
पांचों इंद्रियां सक्रिय होती तो ही भोजन अमृत बनता
आयुर्वेद के अनुसार भोजन और भजन शांत मन से करें तो लाभ ज्यादा मिलता है। बातें करते या टीवी देखते हुए खाने से पाचक रसों का स्राव कम होता है। शरीर का मेटाबोलिक बैलेंस बिगड़ता, बीमारियां होती हैं।
भोजन के समय सभी इंद्रियों से स्राव जरूरी: पांच ज्ञान इंद्रिया होती हैं। इनके सक्रिय होने से पाचक रसों का स्राव होता है और खाना अमृत बनता है। जैसे नाक से खाने की खुशबू, कान से मनपंसद खाने का नाम सुनने, आंखों से अच्छा खाना देखने, हाथों से गर्म-ठंडा महसूस होने और फिर जीभ से स्वाद आने तक सभी से पाचक रसों का स्राव होता है। ये खाने को पचाते ह
ऋतु अनुसार भोजन न करने से नुकसान
मौसम के अनुसार भोजन करने से उसके पोषक तत्व शरीर को लगते हैं। विपरीत आहार लेने से जठराग्नि मंद और इम्युनिटी कम होती है। जो लोग गर्मी में गर्म चीजें जैसे सूप, चाय, कॉफी या गरिष्ठ भोजन लेते हैं, उससे इम्युनिटी घटती है। इसी तरह सर्दी में आइसक्रीम-कुल्फी आदि ठंडक देने वाली चीजों को खाने से जीवनशक्ति कमजोर होती है।
Published on:
18 Jun 2020 12:01 pm
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