
Soybean Side Effects (photo- freepik)
Soybean Side Effects: सोयाबीन को हेल्दी प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मिनरल और खास कंपाउंड (आइसोफ्लेवोन) पाए जाते हैं, जो दिल को मजबूत रखने, कोलेस्ट्रॉल कम करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। लेकिन ये बात भी सच है कि किसी भी चीज की अति नुकसानदायक होती है। अगर सोयाबीन का सेवन जरूरत से ज्यादा कर लिया जाए तो शरीर पर इसके कुछ साइड इफेक्ट भी देखने को मिल सकते हैं।
सोयाबीन में पाए जाने वाले फाइटोएस्ट्रोजेन शरीर के हार्मोन को प्रभावित कर सकते हैं। ज्यादा खाने से महिलाओं के हार्मोन बिगड़ सकते हैं और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन कम हो सकता है। थायरॉइड की समस्या वाले लोगों को भी ज्यादा सोया खाने से दिक्कत हो सकती है।
सोया में काफी फाइबर होता है। थोड़ी मात्रा में ये पेट के लिए अच्छा है, लेकिन ज्यादा खाने पर गैस, पेट फूलना, क्रैम्प्स और दस्त हो सकते हैं। जिन लोगों को IBS (इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम) है, उन्हें इसे धीरे-धीरे और कम मात्रा में खाना चाहिए।
सोया में फाइटिक एसिड होता है, जो आयरन, जिंक और कैल्शियम जैसे मिनरल्स को शरीर में ठीक से अवशोषित नहीं होने देता। लगातार ज्यादा सोया खाने से शरीर में इन मिनरल्स की कमी हो सकती है।
कई लोगों को सोया से एलर्जी होती है। इससे खुजली, लाल चकत्ते, सूजन, और गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है।
कुछ स्टडीज बताती हैं कि ज्यादा सोया खाने से पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी और टेस्टोस्टेरोन लेवल पर असर पड़ सकता है। हालांकि हल्की-फुल्की मात्रा में कोई दिक्कत नहीं होती।
बाज़ार में मिलने वाले कई सोया प्रोडक्ट्स (सोया मिल्क, स्नैक्स, प्रोटीन बार्स) में अतिरिक्त शुगर होती है। इससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है। डायबिटीज के मरीजों को लेबल चेक करके ही सोया प्रोडक्ट लेना चाहिए।
सोया थायरॉइड और हार्मोन से जुड़ी दवाइयों के असर को कम कर सकता है। अगर आप किसी दवा पर हैं तो डॉक्टर से पूछे बिना सोया ज्यादा मात्रा में न लें।
सोया में ऑक्सालेट पाया जाता है, जो किडनी स्टोन बनने का कारण बन सकता है। जिन लोगों को पहले से स्टोन की समस्या है, उन्हें सोया ज्यादा नहीं खाना चाहिए।
सोया अपने आप में हेल्दी है, लेकिन प्रोसेस्ड सोया प्रोडक्ट्स (सोया चिप्स, बार्स, प्रोटीन पाउडर) ज्यादा खाने से कैलोरी बढ़ती है और धीरे-धीरे वजन भी बढ़ सकता है।
सोया से बने इंफैंट फॉर्मूला (दूध पाउडर) में हार्मोन जैसे कंपाउंड होते हैं, जो बच्चों के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। बच्चों को सोया सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही देना चाहिए।
Updated on:
25 Aug 2025 12:08 pm
Published on:
25 Aug 2025 12:07 pm
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
