
Multiple Myeloma New Treatments Offer Hope and a Longer Lifespan
एक समय था जब मल्टीपल मायलोमा (Multiple myeloma) को एक खतरनाक बीमारी माना जाता था, जिससे जल्दी मृत्यु हो जाती थी. लेकिन अब डॉक्टरों के अनुसार बोन मैरो ट्रांसप्लांट, इम्यूनोथेरेपी और CAR T-cell therapy जैसी नई तकनीकों से इस बीमारी का इलाज बेहतर हो गया है.
मल्टीपल मायलोमा (Multiple myeloma) खून का कैंसर है जो प्लाज्मा कोशिकाओं से होता है. ये कोशिकाएं शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करती हैं. लेकिन, कभी-कभी ये कोशिकाएं बेकाबू होकर बढ़ने लगती हैं और शरीर में फैल जाती हैं, जिससे मल्टीपल मायलोमा हो (Multiple myeloma) ता है.
इलाज के बारे में बताते हुए फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम के डॉक्टर राहुल भार्गव का कहना है कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट मल्टीपल मायलोमा (Multiple myeloma) का एक कारगर इलाज है. उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में मरीज या किसी और व्यक्ति से स्टेम सेल लेकर रोगी के शरीर में डाले जाते हैं.
पिछले कुछ सालों में इम्यूनोथेरेपी और CAR T-cell therapy जैसी नई तकनीकों ने भी इलाज में काफी मदद की है. इनकी वजह से मरीजों की उम्र पहले के 7-8 साल से बढ़कर अब 10 साल से भी ज्यादा हो सकती है. डॉक्टर आशीष गुप्ता का कहना है कि कई मामलों में तो मरीज एक दशक से भी ज्यादा जी सकते हैं.
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पेशाब में खराबी, कमर दर्द के साथ हड्डी टूटना, खून की कमी, थकान और पेशाब में संक्रमण इस बीमारी के कुछ लक्षण हैं.
डॉक्टर आशीष गुप्ता बताते हैं कि अब मरीजों को लंबे समय तक जिया जा सकता है. साथ ही इलाज के लिए दवाओं के कारण बाल भी नहीं झड़ते. दवाएं अब इंजेक्शन के रूप में भी मिल रही हैं, जिससे मरीजों को काफी राहत मिलती है.
हालांकि डॉक्टर राहुल भार्गव का कहना है कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट जल्दी करने से ज्यादा फायदेमंद होता है. देरी करने पर इलाज का असर कम हो सकता है. उन्होंने बताया कि जो मरीज सही समय पर इलाज कराते हैं, उनके बचने की संभावना 90 प्रतिशत तक होती है.
(आईएएनएस)
Updated on:
20 Mar 2024 02:12 pm
Published on:
20 Mar 2024 02:11 pm
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