हृदय रोग का प्रमुख कारण कोलेस्ट्रॉल का बढऩा है। ट्राइग्लिसराइड, एलडीएल व एचडीएल का स्तर 200 एमजी/ डीएल से ज्यादा नहीं होना चाहिए। ईसीजी मरीज की छाती, भुजाओं व पैरों पर इलेक्ट्रोड पैच से हार्ट की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी को रेकॉर्ड करते हैं। हार्ट की मांसपेशियों, वॉल्व की स्थिति जांचते हैं। एंजियोग्राफी के लिए कैथेटर को मरीज के हाथ या पैर की रक्त नलिका में डालकर एक्सरे मशीन से हार्ट की कार्यक्षमता का पता लगाते हैं।
…तो सर्जरी ही विकल्प
जब धमनियों में ब्लॉकेज होता है तो इंस्टंट डालने की जरूरत पड़ती है। ब्लॉकेज कई जगह होने पर बाइपास सर्जरी की जाती है।