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कहीं आपको भी तो नहीं माइग्रेन, इन लक्षणों से पहचानें

माइग्रेन की समस्या होने पर सिर के एक हिस्से में दर्द और मिचली आती है। इसके साथ ही तेज रोशनी, धूप में निकलने, गंध, आवाज के प्रति मरीज की संवेदनशीलता बढऩे लगती है। आंखों में तेज दर्द, भारीपन, खाने की ज्यादा इच्छा यानी क्रेविंग, गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढऩा प्रमुख लक्षण हैं।

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माइग्रेन

माइग्रेन से बचने के लिए फास्ट-जंकफूड को न कहें
खानपान में फास्ट-जंक फूड, प्रोसेस्ड, सॉफ्ट ड्रिंक पीने से माइग्रेन की समस्या तेजी से बढ़ती है। इसमें जरूरत से ज्यादा नमक व प्रिजर्वेटिव से भी दिक्कत हो सकती है। यह सुपा'य नहीं होते हैं। इससे अपच, गैस, कब्ज बनने से माइग्रेन का दर्द बढ़ता है। इसलिए इनसे बचकर ही रहें। मौसमी बदलाव दर्द का कारण बन सकता है। ज्यादा शोर, बार-बार बढऩे-घटने वाली तेज रोशनी व धूप में आंखें चौंधियाना, बहुत तेज गंध से संवेदनात्मक उत्तेजना बढ़ सकती है और माइग्रेन का दर्द शुरू हो सकता है।

इसलिए बढ़ रहा माइग्रेन का दर्द
बाहर का खाना, पैक्ड व प्रोसेस्ड चीजों को खाने से पित्त और वात दोष बढ़ता है। इसके लिए योग में सबसे पहले पाचन, तनाव को रिलीज करने वाले आसन करना चाहिए। सुबह उठने के दो-तीन घंटे के अंदर ब्रेकफास्ट लें। लंच व डिनर तय समय पर लें और ओवरईटिंग न करें।सलाद खाने से आधे घंटे पहले लें। विरुद्ध आहार न लें। दूध के साथ परांठे आदि न लें। सूखे मेवे ले सकते हैं। कोई फल भी न लें। मौसमी चीजें ज्यादा खाएं। मैदे-बेसन, छोले, राजमा न खाएं। इससे बनने वाली गैस माइग्रेन की समस्या को बढ़ाती है।
ये न खाएं
पनीर, चॉकलेट, कैफीन, शराब का प्रयोग न करें। महिलाओं में बर्थ कंट्रोल पिल्स से भी दिक्कत होती है।
खानपान में बदलाव
1- हरी पत्तेदार सब्जियां और फल आहार में शामिल करें।
2- बथुआ, पालक, अंजीर, आंवला, अनार, अमरूद, सेब आदि Óयादा लें।
3- ओमेगा-& फैटी एसिड और विटामिन-बी वाले आहार नियमित लें।
4- अपने वजन के अनुसार पानी पीएं। स्वस्थ व्यक्ति प्रति 20 किलो वजन पर एक लीटर पानी पी सकता है। ज्यादा नमक वाली चीजें न खाएं। इसके अलावा शोर वाली जगहों पर जाने से बचें। खुद को भूखा न रखें।

एक्सपर्ट :डॉ. राजीव साहू, प्रोफेसर एंड हैड, डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोसर्जरी, डीकेएस हॉस्पिटल, रायपुर