
जब मिलने लगें ये इशारे तो जरूरी है कि दिमाग की बत्ती जलाएं
कोरोना वायरस का खौफ इस कदर हमारे दिल-ओ-दिमाग पर हावी है कि हम बहुत सी जरूरी बातों पर अब ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। गर्मी के इन दिनों में शरीर में पानी की कमी नहीं होने देने के लिए चिकित्सक भी कहते हैं लेकिन हम शरीर की देखभाल में कुछ बेहद महत्त्वपूर्ण अंगों की सेहत का खयाल रखना ही भूल जाते हैं। दिमाग हमारे पूरे शरीर रूपी कम्प्यूटर के सीपीयू की तरह काम करता है। लेकिन हम में से कितने अपने दिमाग की सेहत का खयाल रखते हैं। दरअसल शोध में सामने आया है कि शरीर में पानी की कमी होने पर डिहाइड्रेशन, पाचन तंत्र, किडनी, लिवर से जुड़ी बीमारियों का उखडऩा तय है। इतना ही पानी की कमी से दिमाग की कोशिकाएं भी सिकुडऩे लगती हैं जिससे हमारा दिमाग सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब हमारे दिमाग को पानी की कमी महसूस होती है तो वो हमें शरीर के जरिए अलग-अलग रूप में कई इशारे करता है। इसलिए जब भी शरीर दिमाग की बात मानकर हमें ये संकेत देता है तो हमें उस पर तुरंत अमल करना चाहिए। इन इशारों को समझने के लिए जरूरी है कि हम अपने दिमाग को समझें।
सिर में भारीपन महसूस होना
काम के तनाव, तेज गर्मी से सिर में दर्द होना या सो के उठने पर अगर सिर भारी लगे, हल्के चक्कर से आएं या सिर के किसी खास हिस्से में रह-रह के दर्द हो रहा हो तो समझ लें कि दिमाग को पानी की जरुरत है क्योंकि ऑक्सीजन की कमी हो गई है। हल्का गुनगुना पानी पीएं और कुछ देर आराम से बैठें। ऐसा करने से मस्तिष्क फिर से सामान्य तरीके से काम करने लगता है।
ध्यान लगाने में दिक्कत महसूस हो
अक्सर पढ़ाई करते समय, टीवी देखते हुए या कोई भी काम करने के दौरान हम पाते हैं कि पहले भी हजारों बार ऐसा करते समय हम गलतियां नहीं करते थे लेकिन अब हो रही है। चीजें याद न कर पाना, बार-बार एक ही तरह की गलती दोहराना और ध्यान केन्द्रित करने में परेशानी होना दरअसल, पानी की कमी और दिमाग को ऑक्सीजन की कमी के कारण होता है। मटके का शीतल जल पिएं समस्या कुछ ही देर में दूर हो जाएगी।
नैराश्य की भावना पैदा होना
अक्सर गर्मी के मौसम में पसीना निकलने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यह कमी सबसे पहले दिमाग ही महसूस करता है। शरीर में पानी की कमी से न्यूरोट्रांसमीटर्स और हार्मोन्स ठीक से काम नहीं करते हैं। न्यूरोट्रांसमीटर्स और हार्मोन्स के ठीक से काम न करने के कारण हमारा दिमाग नैराश्य की ओर मुडऩे लगता है। नकारात्मक विचार हमें घेरने लगते हैं। ऐसे में खुद को निराशा से उबारने के लिए आपका बेहद सरल और सामान्य सा उपाय है एक गिलास पानी।
दिमाग का बेहद थक जाना
कई बार हम बिना रेस्ट किए लगातार काम करते रहते हैं। ऐसे में हमें पानी पीने की भी सुध नहीं रहती। दिमाग के थक जाने पर अक्सर आंखों के आगे जाले बनना, धुंधला दिखना या अंधेराछाने जैसे संकेत उभरने लगते हैं। जब कभी ऐसा महसूस हो तो पानी पिएं ओर कुछ देर आराम करें।
स्लो-ब्रेन एक्टिविटी भी है इशारा
जब पानी की कमी से दिमाग तक ऑक्सीजन कम पहंचती है तो हमारे दिमाग की काम करने की क्षमता प्रभावित होती है और वह धीरे-धीरे स्लो हो जाता है। ऑक्सीजन की कमी के कारण दिमाग का फंक्शनल सिस्टम धीमा पड़ जाता है। इसका नतीजा यह होता है कि हम बहुत कम अंतराल पर ही चीजों को याद नहीं रख पाते। बुजुर्गों मेंयह समस्या मनोभ्रंश या अल्जाइमर के कारण भी हो सकती है। सामान्यत: ऐसा होने पर पानी पीने से लाभ मिलता है।
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डिस्क्लेमर- सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं हैण् अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। राजस्थान पत्रिका इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
Published on:
18 Jun 2020 07:05 pm
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