आपको बता दें कि सोते समय सांसों के साथ तेज तेज आवाज आना और वाइब्रेशन होना ही खर्राटे कहलाता है। इसकी आवाज किसी के नाक तो किसी के मुंह में से आती है और यह आवाज सोने के साथ ही शुरू हो जाती है। ऐसे में खर्राटे लेने वाले के पास सोए व्यक्ति को नींद आना भी मुश्किल हो जाता है और खर्राटे मारने वाले व्यक्ति को उठने के बाद गले में जलन सी महसूस होती है।
इन कारणों से आते हैं खर्राटे- मांसपेशियों की कमजोरी- किसी व्यक्ति के गले और जीभ की मांसपेशियां बहुत शांत और शिथिल हो जाती है। तो यह लटकने लगती है। और इससे रास्ता रुक जाता है, ऐसे में गहरी नींद अधिक अल्कोहल का सेवन या नींद की गोलियां लेने के कारण ऐसा होता है। उम्र के बढ़ने से भी मांस पेशियां लटक जाती है जिससे खर्राटे आते हैं।
साइनस- साइनस के बढ़ने से नाक के छिद्र जाम हो जाते हैं और खर्राटे आने लगते हैं। अगर आप साइनस के मरीज है। तो हमेशा सावधानी रखें, आपको जुकाम है या साइनस बढ़ने से परेशान है, तो सोने से पहले भाप जरूर लें।इससे सारी गंदगी बाहर आ जाएगी और आपको सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी।
मोटापा- वजन बढ़ने के कारण भी खर्राटे की समस्या आती है। जब किसी व्यक्ति का वजन अधिक बढ़ जाता है। तो उसकी गर्दन पर ज्यादा मांस लटकने लगता है। इससे लेटते समय मांग के कारण सांस की नली दब जाती है और सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।जिससे खर्राटे आते हैं।
अल्कोहल का उपयोग- जो लोग शराब का अधिक सेवन करते हैं। उन्हें भी खराटे की समस्या होती है। क्योंकि अधिक अल्कोहल के सेवन से गले की मांसपेशियां फैल जाती है और खर्राटे आते हैं।
सोने का तरीका सही नहीं होना- अगर आपके सोने का तरीका सही नहीं है। तो भी खर्राटे कि समस्या आती है। सोते समय गले का पिछला हिस्सा थोड़ा संकीर्ण हो जाता है। ऐसे में ऑक्सीजन संकीर्ण जगह से आती है। तो आसपास के टिशू वाइब्रेट होते हैं।
सर्दी और नाक बंद- सर्दी के कारण अधिक दिनों तक नाक बंद रहने से डॉक्टर से जांच कराएं। क्योंकि नींद की गोलियां और एलर्जी रोधक दवाइयां भी श्वसन मार्ग की पेशियों को सुस्त बना देती है। जिससे खर्राटे आते हैं। इसी के साथ नीचे वाले जबड़े का छोटा होना भी खर्राटे का कारण है।जब व्यक्ति का जबड़ा सामान्य से छोटा होता है। तो लेटने पर उसकी जीभ पीछे की तरफ हो जाती है और इससे सांस नली ब्लॉक होती है। ऐसे में सांस लेने और छोड़ने पर प्रेशर पड़ता है।
पुरुषों की सांस नली महिलाओं की नली से पतली होती है। इसलिए पुरुषों को खर्राटे ज्यादा आते हैं और यह बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है। जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को होती है। व्यक्ति की गर्दन अगर ज्यादा छोटी है तो भी सांस लेते समय आवाज आती है।
खराटे की समस्या को दूर करने के उपाय- पुदीने में कई ऐसे पोषक तत्व होते हैं। जो गले और नाक के छेदों की सूजन को कम करते हैं। इससे सांस लेना आसान होता है। सोने से पहले पिपरमेंट आयल की कुछ बूंदों को पानी में डालकर गरारे करने से भी काफी फायदा मिलेगा।
-उबलते हुए पानी में 10 पुदीने की पत्तियां डालकर ठंडा होने के लिए छोड़ दें। जब पानी गुनगुना ओर पीने योग्य हो जाए तो इसको छानकर या बिना छाने पीएं। इससे कुछ ही समय में खर्राटों की समस्या ठीक हो जाती है।
-एक गिलास गुनगुने पानी में 3 चम्मच दालचीनी का पाउडर मिलाकर पीएं। इसका लगातार सेवन से आपको खर्राटे की समस्या से निजात मिलेगी। -लहसुन भी कई रोगों की रोकथाम का अचूक उपाय है। लहसुन नासिका मार्ग में बलगम के निर्माण और श्वसन प्रणाली की सूजन को कम करता है। इसके खर्राटे लेने में भी फायदा होगा। क्योंकि लहसुन घाव भरने और ब्लॉकेज को साफ करने के साथ ही श्वसन तंत्र को भी बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाती है। चैन की नींद के लिए लहसुन का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद है। एक या दो लहसुन की कली को पानी के साथ ले। इस उपाय को सोने से पहले करने से आप कर खर्राटों से राहत पा सकते हैं।