
प्रयोग से पहले जान लें प्रोबायोटिक चीजों के फायदे
भ्रम: प्रोबायोटिक्स चीजों को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है?
एक्सपर्ट: घरेलू प्रोबायोटिक चीज खाना ज्यादा फायदेमंद है जिन्हें अपनी जरूरत के अनुसार ले सकते हैं। दही, छाछ और फर्मेंटेड प्रोबायोटिक्स बाजार में भी उपलब्ध हैं। इनके प्रयोग से पहले चिकित्सीय सलाह ले सकते हैं।
भ्रम: प्रोबायोटिक चीजें हर व्यक्ति नहीं ले सकता है?
एक्सपर्ट: डायबिटीज के मरीज, गर्भवती महिलाएं या एंटीबायोटिक दवाएं खा रहे लोगों को प्रोबायोटिक चीजें लेने से पहले चिकित्सकीय परामर्श जरूरी है।
भ्रम: प्रोबायोटिक चीजें ज्यादा लेने से नुकसान करती हैं?
एक्सपर्ट: किसी भी प्रोबायोटिक में 10 लाख से 10 करोड़ तक जीवाणु होते हैं। यदि मार्केट के किसी ड्रिंक में निर्धारित मात्रा से कम या अधिक बैक्टीरिया हैं तो उसे ज्यादा लेने से सेहत को वांछित लाभ कैसे होगा।
भ्रम: जैम और जैली युक्त प्रोबायोटिक्स लेना सेहत के लिए ठीक है या नहीं ?
एक्सपर्ट: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (एम्स) के बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने पहली बार वर्ष 2010 में प्रोबायोटिक्स की गाइडलाइन जारी की थी। इसकी पैकिंग पर वायल काउंट की मुहर होनी चाहिए। इससे ड्रिंक्स में मौजूद लाइव बैक्टीरिया काउंट करते हैं। दही व मठ्ठे के अलावा जैम और जैली में लैक्टोबैसाइल बैक्टीरिया के प्रयोग को सही नहीं माना है, इनमें प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल होता है।
भ्रम: जंक फूड के दुष्प्रभाव से बचाता है?
एक्सपर्ट: जंक फूड में फाइबर की मात्रा कम होती है। इससे खाने को पचने में दिक्कत होती है। साथ ही, जरूरत से ज्यादा फैट व प्रिजर्वेटिव्ज होते हैं। इससे आंतों में गुड बैक्टीरिया की जगह बैड बैक्टीरिया बढऩे लगते हैं। प्रोबायोटिक इसमें फायदेमंद है।
एक्सपर्ट : डॉ. एकादशी रजनी, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, आरयूएचएस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, जयपुर
Published on:
15 Sept 2019 05:11 pm
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