scriptझूठी मुस्कान से भी हमारे दिमाग और शरीर रहते हैं स्वस्थ और ऊर्जासे भरपूर! | Psychologists find smiling really can make people happier,boost health | Patrika News
स्वास्थ्य

झूठी मुस्कान से भी हमारे दिमाग और शरीर रहते हैं स्वस्थ और ऊर्जासे भरपूर!

दशकों से वैज्ञानिकों में इस बात को लेकर मतभेद रहे हैं लेकिन अब वे भी मानते हैं कि एक हल्की-सी मुस्कुराहट हमें सेहतमंद बना सकती है।

Jul 15, 2020 / 01:49 pm

Mohmad Imran

झूठी मुस्कान से भी हमारे दिमाग और शरीर रहते हैं स्वस्थ और ऊर्जासे भरपूर!

झूठी मुस्कान से भी हमारे दिमाग और शरीर रहते हैं स्वस्थ और ऊर्जासे भरपूर!

एक नए शोध के अनुसार मुस्कुराने पर लोग वास्तव में सच्ची खुशी महसूस करते हैं। नॉक्सविले स्थित टैनेसी विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिकों की एक टीम ने 138 पूर्व अध्ययनों के आंकड़ों को 11000 से अधिक प्रतिभागियों पर परीक्षण करने के बाद यह पाया कि चेहरे के भावों से हमारी भावनाएं प्रभावित होती हैं। एक नए शोध पेपर के अनुसार, मुस्कुराते हुए लोग वास्तव में खुश महसूस करते हैं। टैनेसी विश्वविद्यालय, नॉक्सविले और टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की संयुक्त टीम करीब 50 वर्षों के डेटा की जांच कर यह जानने का प्रयास कर रही थी कि क्या चेहरे के भाव लोगों को उससे जुड़ी अभिव्यक्तियों को महसूस करवा सकते हैं। वहीं अगर हमारे चेहरे के भाव गंभीर हैं तो हम खुद को भीतर से भी ऐसे ही मूड में महसूस करते हैं। लेकिन मनोवैज्ञानिकों में इस विचार को लेकर बीते कारीब १०० सालों से मतभेद थे।
झूठी मुस्कान से भी हमारे दिमाग और शरीर रहते हैं स्वस्थ और ऊर्जासे भरपूर!
भावनाओ को व्यक्त करती हैं
मेटा-एनालिसिस नामक एक सांख्यिकीय तकनीक का उपयोग कर कोल्स और उनकी टीम ने पाया कि चेहरे के भाव हमारी आंतरिक भावनाओं पर आंशिक रूप से प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए, मुस्कुराहट लोगों को खुशी का एहसास कराती है। ऐसे ही त्यौरियां चढ़ाने पर हमें गुस्से का अहसास होता है। कोल्स का कहना है कि नए परीक्षण के नतीजे काफी रोचक हैं। वे यह संकेत देते हैं कि हमारा मन और शरीर भावनाओं के हमारे अनुभव को प्रदर्शित करने के लिए कैसे खुद को सक्रिय करता है। लेकिन मेटा-एनालिसिस से यह समझने के लिए कि भावनाएं कैसे काम करती हैं, हम काफी करीब आ गए हैं।
झूठी मुस्कान से भी हमारे दिमाग और शरीर रहते हैं स्वस्थ और ऊर्जासे भरपूर!
झूठी मुस्कुराहट भी सेहत के लिए अच्छी
वहीं कुछ वैज्ञानिक ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि मुस्कुराहट हमारे दिमाग को चकमा देकर खुश होने का अहसास करवा सकती है। इससे न केवल हम प्रसन्न नजर आते हैं बल्कि हमारा स्वास्थ्य भी बेहतर होता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि मुस्कान हमारे मस्तिष्क में एक शक्तिशाली रासायनिक प्रतिक्रिया को जन्म देती है जो हमें खुशी का अनुभव कराती है। यहां तक कि अगर हम झूठे ही मुस्कुराएं तो भी यह हमारा तनाव कम करने में सक्षम हो सकती है। साथ ही हृदय गति को भी सामान्य करती है।
झूठी मुस्कान से भी हमारे दिमाग और शरीर रहते हैं स्वस्थ और ऊर्जासे भरपूर!
केमिकल बैलेंस का खेल
वैज्ञानिकों का कहना है कि केवल मुस्कुराने की एक्टिंग करने से ही हमारी मनोदशा में बदलाव आने लगता है। तनाव कम कर यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है जिससे संभवत: हम दीर्घायु हो सकते हैं। न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. ईशा गुप्ता का कहना है कि मुस्कुराहट मस्तिष्क में एक रासायनिक प्रतिक्रिया पैदा करती है जिससे डोपामाइन और सेरोटोनिन सहित कुछ अन्य हार्मोन निकलते हैं। डोपामाइन हमारे खुशी के स्तर को बढ़ाता है जबकि सेरोटोनिन का संबंध तनाव को कम करने से है। डॉ. गुप्ता का कहना है कि सेरोटोनिन का निम्न स्तर अवसाद और आक्रामकता को बढ़ाता है। इसी तरह डोपामाइन के निम्न स्तर से अवसाद जुड़ा होता है।
आपके बच्चे को फूड एलर्जी है तो इन बातों का रखें ध्यान, स्मार्ट तरीके से करवाएं नाश्ता
झूठी मुस्कान दिमाग को करती भ्रमित
दरअसल, मुस्कुराहट हमारे मस्तिष्क को यह विश्वास दिला सकती है कि आप खुश हैं जो हमारे अंदर खुशी की वास्तविक भावनाओं को प्रेरित करता है। साइकोएनेरोइम्यूनोलॉजी (मस्तिष्क कैसे प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ा है का अध्ययन) की विशेषज्ञ हैं। उनका कहना है कि सिर्फ मुस्कुराने की शारीरिक क्रिया हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली में अंतर ला सकती है। जब आप मुस्कुराते हैं तो मस्तिष्क मांसपेशियों की गतिविधि को देखता है और मानता है कि हम वास्तव में हंस या मुस्कुरा रहे हैं। यानि दिमाग को इस बात से मतलब नहीं है कि क्या आप वास्तव में यह मुस्कुरा रहे हैं या सिर्फ दिखावा कर रहे हैं। यानि एक झूठी मुस्कुराहट से भी आप तनाव कम कर सकते हैं। वेल्स में कार्डिफ विश्वविद्यालय के एक समूह पर किए गए अध्ययन में सामने आया कि जो लोग तनाव के वक्त मुस्कुराते हैं वे अपनी समस्या का बेहतर समाधान कर सकते हैं।
नियमित अभ्यास से ये मिलते हैं फायदे
-मुस्कान हमारे सोचने और महसूस करने के तरीके को बिल्कुल बदल देती है
-रोज सुबह जानबूझकर 60 सेकंड बिना बात के मुस्कुराने से खुद को सुपरचार्ज कर सकते हैं
-यह तरीका तनाव कम महसूस करने में मदद करता है और मेरे मूड को भी तुरंत ठीक कर देता है
-मुस्कुराहट अधिक सक्रिय रहने और बर्नआउट से बचने में मदद करती है

Home / Health / झूठी मुस्कान से भी हमारे दिमाग और शरीर रहते हैं स्वस्थ और ऊर्जासे भरपूर!

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो