकरण के कारण गर्भाशय ग्रीवा कैंसर की घटना में कमी आई है।