7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

घर में पौधे लगाकर भी कर सकते हैं प्रदूषण से बचाव

सेहत को नुकसान पहुंचाने के मामले में अन्य कारणों के मुकाबले प्रदूषण सबसे बड़ा कारण है। प्रदूषण का असर सिर के बालों से लेकर पैरों के नाखूनों तक पड़ता है।

2 min read
Google source verification
घर में पौधे लगाकर भी कर सकते हैं प्रदूषण से बचाव

घर में पौधे लगाकर भी कर सकते हैं प्रदूषण से बचाव

सेहत को नुकसान पहुंचाने के मामले में अन्य कारणों के मुकाबले प्रदूषण सबसे बड़ा कारण है। प्रदूषण का असर सिर के बालों से लेकर पैरों के नाखूनों तक पड़ता है। इसका अधिक नुकसान शरीर के महत्वपूर्ण अंग जैसे फेफड़ों, हार्ट, किडनी, लिवर, स्किन और आंखों पर पड़ता है। जानते हैं इसके बारे में-
कैसे पहचानें प्रदूषण
इसका सबसे अधिक असर सांस के रास्ते जाकर फेफड़ों और श्वसन क्रिया पर होता है। इससे सांस लेने में तकलीफ, आंखों और त्वचा पर जलन, गले में खराश, सुबह उठते ही खांसी और बलगम आना आदि है।
कैसे फैल रहा है प्रदूषण
यह दो प्रकार से होता है एक इंसानी और दूसरा प्राकृतिक। प्राकृतिक में जंगलों की आग, ज्वालामुखी का फटना और धूल भरी आंधी। इंसानी प्रदूषण में मुख्यत: गाडिय़ों, पावर प्लांट, फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, स्प्रे और वार्निश आदि की गैसों के अलावा खेतों में कटाई के बाद जलाई जाने वाली पराली का धुआं है।
नुकसान पहुंचाने वाली तीन मुख्य गैस
नाइट्रोजन डाईऑक्साइड- कोयला व पेट्रोलियम पदार्थों के जलने से पैदा होती हैं। इसका फेफड़ों पर असर होता है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, टीबी, लंग कैंसर का खतरा। याददाश्त पर असर।
ओजोन- ग्लोबल वार्मिंग, एसी-फ्रिज में भरी जाने वाली गैसें कारण हंै। फेफड़ों पर असर, सांस लेने में दिक्कत, अस्थमा के रोगियों को अधिक खतरा।
सल्फर डाईऑक्साइड- चूल्हा और गाडिय़ों का धुआं मुख्य वजह। आंखों-सांस नली पर असर। आंखों में खुजली और सांस नली में जलन व इन्फेक्शन। अधिक होने पर ही एसिड बारिश हाती है।
सेल्स भी होते डैमेज
2.5 माइक्रॉन से छोटे कण फेफड़ों व श्वसन नली को डैमेज करते। इससे छोटे कण खून की नलियों से निकलकर हार्ट और किडनी को डैमेज करते हैं। ऑक्सीजन की कमी से दिमाग पर भी असर, 0.1 माइक्रॉन के कण सीधे दिमाग तक पहुंच जाते हैं। ये अंगों के साथ सेल्स को भी डैमेज करते हैं।
ऐसे करें बचाव
प्रदूषित स्थानों पर जाने से बचें। मास्क लगाएं। बाहर से आने के बाद नहाएं या हाथ-मुंह अच्छे से धोएं। आंखों को सुरक्षित रखने के लिए सनग्लास लगाएं। बालों में तेल लगाकर बाहर न निकलें और बाल ढंककर निकलें तो और बेहतर है। हैल्दी डाइट का ध्यान रखें और पानी खूब पीएं।
प्रदूषण का असर घटाएं
फर्न, तुलसी आदि के पौधे घर में लगाएं, इनसे प्रदूषण कम होता है। सर्दी के मौसम में घर में कीटनाशक का छिडक़ाव न कराएं। मच्छर-कॉकरोच मारने के लिए देसी उपाय अपनाएं। किचन से निकलने वाली फ्रिज, ओवन की गैसें बाहर निकलने की व्यवस्था रखें। घर में निर्माण का काम चल रहा है तो सावधानी बरतें।
योग : प्राणायाम प्रदूषण से बचाता है। इसके साथ अनुलोम-विलोम, कपालभाति से लाभ मिलता है। इसमें जलनेति से भी लाभ। स्वच्छ वातावरण में व्यायाम करें।