
Excessive screen use
Excessive screen use: बच्चों की भाषा सीखने की क्षमता पर स्क्रीन का अधिक उपयोग – जैसे टीवी, स्मार्टफोन और टैबलेट – नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, ऐसा एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में सामने आया है। अध्ययन के अनुसार, बच्चों को किताबों से जोड़ा जाना और वयस्कों के साथ मिलकर स्क्रीन का इस्तेमाल करना उनके भाषा कौशल को बेहतर बना सकता है।
यह अध्ययन 20 लैटिन अमेरिकी देशों के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था, जिसमें 12 से 48 महीनों के बीच के 1,878 बच्चों के डेटा का विश्लेषण किया गया। इस अध्ययन में बच्चों के स्क्रीन उपयोग, किताबों से जुड़ाव, भाषा विकास और अन्य कारकों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसके साथ ही, बच्चों के परिवार की आर्थिक स्थिति, माता-पिता की शिक्षा और नौकरी की स्थिति का भी अध्ययन किया गया।
जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित इस शोध के अनुसार, छोटे बच्चों के लिए टीवी सबसे अधिक देखा जाने वाला माध्यम था, औसतन एक घंटे से ज्यादा समय तक। इसका प्रभाव बच्चों की भाषा विकास की गति को धीमा कर सकता है।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि बच्चों द्वारा मनोरंजन कार्यक्रमों को सबसे अधिक देखा जाता है, जबकि संगीत और शैक्षिक कार्यक्रम दूसरे और तीसरे स्थान पर थे। कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों में किताबों और शैक्षिक संसाधनों का उपयोग कम पाया गया।
ज्यादा स्क्रीन देखने वाले बच्चों की शब्दावली सीमित पाई गई और वे भाषा सीखने के कुछ जरूरी पड़ाव देर से पार करते थे। इसके विपरीत, वे बच्चे जो किताबों से अधिक जुड़े होते थे या वयस्कों के साथ स्क्रीन का प्रयोग करते थे, उनका भाषा कौशल बेहतर था। हालांकि, इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि स्क्रीन उपयोग और शारीरिक विकास के बीच कोई ठोस संबंध नहीं था।
यह अध्ययन पहले किए गए शोधों की पुष्टि करता है कि ज्यादा स्क्रीन समय छोटे बच्चों की भाषा विकास पर नकारात्मक असर डाल सकता है। हालांकि, यदि वयस्क बच्चों के साथ स्क्रीन शेयर करें और उन्हें सही तरह की शैक्षिक सामग्री प्रदान करें, तो इन प्रभावों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
आगे चलकर, शोधकर्ताओं ने इस विषय पर अधिक गहराई से अध्ययन करने की सलाह दी है ताकि स्क्रीन के बच्चों पर होने वाले प्रभावों को और अधिक स्पष्ट तरीके से समझा जा सके।
अगली बार जब आपके बच्चे गुस्से में दिखें, तो उन्हें दोष न दें। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, मोबाइल फोन और टैबलेट का अत्यधिक उपयोग बच्चों के भावनात्मक विकास को प्रभावित कर सकता है। खासकर कार्टून और अन्य कंटेंट देखने के लिए इन उपकरणों का इस्तेमाल रोजमर्रा की स्थितियों जैसे कि जागना, बिस्तर पर जाना या भोजन करने से इनकार करने पर भावनात्मक विस्फोटों का कारण बन सकता है।
JAMA Pediatrics पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में छोटे बच्चों के स्क्रीन टाइम और उनके भावनात्मक विकास के बीच संबंधों का पता चला है। शोध से यह स्पष्ट हुआ कि 3.5 साल की उम्र में मोबाइल फोन और टैबलेट का उपयोग करने वाले बच्चों में 4.5 साल तक गुस्सा और हताशा बढ़ने की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा, जो बच्चे 4.5 साल की उम्र तक गुस्से और हताशा का अनुभव करते थे, उनके लिए 5.5 साल तक इन उपकरणों का उपयोग बढ़ने की संभावना थी। कनाडा के नोवा स्कोटिया में 315 माता-पिता के सर्वेक्षण में बच्चों के टैबलेट उपयोग और उनके भावनात्मक व्यवहार का अध्ययन किया गया।
Updated on:
10 Feb 2025 03:24 pm
Published on:
10 Feb 2025 03:23 pm
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
