scriptकोरोना वायरस के बाद अब वैज्ञानिकों ने सोशल मीडिया पर फंगस की नई प्रजाति खोजी, नाम दिया ‘ट्रोग्लामीज़ ट्विटरी वायरस’ | Scientists Named New Species Discovered on Twitter, Named After the So | Patrika News

कोरोना वायरस के बाद अब वैज्ञानिकों ने सोशल मीडिया पर फंगस की नई प्रजाति खोजी, नाम दिया ‘ट्रोग्लामीज़ ट्विटरी वायरस’

locationजयपुरPublished: May 20, 2020 10:46:52 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

समूह के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस फंगस की खोज से स्पष्ट हो जाता है कि सोशल मीडिया की अनुंसधान क्षेत्र में भूमिका लगातार बढ़ती जा रही है।

कोरोना वायरस के बाद अब वैज्ञानिकों ने सोशल मीडिया पर फंगस की नई प्रजापति खोजी, नाम दिया 'ट्रोग्लामीज़ ट्विटरी वायरस'

कोरोना वायरस के बाद अब वैज्ञानिकों ने सोशल मीडिया पर फंगस की नई प्रजापति खोजी, नाम दिया ‘ट्रोग्लामीज़ ट्विटरी वायरस’

हाल ही ट्विटर पर पोस्ट की गई एक तस्वीर की बदौलत शोधकर्ताओं के एक दल ने फंगस की नई प्रजाति की खोज की। वर्जीनिया टेक मिलीपेड के विशेषज्ञ डेरेक हेनेन ने ट्विटर पर इस तस्वीर को साझा किया और एक नई कवक प्रजाति की खोज के बारे में बताया। तस्वीर में फंगस पर बने लाल घेरे दिखाते हैं कि कवक कहां स्थित है। यह नई प्रजाति अब कवक के लैबोलबेंबियलस पुंगस के वंश का हिस्सा है। सोशल मीडिया साइट के बाद शोधकर्ताओं द्वारा इसे ‘ट्रोग्लॉमीज़ ट्विटरी’ कहा गया जहां यह पहली बार देखा गया था।
कैसे खोजी यह नई प्रजाति
शोधकर्ताओं की खोज तब शुरू हुई जब डेनमार्क के कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के जीव विज्ञानी और सहयोगी प्रोफेसर एना सोफिया रेबोलेरा ने ट्विटर पर एक तस्वीर के बारे में कुछ असामान्य पाया, जिसे किसी यूजर ने 31 अक्टूबर, 2018 को पोस्ट किया गया था। एंटोमोलॉजिस्ट डेरेक हेनेन ज्रिहोंने 2018 में फंगस की कुछ नवीन प्रजातियों की छवि पोस्ट की थी उन्होंने मिलिपेड, ओहियो से तस्वीरें देखकर पता लगाया कि इस तस्वीर को एंटोमोलॉजी के छात्र केंडल डेविस ने यह विशेष तस्वीर ट्वीट की थी। रेबोलेरा ने कहा कि उसने मिलपेड की सतह पर कवक की तरह कुछ देखा। उन्होंने बताया कि ऐसा कोई भी कवक अमरीकी मिलिपीड्स पर कभी नहीं पाए गए थे। पेरिस के मुसेम राष्ट्रीय डी-हिस्टॉयर नेचरल के मिलिपीड्स नमूनों ने इस नई प्रजाति की खोज को मान्यता प्रदान की है।
कैसा दिखता है ‘ट्रोग्लॉमीज़ ट्विटरी’
‘ट्रोग्लॉमीज़ ट्विटरी’ फंगस के एक ऐसे वंश क्रम का हिस्सा है जिसे लबोलबेंनियलस कहा जाता है जो कीटों और मिलीपीड्स पर हमला करने वाले छोटे कवक परजीवी होते हैं। यह छोटे लार्वा की तरह लगता है। ये कवक मेजबान जीवों के शरीर के बाहर मिलिपीड्स प्रजनन अंगों पर रहते हैं। लबोलबेंनियलस को सबसे पहले 19 वीं शताब्दी के मध्य में पहली बार खोजा गया था। 1890 में रोलां थैक्सर द्वारा संचालित हार्वर्ड विश्वविद्यालय की एक व्यापक अध्ययन में उनकी वर्गीकरण स्थिति स्थापित की गई थी। थैक्सर ने इन कवक की 1260 प्रजातियों का वर्णन किया है।
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