जटिल बीमारियों में मरीजों को उम्मीद दे रही नई तकनीक
नई तकनीकि जटिल बीमारियों के इलाज की राह आसान कर रही हैं। इसमें इम्यूनोथैरेपी, तावी, बिना तार का पेसमेकर व लेजर से इंजियोप्लास्टी की तकनीक ने मरीजों का दर्द व लंबे समय दवाओं के प्रयोग में भी कमी आई है। यह मरीजों की जिंदगी में नई उम्मीद बन रही है।

कैंसर में इम्यूनोलॉजी थैरेपी
इम्यूनोलॉजी कैंसर के इलाज में कारगर है। रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने के लिए थैरेपी दी जाती है। ये रोग प्रतिरोधक कोशिकाएं कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करती हैं और स्वस्थ कोशिकाओं को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचाती हैं। कैंसर के दोबारा होने की आशंका घटती है। इसके साथ ही इस थैरेपी से किसी तरह के साइड इफेक्ट भी कम होता है।
दस गुना छोटा है पेसमेकर
प हले की अपेक्षा 10 गुना छोटा है। इसको इंप्लांट करने के लिए सर्जरी की जरूरत नहीं होती है। इसे मरीज के दाएं वेंट्रिकल में आसानी से लगाया जाता है। इसके प्रयोग के लिए किसी वायर की भी जरूरत नहीं होती है। ऐसे मरीज जिनके दिल की धड़कन सामान्य से कम होती है उन्हें लगाया जाता है। जरूरत न होने पर हमेशा के लिए बंद किया जा सकता है।
टेली- रोबोटिक सर्जरी
टेली-रोबोटिक सर्जरी से दुनिया के किसी भी कोने से अस्पताल में बैठा सर्जन दूसरे सर्जन को सर्जरी के लिए निर्देशित करता है। जटिल ऑपरेशन में सुपर स्पेशलिटी ट्रीटमेंट मिलने में आसानी होगी। ग्रामीण क्षेत्रों के सर्जन जटिल केस में मदद लेकर ऑपरेशन कर सकेंगे। इलाज वाले सेंटरों का उपकरणों से लैस होना जरूरी होगा। अमरीका में ट्रायल हो चुका है।
लेजर से एंजियोप्लास्टी
हार्ट अटैक या ब्लॉकेज को लेजर एंजियोप्लास्टी से इलाज हो सकेगा। इसमें हृदय की जिस धमनी में ब्लॉकेज होगा उसे लेजर से खत्म किया जाएगा। दोबारा ब्लॉकेज भी रुकेगा। इसमें रोगी को लंबे समय तक अस्पताल में नहीं रहना पड़ेगा और किसी तरह का चीरा या टांका भी नहीं लगेगा। वॉल्व पर भी काम चल रहा है।
एक्सपर्ट : डॉ. राजीव सरीन, कैंसर रोग विशेषज्ञ, मुम्बई
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