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Diabetes and Rice क्या ब्लड शुगर बढ़ने पर नहीं खाना चाहिए चावल जानिए क्या है सच

आजकल डायबिटीज की समस्या आम बात हो गई है । डायबिटीज के मरीजों को अपने खाने-पीने का बहुत ध्यान रखना पड़ता है। उनके लिए कुछ खाद्य पदार्थ प्रतिबंधित होते हैं। कार्बोहाइड्रेट एडिटिव्स और ग्लासेमिक स्तर के कारण कुछ खाद्य पदार्थों को खाने की मनाही होती है। जिनमें से चावल एक है। सफेद चावल अपने हाई ग्लासेमिक इंडेक्स के लिए जाने जाते हैं जिसे खाने से शुगर लेवल बढ़ता है। इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंट्स फाइबर और पॉलीफेनॉल्स की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए डायबिटिक पेशंट ने अगर भूल से भी चावल खा लिए तो उसके परिणाम बहुत बुरे होते हैं।

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Diabetic Patients should not eat rice, know the truth

Diabetic Patients should not eat rice, know the truth

नई दिल्ली : डायबिटीज एक ऐसी लाइलाज बीमारी है जिसमें मरीजों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। कुछ भी कम-ज्यादा खा लेने से शुगर लेवल में वृद्धि हो सकती है जो कई दूसरी गंभीर शारीरिक जटिलताएं पैदा कर सकता है। डायबिटीज़ का पता चलने के बाद चीनी के अलावा जिस चीज़ पर सबसे पहले रोक लगाई जाती है वो चावल होते हैं अक्सर आपने देखा होगा कि मधुमेह के मरीजों को चावल न खाने की सलाह दी जाती है। अध्ययनों से पता चला है कि सफेद चावल का अधिक मात्रा में सेवन करने से मधुमेह का खतरा 11 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

कार्बोहाइड्रेट डायबिटीज के मरीजों को कैसे प्रभावित करता है

कार्बोहाइड्रेट डायबिटीज के मरीज के लिए हानिकारक है। जब मरीज द्वारा चावल का सेवन किया जाता है तो भोजन के बाद ग्लूकोज लेवल एकदम से बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। इसलिए अगर आपको डायबिटीज है तो देखना जरूरी है कि आप कितना कार्बोहाइड्रेट ले रहे हैं। एक कप सफेद चावल में 53.4 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। जब डायबिटिज से ग्रसित व्यक्ति कार्बोहाइड्रेट युक्त पेय या खाद्य पदार्थों का सेवन करता है, तो यह ग्लूकोज में टूट जाता है और शरीर के ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि हो जाती है। डायबिटीज के मरीज को भूलकर भी चावल नहीं खाना चाहिए। खासतौर से सफेद चावल। दरअसल, सफेद चावल को चमकदार बनाने के लिए इसमें पॉलिशिंग की जाती है। जिससे इसमें मौजूद विटामिन बी जैसे कई पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। यदि संभव हो, तो ब्राउन राइस का ऑप्शन चुनें। ब्राउन राइस उच्च सामग्री फाइबर विटामिन मिनरल मल्टीपल न्यूट्रिएंट्स के कारण टाइप टू के मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए जाना

क्यों नुकसानदेह है सफ़ेद चावल
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक सफेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स वैल्यू बहुत अधिक होता है जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ डायबिटीज रोगी को लो जीआई युक्त फूड्स खाने की सलाह देते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक इस चावल को खाने से मरीजों में टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम बढ़ते हैं। अध्ययन के मुताबिक सफेद चावल के अधिक सेवन से मधुमेह का खतरा 11 फीसदी तक बढ़ जाता है।

कौन सा चावल खाएं
ब्राउन राइस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो ब्लड शुगर को नहीं बढ़ने देता है क्योंकि ये पॉलिश्ड होता है। इसके अलावा जैसमीन राइस, बासमती राइस और वाइल्ड राइस का सेवन भी मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी है।

कैसे पकाएं चावल
प्रेशर कुकर में पकाने के बदले आप चावलों को किसी खुले बर्तन, जैसे कि पैन में थोड़े ज़्यादा पानी में पकाएं। पुराने चावल में स्टार्च और जीआई कम होता है। ऐसे में रात भर चावल को भिगोकर सुबह धोकर और माड़ निकालकर चावल का सेवन किया जा सकता है। यदि आपको डायबिटीज है खासकर टाइप 2 डायबिटीज तो आपको चावल का मांड निकालकर खाना चाहिए।