डॉ. फॉसी ने कहा कि रेमडेसिविर के प्रयोग से कोरोना के मरीज 31 फीसदी ज्यादा तेजी से ठीक हुए। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज दवा के परीक्षण के परिणामों की और गहन समीक्षा कर रही है। यदि रिकवरी तेजी से होती है तो इससे मरीज तेजी से रिकवर होंगे। उनके गंभीर होने का खतरा भी टलेगा।
पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा था कि इस दवा बहुत कारगर नहीं है। लेकिन क्लीनिकल ट्रायल के बाद डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ अधिकारी माइकल रेयान ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया है।
अमरीका की बायोफार्मास्युटिकल कंपनी गिलियड साइंसेज ने इबोला के इलाज के लिए रेमडेसिविर दवा बनाई थी। अफ्रीका में क्लीनिकल ट्रायल में यह फेल हो गई थी। इसके बाद इस दवा को किसी बीमारी के इलाज में प्रयोग की अनुमति नहीं दी गई। हालांकि फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट ने इसको कोरोना के इलाज के लिए मंजूरी नहीं दी है।
दुनियाभर में कोरोना वायरस से अब तक 32 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और दो लाख 28 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा अमरीका में 1,064572 लोग संक्रमित व 61,669 संक्रमितों की मौतें हो चुकी हैं।