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CORONA REPORT : वियतनाम में क्यों कोरोना से नहीं हुई एक भी मौत

कोरोना संक्रमण जहां पूरी दुनिया में फैल रहा है वहीं करीब 9.6 करोड़ की आबादी वाले देश वियतनाम ने कैसे इस पर काबू पाया। 23 जनवरी को वियतनाम में कोरोना का पहला मामला सामने आया था। एक मई तक वहां पर कुल 270 संक्रमित पाए गए हैं। इनमें 219 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। एक भी संक्रमित की मौत नहीं हुई है। अब यहां लगीं तमाम पाबंदियां हटाई जा रही हैं और स्कूलों को फिर से खोलने के आदेश दिए गए हैं।

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CORONA REPORT

इन पांच कदमों से महामारी को हराया
कमजोर स्वास्थ्य सुविधाऔर कम बजट के बाद भी वियतनाम ने महामारी से लडऩे के लिए युद्ध स्तर की तैयारी की। सरकार ने पांच चरणों के जरिए महामारी पर काबू पा लिया।

1- फॉर्म भराने से हुई शुरुआत
देश में पहला कोरोना केस आने के बाद प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक ने इसे दुश्मन से होने वाली लड़ाई करार दिया। सबसे पहले अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय व अंतरराज्यीय सीमाओं को सील कर दिया। 10 केस आते ही 12 फरवरी को हनोई शहर को तीन सप्ताह के लिए क्वारेंटाइन किया। एयरपोर्ट व शहर में आने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग कर एक सेल्फ डिक्लारेशन फॉर्म भरवाया। इसमें ट्रैवल हिस्ट्री समेत कई जानकारियां ली।

2- जांच पर फोकस
देश में जगह-जगह टेस्टिंग जोन बनाए गए जहां कोई भी जाकर अपनी जांच करा सकता था। स्वदेसी टेस्ट किट ईजाद की। बेहद कम कीमत पर उपलब्ध इस टेस्ट किट से 90 मिनट में नतीजे मिल जाते थे। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद आइसोलेशन व इलाज की प्रक्रिया शुरू हो जाती थी। अब तक करीब 2.61 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं।

3- लॉकडाउन पर सख्ती
लॉकडाउन व क्वारंटीन पर सख्ती से काम किया। 12 फरवरी से विदेश यात्रा से लौटने वालों को 14 दिन का क्वारंटीन अनिवार्य कर दिया। हल्के लक्षण वालों को क्वारंटाइन में रहने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके बाद मार्च में संक्रमितों के आधार पर उस हिस्से को पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया। एक से दूसरे शहर आने पर 14 दिन का क्वारेंटीन अनिवार्य कर दिया। इसका खर्च भी उस व्यक्ति को देना पड़ता था।

4- जनता से लगातार संवाद
सरकार और जनता के बीच लगातार संवाद भी कोरोना पर जीत की बड़ी वजह बना। नियमित मोबाइल पर प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री या स्थानीय प्रशासन का कोरोना से जुड़ा कोई संदेश आता था। जिसमें कोरोना के लक्षण व बचाव के बारे में जानकारी होती थी। मीडिया के माध्यम से एवरी बिजनेस, एवरी सिटिजन, एवरी रेजिडेंसियल एरिया मस्ट बी ए फोर्टरेस टू प्रेवेंट द एपिडेमिक सुनाया जाता था। जिसे सुन देशवासी खुद को कोरोना के खिलाफ जंग में एकसाथ खड़ा पाते थे।
5- सेना के अस्थायी कैंप
सीमित स्वास्थ्य सुविधाएं होने के कारण सेना द्वारा बनाए क्वारेंटीन कैंपों में संदिग्धों को रखकर देखभाल की जा रही है। यह एक नया तरीका है। क्योंकि जिस समय वहां पहला केस मिला था उस समय 900 आइसीयू बेड ही थे।