
Energy Drinks Can Leave You Sleepless, Study Finds
अध्ययन में पाया गया है कि एनर्जी ड्रिंक्स पीने से नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है और अनिद्रा की समस्या हो सकती है, चाहे आप इसे महीने में केवल एक बार ही क्यों न पिएं.
ये ड्रिंक्स दिमाग और शरीर को तरोताजा बनाती बताई जाती हैं, इसलिए कॉलेज के छात्र और युवा इन्हें खूब पसंद करते हैं.
नॉर्वे के ओस्लो और बर्गन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन को "बीएमजे ओपन" जर्नल में प्रकाशित किया गया है. अध्ययन में पाया गया कि जितनी बार इनका सेवन किया जाता है, उतनी ही कम रात में नींद आती है.
अध्ययन में यह भी पाया गया कि महीने में कभी-कभार (1-3 बार) भी इनका सेवन करने से नींद में खलल पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
शोधकर्ताओं ने बताया कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एनर्जी ड्रिंक्स में औसतन 150 मिलीग्राम प्रति लीटर कैफीन होता है, साथ ही चीनी, विटामिन, मिनरल और अमीनो एसिड भी अलग-अलग मात्रा में पाए जाते हैं.
हालांकि पहले से ही कुछ ऐसे सबूत थे जो बताते थे कि ये ड्रिंक्स नींद की गुणवत्ता को कम करती हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि नींद के किन पहलुओं पर इनका ज्यादा या कम प्रभाव पड़ता है, या इन प्रभावों में कोई लैंगिक अंतर है या नहीं.
इस बात की जांच के लिए शोधकर्ताओं ने नॉर्वे में 18 से 35 साल के 53,266 युवाओं को शामिल किया.
प्रतिभागियों से पूछा गया कि वे कितनी बार एनर्जी ड्रिंक्स का सेवन करते हैं. जवाबों में शामिल थे: रोजाना, साप्ताहिक (एक बार; 2-3 बार; 4-6 बार), मासिक (1-3 बार), और कभी-कभार/कभी नहीं.
उनसे उनकी नींद के पैटर्न के बारे में भी विस्तृत सवाल पूछे गए: वे कब सोते थे और उठते थे; उन्हें सोने में कितना समय लगा (नींद विलंबता); सोने के बाद जागना. नींद की दक्षता की गणना कुल रात की नींद के घंटों बनाम बिस्तर में बिताए समय से की गई थी.
अनिद्रा को सप्ताह के कम से कम तीन रातों में सोने और सोए रहने में कठिनाई और जल्दी उठने के साथ-साथ सप्ताह के कम से कम तीन दिनों में दिन में नींद और थकान का अनुभव करना बताया गया.
जिन लोगों ने कहा कि वे ये पेय पीते हैं, उनमें से 5.5 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे इन्हें सप्ताह में 4-6 बार पीती हैं और सिर्फ 3 प्रतिशत से अधिक ने प्रतिदिन पीने की बात बताई. पुरुषों के लिए तुलनात्मक आंकड़े 8 प्रतिशत और 5 प्रतिशत थे.
लेकिन एनर्जी ड्रिंक के सेवन और कम नींद के घंटों के बीच दोनों लिंगों के लिए एक स्पष्ट खुराक-प्रतिक्रिया संबंध था.
दोनों पुरुषों और महिलाओं ने, जिन्होंने प्रतिदिन पीने की बात बताई, उन्होंने केवल कभी-कभार या कभी नहीं पीने वालों की तुलना में लगभग आधा घंटा कम सोया.
सोने के बाद जागने और सोने में अधिक समय लेने के लिए भी इसी तरह के संबंध देखे गए.
शोधकर्ताओं ने कहा कि खराब नींद दक्षता और बढ़ते हुए सेवन के साथ रात में जागने के समय और सो जाने में लगने वाले समय दोनों में वृद्धि हुई -
Updated on:
24 Jan 2024 12:32 pm
Published on:
24 Jan 2024 12:31 pm
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