कोविड-19 के विरुद्ध डीएनए से प्रेरित टीका
जापानी शोधकर्ताओं ने एक डीएनए-आधारित वैक्सीन विकसित की है जो कोरोना वायरस कोविड-19 के ही परिवार के एक अन्य सदस्य सार्स-सीओवी-2 (SARS-COV-2) के स्पाइक पर मौजूद ग्लाइकोप्रोटीन को लक्षित करती है। सार्स वायरस इस प्रोटीन का उपयोग मानव कोशिकाओं के एसीई-2 (ACE-2) रिसेप्टर से जुडऩे के लिए करता है। वायरस स्वस्थ मानव कोशिकाओं (HUMAN CELL) में प्रवेश करने और शरीर को संक्रमित करने के लिए एसीई-2 का उपयोग एक टूल की तरह करता है। शोधकर्ताओं ने वायरस के स्पाइक ग्लाइकोप्रोटीन के अत्यधिक-अनुकूलित डीएनए अनुक्रम (RNA) एन्कोडिंग को विकसित करने के लिए इन-सिलिको जीन अनुकूलन का उपयोग किया। यह अनुकूलन एल्गोरिद्म अभिव्यक्ति और इम्यूनोजेनेसिटी या शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाता है। डीएनए अनुक्रम एन्कोडिंग को डीएनए वैक्सीन पीवीएएक्स1 (pVAX1) के प्लास्मिड में इंजेक्ट किया। इसी तरह, उन्होंने प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं का आकलन करने के लिए स्यूडोवायरस न्यूट्रलाइजेशन एसेज का इस्तेमाल किया। अभी यह वैक्सीन जापान में क्लिनिकल परीक्षण के प्रारंभिक चरण में है। लेकिन प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला है कि टीके ने कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाला है।
अमरीका में होगा तीसरे चरण का परीक्षण
22 अक्टूबर को अमरीका की स्वास्थ्य सेक्रेटरी और वैज्ञानिक हिल्डा बास्टियन ने ट्विटर पर संभावना जताते हुए ट्वीट किया कि ओसाका विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया जा रहा डीएनए वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण संभवत: अमरीका में हो सकता है। ट्वीट में उन्होंने कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने में ओसाका विश्वविद्यालय की साझेदार कंपनी एन्जीस की घोषणा को भी शामिल किया है। इसमें कहा गया है कि तीसरे चरण की तैयारी में अमरीकी कंपनी ब्रिकेल बायोटेक इंक के साथ सहयोग करने का सौदा हुआ था। एक बार टीके का पहला और दूसरा चरण सफल हो जाए तो वे तीसरे चरण के परीक्षण के लिए अमरीका को चुनने का प्रयास करेंगे। एन्जीस ने अनुमान लगाया है कि जापान की यह वैक्सीन 2021 तक बाजार में आ सकती है।