
आयुर्वेद के अनुसार गोल्डन मिल्क सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है। इस दूध का मुख्य तत्त्व हल्दी है जो एंटीसेप्टिक और दर्दनिवारक है।
आयुर्वेद में ब्राह्मी के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है। यह एक मेद्यरसायन है जो दिमाग के लिए खासतौर पर उपयोगी बताई गई है। अल्जाइमर, पार्किंसन, एपिलेप्सी रोगों के इलाज में यह कारगर औषधि है। इसके अलावा याददाश्त व एकाग्रता में कमी, एक समय में एक काम पर ध्यान न लगे तो विशेषज्ञ ब्राह्मी को विभिन्न तरह से प्रयोग में लेने की सलाह देते हैं। ब्राह्मी का ताजा रस आयुर्वेद में उत्तम माना गया है। इसे रोजाना दो चम्मच सुबह के समय लेने से बेहद फायदा होता है। इस जड़ी-बूटी को आसानी से घर में किसी गमले या क्यारी में उगाया जा सकता है। यदि रस नहीं ले सकते हैं तो इसका चूर्ण रात में सोते समय दूध के साथ एक चम्मच की मात्रा में ले सकते हैं। एहतियात के तौर पर यदि व्यक्ति का दिमागी या हृदय से जुड़ा इलाज चल रहा है तो डॉक्टरी सलाह से इसे लें।
आयुर्वेद के अनुसार गोल्डन मिल्क सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है। इस दूध का मुख्य तत्त्व हल्दी है जो एंटीसेप्टिक और दर्दनिवारक है। इस दूध को बनाने के लिए २०० एमएल दूध में आधी चम्मच हल्दी (घर में पिसी हुई), आधा चम्मच नारियल का तेल, एक ग्राम त्रिकाटू चूर्ण (सौंठ, कालीमिर्च व पिप्पली), एक चुटकी दालचीनी का पाउडर और एक छोटी इलायची के बीज के पाउडर को मिलाकर १० मिनट तक उबालें। इसके बाद इसे छान लें। मीठे के लिए इसमें गुड़ या शहद मिलाएं। सुबह-रात आधा-आधा गिलास इसे पी सकते हैं। इससे किसी भी प्रकार के संक्रमण और त्वचा रोग दूर होंगे। जिन्हें एसिडिटी ज्यादा रहती है वे इसमें हल्दी-त्रिकाटू चूर्ण की मात्रा कम कर नारियल तेल की जगह घी उपयोग में ले सकते हैं। जिन्हें लेक्टोस इंटॉलरेंस की समस्या है वे हल्दी, तेल, दालचीनी पाउडर, इलायची का पेस्ट बनाकर गोल्डन-टी बनाएं और इसे पीएं।
Published on:
29 Sept 2017 06:34 pm
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