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जापानी वैज्ञानिकों ने डीएनए-आधारित कोविड-19 वैक्सीन बनाई, अमरीका में होगा तीसरे चरण का ट्रायल

locationजयपुरPublished: Oct 25, 2020 03:09:38 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

इस टीके पर बहुत ज्यादा भरोसा जता रहे हैं वैज्ञानिक, जापानी वैज्ञानिकों ने बताया कि उनकी बनाई यह वैक्सीन सार्स-सीओवी-2 पर कारगर रही है।

जापानी वैज्ञानिकों ने डीएनए-आधारित कोविड-19 वैक्सीन बनाई, अमरीका में होगा तीसरे चरण का ट्रायल

जापानी वैज्ञानिकों ने डीएनए-आधारित कोविड-19 वैक्सीन बनाई, अमरीका में होगा तीसरे चरण का ट्रायल

दुनियाभर में कोरोना वायरस कोविड-19 (corona virus covid-19) का टीका (covid-19 vaccine) बनाने की होड़ मची है लेकिन वायरस के 10 महीने की अवधि बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई कारगर वैक्सीन वैज्ञानिक जगत दुनिया को नहीं दे सके हैं। इस प्रयास में अब जापान की ओसाका यूनिवर्सिटी (Osaka University, Japan) के वैज्ञानिकों ने भी अपना दावा पेश किया है। ओसाका विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में दो तरीकों स्यूडोवायरस ऐस्से और बाइंडिंग ऐस्से का इस्तेमाल किया है। हालांकि यह अध्ययन अब भी अपने प्रारंभिक चरण में है। 21 अक्टूबर को बायोरेक्सिव में प्रकाशित इस अध्यययन में प्रकाशित वैज्ञानिक रिपोर्टों समीक्षा नहीं की गई है इसलिए ओसाका विश्वविद्यालय के अध्ययन को मान्यता प्राप्त डेटा के रूप में निर्णायक नहीं माना जा सकता है।
जापानी वैज्ञानिकों ने डीएनए-आधारित कोविड-19 वैक्सीन बनाई, अमरीका में होगा तीसरे चरण का ट्रायल

कोविड-19 के विरुद्ध डीएनए से प्रेरित टीका
जापानी शोधकर्ताओं ने एक डीएनए-आधारित वैक्सीन विकसित की है जो कोरोना वायरस कोविड-19 के ही परिवार के एक अन्य सदस्य सार्स-सीओवी-2 (SARS-COV-2) के स्पाइक पर मौजूद ग्लाइकोप्रोटीन को लक्षित करती है। सार्स वायरस इस प्रोटीन का उपयोग मानव कोशिकाओं के एसीई-2 (ACE-2) रिसेप्टर से जुडऩे के लिए करता है। वायरस स्वस्थ मानव कोशिकाओं (HUMAN CELL) में प्रवेश करने और शरीर को संक्रमित करने के लिए एसीई-2 का उपयोग एक टूल की तरह करता है। शोधकर्ताओं ने वायरस के स्पाइक ग्लाइकोप्रोटीन के अत्यधिक-अनुकूलित डीएनए अनुक्रम (RNA) एन्कोडिंग को विकसित करने के लिए इन-सिलिको जीन अनुकूलन का उपयोग किया। यह अनुकूलन एल्गोरिद्म अभिव्यक्ति और इम्यूनोजेनेसिटी या शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाता है। डीएनए अनुक्रम एन्कोडिंग को डीएनए वैक्सीन पीवीएएक्स1 (pVAX1) के प्लास्मिड में इंजेक्ट किया। इसी तरह, उन्होंने प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं का आकलन करने के लिए स्यूडोवायरस न्यूट्रलाइजेशन एसेज का इस्तेमाल किया। अभी यह वैक्सीन जापान में क्लिनिकल परीक्षण के प्रारंभिक चरण में है। लेकिन प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला है कि टीके ने कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाला है।

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अमरीका में होगा तीसरे चरण का परीक्षण
22 अक्टूबर को अमरीका की स्वास्थ्य सेक्रेटरी और वैज्ञानिक हिल्डा बास्टियन ने ट्विटर पर संभावना जताते हुए ट्वीट किया कि ओसाका विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया जा रहा डीएनए वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण संभवत: अमरीका में हो सकता है। ट्वीट में उन्होंने कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने में ओसाका विश्वविद्यालय की साझेदार कंपनी एन्जीस की घोषणा को भी शामिल किया है। इसमें कहा गया है कि तीसरे चरण की तैयारी में अमरीकी कंपनी ब्रिकेल बायोटेक इंक के साथ सहयोग करने का सौदा हुआ था। एक बार टीके का पहला और दूसरा चरण सफल हो जाए तो वे तीसरे चरण के परीक्षण के लिए अमरीका को चुनने का प्रयास करेंगे। एन्जीस ने अनुमान लगाया है कि जापान की यह वैक्सीन 2021 तक बाजार में आ सकती है।

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