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HIV and AIDS: एचआईवी एवम् एड्स से जुड़े कुछ मिथ्य जिनके बारे में आपकों जानकारी होनी चाहिए

1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है। पूरी दुनिया में इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यकीन मानिए इस बीमारी को लेकर कई मिथकों पर लोग यकीन करते हैं।

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HIV and AIDS: एचआईवी एवम् एड्स से जुड़े कुछ  मिथ्य जिनके बारे में आपकों जानकारी होनी चाहिए

myths related to HIV and AIDS

नई दिल्ली। एचआईवी और एड्स जैसे बीमारियों को लेकर हमरे देश में पूरी जानकारी और जागरूकता अब तक नही आई है। एड्स के मरीजों के साथ तो कई जगह पर ऐसा व्यवहार किया जाता है कि उन्हें अछूत मान लिया जाता है। एड्स जैसी बीमारी घातक होती है और लोगों के लिए जिंदगी भर का दुख बन जाती है। इस बीमारी के कारण कई लोग अपनी जिंदगी खो देते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम इन दोनों बीमारियों से जुड़े मिथ्य के बारे में चर्चा करेंगे।

एचआईवी से लोगों की मौत हो जाती है
अभी भी देश में कई लोग ऐसे हैं जो इस बात पर यकीन करते हैं की यदि आपको एचआईवी जैसी बीमारी लग गई तो अब इसका कोई इलाज नहीं । और आपकी मौत तय है । इस तरह के मिथक पर आज भी लोग विश्वास करते हैं। कई सारे जागरूकता अभियान के बावजूद लोगों में अब तक इस बात की भ्रांतियां बनी हुई है।


किसी को देखकर आप बता सकते हैं कि उसे एड्स है
ये बिलकुल गलत है और अगर कोई इंसान एचआईवी के संपर्क में आता है तो उसके शरीर में जो लक्षण होते हैं वो लगभग नजरअंदाज किए जा सकते हैं। एचआईवी इन्फेक्शन के साथ जो लक्षण होते हैं वो किसी सर्दी-खांसी के लक्षणों जैसा ही होता है। साथ ही शुरुआती चीज़ें सिर्फ कुछ हफ्तों तक ही दिखती हैं।

छूने से फैलता है

इस मिथक को लेकर तो बाकायदा सरकार ने विज्ञापन बनाया है और बताया है कि ऐसा कुछ भी नहीं है। एचआईवी ना ही छूने से फैलता है, न ही आंसू, थूक, पसीने या यूरिन के जरिए। तो अगर आप एक ही जैसा टॉयलेट इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें छू रहे हैं, एक ही जगह से पानी ले रहे हैं, एक ही बर्तन में खाना खा रहे हैं तब भी एचआईवी नहीं फैलेगा। सबसे ज्यादा खतरा संक्रमित व्यक्ति के खून से होता है।