5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सीजन के प्रभाव से बदलती है मानसिक दशा, जानें इसके बारे में

अत्यधिक नमी या आद्र्रता होने पर एकाग्रता कम होती है और आलस बढऩे लगता है। तापमान बढऩे पर चिंता बढ़ती है। वहीं, चटख और सुहानी धूप इंसान को आशावादी बनाती है।

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर

image

Vikas Gupta

Aug 03, 2020

सीजन के प्रभाव से बदलती है मानसिक दशा, जानें इसके बारे में

Mental condition changes with the effect of season

कभी-कभी आप बिना बात के ही बेहद निराशा महसूस करते हैं या कभी बिना किसी वजह के ही बहुत खुश नजर आते हैं। आपने सोचा है, ऐसा क्यों होता है? इसे 'सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर' कहते हैं यानी मौसम बदलेगा तो मूड भी बदलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार एक मौसम के आदी हो चुके शरीर को दूसरे वातावरण के अनुकूल होने में समय लगता है और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। अत्यधिक नमी या आद्र्रता होने पर एकाग्रता कम होती है और आलस बढऩे लगता है। तापमान बढऩे पर चिंता बढ़ती है। वहीं, चटख और सुहानी धूप इंसान को आशावादी बनाती है।

विशेषज्ञ की राय -
मनोचिकित्सक के अनुसार 'सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर' के कारण इंसान के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। सर्दी या बरसात जैसे 'डल सीजन' व्यक्ति को ज्यादा प्रभावित करते हैं। ऐसे में अच्छा साहित्य पढ़ें या संगीत सुनें या परिवार के सदस्यों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं और हमेशा खुश रहने की कोशिश करें।