एक्सपर्ट : डॉ. प्रमोद कुमार मिश्रा, आयुर्वेद विशेषज्ञ, एसआर आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर
जयपुरPublished: Sep 29, 2019 09:09:12 pm
Ramesh Singh
हार्ट अटैक हृदय संबंधी बीमारियों में मौत के मुख्य कारणों में से एक है। समय पर इलाज न मिल पाना प्रमुख कारण है। हार्ट अटैक से पूरी दुनिया में 5.4 फीसदी मौतें भारत में होती हैं। हार्ट अटैक के बाद हार्ट मसल्स कमजोर हो जाती हैं।
दिल की सेहत को सही रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली व खानपान बहुत जरूरी है। जीवन में तनाव की बजाय हंसते मुस्कराते रहेंगे तो हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाएगा।
संतुलित थाली : दिन भर खाने में 150-200 ग्रा. हरी सब्जी, 150-200 ग्रा. फ्रूट्स व 150-200 ग्रा. सलाद, 150-200 ग्रा. अनाज होना चाहिए। (औसत मानक)
भरपूर नींद जरूरी : रात को छह घंटे से कम सोने वाले लोगों को हार्ट स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है। 7-8 घंटे की नींद लें। कार्यक्षमता भी अच्छी रहेगी।
कोलेस्ट्रॉल ऐसे घटाएं: हाई फाइबर युक्त चीजें जैसे चोकर, सोयाबीन मिले आटे की रोटी, दलिया, छिलके वाली मूंग दाल, अंकुरित गेहूं, फल-सब्जियां और लहसुन, अदरक नियमित लें।
ऐसे जांचें हार्ट की सेहत : छह मिनट में 500 मीटर पैदल चलें। इस दौरान सांस नहीं फूल रही या कोई और दिक्कत नहीं हो रही है तो जांच की जरूरत नहीं है।
दिल की सेहत के बारे में रिसर्च
ऑस्ट्रेलिया की बेकर हार्ट एंड डायबिटीज इंस्टीट्यूट की रिसर्च के अनुसार विटामिन ई हार्ट अटैक से मांसपेसियों में होने वाले नुकसान से बचा सकता है। इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट व एंटी-इनफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह हार्ट की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है। एंटी-ऑक्सिडेंट व एंटी-इनफ्लेमेटरी गुणों की वजह से यह हार्ट की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है। चूहों पर किए गए शोध के दौरान विटामिन ई (अल्फा टोकोफीरोल) दिया गया। इसके बाद उनके हार्ट पर असर देखा गया। विटमिन ई देने के बाद उनके खराब हो चुके हार्ट टिश्यू में सुधार पाया गया। साथ ही चूहों के हृदय की कार्य गतिविधि भी बढ़ गई।
एक्सपर्ट : डॉ. प्रमोद कुमार मिश्रा, आयुर्वेद विशेषज्ञ, एसआर आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर